NCERT Solutions Class 5 आस पास Chapter-20 (किसके जंगल ?)
Class 5 आस पास
Chapter-20 (किसके जंगल ?)
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
Chapter-20 (किसके जंगल ?)
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 183)
चर्चा करो
प्रश्न 1.
तुम्हें क्या लगता है, जंगल क्या होते हैं?
उत्तर:
जंगल तरह-तरह के बहुत सारे पेड़ों से अच्छादित बहुत बड़े क्षेत्रफल वाली जगह होती है। जंगल बहुत सारे जानवरों, कीड़े-मकोड़े आदि का प्राकृतिक घर है।
प्रश्न 2.
कहीं बहुत सारे पेड़ उगाए गए हों तो क्या वह जंगल बन जाता है?
उत्तर:
नहीं, वह जंगल नहीं बन जाता है। जंगल बहुत ही घने तथा बहुत बड़े क्षेत्रफल में तरह-तरह के छोटे बड़े पेड़ों एवं पौधों से बना हुआ इलाका होता है। जंगल बहुत सारे जानवरों का प्राकृतिक घर होता है।
पता करो और लिखो
प्रश्न 1.
पेड़ों के अलावा जंगल में और क्या-क्या होता है?
उत्तर:
जंगल में पेड़ों के अलावा कई तरह के जानवर, कीड़े-मकोड़े, पक्षी आदि होते हैं।
प्रश्न 2.
क्या सभी जंगलों में एक ही तरह के पेड़ होते हैं? तुम कितने पेड़ पहचान लेते हो?
उत्तर:
अलग-अलग जंगलों में अलग-अलग तरह के पेड़ हो सकते हैं। मैं पीपल, आम, बबूल, बरगद, आदि पेड़ों को पहचान सकता हूँ।
प्रश्न 3.
सूर्यमणि कहती हैं अगर जंगल नहीं बचेंगे तो हम भी नहीं बचेंगे। ऐसा क्यों?
उत्तर:
जंगल हमारे लिए जरूरी है। जंगल पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में हमारी मदद करते हैं। यह कई हानिकारक गैसों को सोख लेता है तथा ऑक्सीजन छोड़ता है। जंगल हमें लकड़ी, जड़ी-बूटी तथा अन्य कई तरह के कच्चे माल देता है। इसलिये, सूर्यमणि का कथन सही है।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 184)
सोचो और लिखो।
प्रश्न 1.
तुम किसी को जानते हो जिसे जंगल से बहुत लगाव है?
उत्तर:
हाँ, मैं और मेरे एक दोस्त को जंगल से बहुत लगाव है।
प्रश्न 2.
ठेकेदार ने सूर्यमणि के गाँव वालों को जंगल में जाने से रोका। सोचो क्यों?
उत्तर:
ठेकेदार जंगल से पेड़ एवं लकड़ियाँ कोटकर बेचता था। वह नहीं चाहता था कि दूसरे लोग भी जंगल के संसाधन का उपयोग करें। इसलिये ठेकेदार सूर्यमणि के गाँव वालों को जंगल में जाने से रोका।
प्रश्न 3.
क्या तुम्हारे आस-पास कोई ऐसी जगह है, जो तुम सोचते हो सभी के लिए होनी चाहिए पर वहाँ जाने से लोगों को रोका जाता है?
उत्तर:
हाँ, मेरे शहर में एक बहुत बड़ी झील है। सुरक्षा कारणों से वहाँ आम लोगों को जाने से रोका जाता है। मैं समझता हूँ वह आम लोगों के लिए खुला होना चाहिए।
चर्चा करो।
प्रश्न 1.
तुम्हें क्या लगता है-जंगल किसके हैं?
उत्तर:
जंगल सभी के लिए हैं।
प्रश्न 2.
बुधियामाई ने कहा-जंगल तो हमारा ‘साँझा बैंक’ है-न तेरा, न मेरा। क्या कोई और ऐसी चीज है जो हम सबका साँझा खजाना है, कोई उसका ज्यादा इस्तेमाल करे तो सभी को नुकसान होगा?
उत्तर:
हाँ, कई सारे प्राकृतिक चीजें हैं जो हम सबका साँझा खजाना है। जैसे-भू-गर्भीय जल, नदियों तथा समुद्र की मछलियाँ, खनिज, जीवाश्म ईंधन, आदि।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 185)
प्रश्न 1.
क्या तुम्हारा ऐसा कोई साथी है, जिसे तुम अपने मन की हर बात बता सकते हो?
उत्तर:
हाँ, मेरा एक साथी है, जिसे मैं मन की हर बातें बता सकता हूँ।
प्रश्न 2.
कई लोग जंगल से इतनी दूर हो गए हैं कि अक्सर आदिवासियों की जिंदगी नहीं समझते। कुछ तो उन्हें जंगली भी कह देते हैं। ऐसा कहना क्यों सही नहीं है?
उत्तर:
‘जंगली’ एक अपमानजनक संबोधन है। प्रायः असभ्य लोगों को ‘जंगली’ से संबोधित किया जाता है। आदिवासियों की संस्कृति आम लोगों से बिल्कुल अलग तरह की होती है। दरअसल आदिवासी लोग असभ्य नहीं हैं बल्कि उनके । रहन-सहन, खान-पान के तरीके हमलोगों से बिल्कुल अलग तरह के हैं। इसलिये उन्हें ‘जंगली’ कहना गलत है।
प्रश्न 3.
आदिवासी कैसे रहते हैं इस बारे में तुम क्या जानते हो? लिखो और चित्र बनाओ।
उत्तर:
आदिवासी बिल्कुल सरल तरीके से रहते हैं। वे बिल्कुल ही सरल कपड़े पहनते हैं। वे लोग त्योहारों के दौरान पत्तों तथा फूलों से बने हुये वस्त्र पहनते हैं। वे जीविकोपार्जन के लिए जंगल पर निर्भर होते हैं। वे जंगल से लकड़ियाँ, पत्ते, गोंद, शहद आदि इकट्ठा कर उन्हें बेचकर अपना जीविकोपार्जन करते हैं। वे लोग पत्तों, लकड़ियों, बासों आदि से क़ई उपयोगी चीजें बनाते हैं। उन्हें जड़ी-बूटी का बहुत अच्छा ज्ञान होता है।
प्रश्न 4.
क्या तुम्हारा कोई आदिवासी दोस्त है? उससे जंगल के बारे में तुमने क्या-क्या सीखा?
उत्तर:
हाँ, मेरा एक दोस्त आदिवासी है। वह मेरे क्लास में पढ़ता है। मैंने उससे बहुत सारे पेड़ों तथा पौधों को पहचानना सीखा है, जिनसे मैं बिल्कुल ही अनभिज्ञ था। मैंने उससे पत्तों से खाद बनाना सीखा। मैंने उससे बाँस तथा पत्तों से कई उपयोगी वस्तुएँ बनाना सीखा है।’
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 187)
सोचो
प्रश्न 1.
क्या तुम ऐसे किसी और व्यक्ति को जानते हो जो जंगलों के पेड़-पौधे के लिए काम करते हैं?
उत्तर:
हाँ, मेरे पड़ोस में एक व्यक्ति रहते हैं जो एक गैर-सरकारी संस्था चलाते हैं। उनकी संस्था जंगल के पेड़ पौधों तथा वन्य जीवों के लिए काम करते हैं।
प्रश्न 2.
तुम्हारा अपना सपना क्या है? पूरा करने के लिए तुम क्या करोगे?
उत्तर:
मैं एक पायलट बनना चाहता हूँ। उसके लिए मैं खूब पढ़ेगा तथा भारतीय वायु सेना में पायलट बनूंगा।
प्रश्न 3.
अखबारों में से जंगल की खबरें इकट्ठी करो। क्या जंगल कटने के कारण मौसम पर प्रभाव के बारे में कोई खबर है? क्या?
उत्तर:
हाँ, मैंने जंगल के कटने से मौसम पर क्या असर पड़ा है से संबंधित कई खबरें अखबार से इकट्ठी की है। मैनें उनमें पढ़ा है कि जंगल के ज्यादा कटाई के कारण वृष्टि औसत से भी कम हो गई है। जिसके कारण ज्यादा गर्मी पड़ रही है तथा सूखे का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
प्रश्न 4.
तोरांग में सूर्यमणि अपने आदिवासी रहन-सहन, नृत्य-संगीत को जिंदा रखने के लिए बहुत कुछ करती हैं। क्या तुम अपने समुदाय के लिए ऐसा कुछ करना चाहोगे? तुम किस चीज को बचाए रखना चाहोगे?
उत्तर:
हाँ, मैं अपने समुदाय की संस्कृति बचाये रखने के लिए कुछ करना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि परंपरागत पेंटिंग के तरीके जीवित रहें।
पढ़ो और बताओ
प्रश्न 1.
उड़ीसा के एक स्कूल की दसवीं क्लास की लड़की सिकिया ने वहाँ के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। उसका एक हिस्सा पढ़ो।
उत्तर:
प्रश्न 2.
क्या तुम्हारे आस-पास कोई फैक्टरी है या कोई काम चल रहा है? किस तरह का काम?
उत्तर:
हाँ, मेरे इलाके में एक निर्माण कार्य चल रहा है। वहाँ पर एक ताप विद्युत घर बनाया जा रहा है।
प्रश्न 3.
फैक्टरी की वजह से क्या जमीन और पेड़ों पर कोई असर पड़ रहा है? क्या वहाँ के लोगों ने भी इस बात को उठाया है।
उत्तर:
हाँ, ताप विद्युत संयंत्र बनने के कारण उस जगह के पेड़ों को काट दिया गया है। ताप विद्युत संयंत्र के चालु होने के बाद उससे उड़ने वाले राख के कारण वहाँ का एक बड़ा इलाका बंजर हो रहा है। कई लोगों ने इसके लिए सरकार को पत्र लिखा है।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 188)
पता करो और लिखो।
प्रश्न 1.
नक्शा देखो और पहचानो कि नक्शे में क्या दिखाया गया है?
उत्तर:
यह भारत का नक्शा है। इसमें घने जंगल तथा कम घने जंगल वाले इलाकों को दिखाया गया है।
प्रश्न 2.
तुमने सिकिया की चिट्ठी पढ़ी। नक्शे में देखो उड़ीसा कहाँ है?
उत्तर:
उड़ीसा भारत के पूर्वी समुद्री भाग में अवस्थित है। यह छत्तीसगढ़ से पूरब, पश्चिम बंगाल से दक्षिण तथा आन्ध्र प्रदेश से पूरब-उत्तर: की तरफ है।।
प्रश्न 3.
क्या उड़ीसा के किसी किनारे पर समुद्र है? समुद्र कैसे पहचाना?
उत्तर:
हाँ, उड़ीसा बंगाल की खाड़ी के पास है। मैंने उसे नक्शे में पहचाना।।
प्रश्न 4.
नक्शे में और कौन-कौन से ऐसे राज्य हैं, जिनके किसी किनारे पर समुद्र है?
उत्तर:
पश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदश, केरल, गोवा, महाराष्ट्र तथा गुजरात के किनारे पर समुद्र है।
प्रश्न 5.
नक्शे में सूर्यमणि का राज्य झारखंड कहाँ है?
उत्तर:
सूर्यमणि का राज्य झारखंड, नक्शे में बिहार से दक्षिण, उड़ीसा से उत्तर: तथा मध्यप्रदेश से पूरब में है।
प्रश्न 6.
नक्शे में जंगल कहाँ-कहाँ हैं? कैसे पहचानोगे?
उत्तर:
लगभग सभी राज्यों में जंगल हैं। कुछ राज्य में ज्यादा जंगल हैं तथा कुछ में कम। नक्शे में जंगलों को हरे रंग में दिखलाया जाता है।
प्रश्न 7.
यह कैसे पहचाना, कहाँ ज्यादा घने जंगल हैं और कहाँ कम घने जंगल हैं?
उत्तर:
नक्शे में घने जंगलों को गाढ़े हरे रंग से दिखलाया जाता है तथा कम घने जंगल वाले इलाकों को हल्के हरे रंग से।
प्रश्न 8.
नक्शे में कौन-सा राज्य है जहाँ सबसे ज्यादा घने जंगल हैं?
उत्तर:
नक्शे में अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तर:ाखंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तथा कर्नाटक में सबसे ज्यादा घने जंगल है।
प्रश्न 9.
अगर कोई मध्य प्रदेश में है तो देश के सबसे ज्यादा घने जंगल उसकी किस दिशा में होंगे? उन राज्यों के नाम लिखो।
उत्तर:
यदि कोई मध्य प्रदेश में हैं, तो देश के सबसे ज्यादा जंगल उसके उत्तर: तथा पूरब में होगा। अरूणाचल प्रदेश, उत्तर:ाखंड, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा घने जंगल हैं।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 190)
पता करो
प्रश्न 1.
नक्शे में मिजोरम और उसके आस-पास के राज्यों के नाम पढ़ो।
उत्तर:
मिजोरम के आसपास के राज्य त्रिपुरा, असम तथा मणिपुर हैं।
प्रश्न 2.
तुमने जमीन को टीन से नापने का तरीका पढ़ा। जमीन को नापने के और तरीके क्या-क्या हैं?
उत्तर:
जमीन को बाँस, पैर के डग, हाथ, मीटर, तथा फीट से भी नापा जाता है। इसके अलावे जमीन को मापने के लिए। डिसमल, एकड़, हेक्टेयर, कट्ठा तथा बीघा का भी उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 3.
स्कूल से आते हुए बच्चों ने रास्ते में बॉस के बने कप से पानी पीया। तुम्हें क्या लगता है, जंगल में कप किसने बनाकर रखा होगा? क्यों?
उत्तर:
जंगल में आदिवासियों ने बाँस के कप वहाँ से गुजरने वाले लोगों के लिए बनाकर रखा था। ताकि आने-जाने वाले लोग उसका इस्तेमाल कर सकें।
प्रश्न 4.
तुमने ऐसी कोई चीज देखी है जो लोग इस्तेमाल करते हों और जिसकी रखवाली के लिए कोई बैठा न हो?
उत्तर:
हाँ, मैंने प्याऊ, तालाब, कुँआ, नल, हैंडपम्प आदि देखे हैं, जो कि आम लोगों के उपयोग के लिए होता है तथा उनकी रखवाली कोई नहीं कर रहा होता है।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 191)
हम क्या समझे
प्रश्न 1.
भास्कर भाई की खेती और झूम खेती में क्या समानता है और क्या फर्क है?
उत्तर:
भास्कर भाई की खेती और झूम खेती में निम्नांकित समानताएँ एवं फर्क हैं
समानताएँ : दोनों तरह की खेती में जैविक खाद का उपयोग किया जाता है।
अंतर : भास्कर भाई पौधों का उपयोग जैविक खाद बनाने में करते हैं। वे जैविक खाद को कम्पोस्टिंग के द्वारा बनाते हैं। वे कम्पोस्टिंग के लिए बने गड्ढे में केंचुए का उपयोग करते हैं।
जबकि झूम खेती में खर-पतवारों को खेतों में ही जला दिया जाता है तथा रोख खेतों की मिट्टी में मिल जाता है। यह राख खाद का काम करती है।
भास्कर भाई बीज बोने से पहले खेतों को जोतते हैं जबकि झूम खेती में बीज बोने से पहले केवल आँसुए से जमीन को हिला दिया जाता है तथा बीज बो दिये जाते हैं।
प्रश्न 2.
सूर्यमणि को जंगल से बहुत लगाव था। अपने शब्दों में समझाओ क्यों?
उत्तर:
जंगल सभी के लिए महत्वपूर्ण तथा आवश्यक है परन्तु वैसे लोग जो जंगलों में रहते हैं उसके लिए जंगल का विशेष ही महत्व है। जंगल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। वे लोग जंगल से जलावन के लिए लकड़ियाँ लाते हैं। जंगल से अनेक तरह के फल तथा कंद-मूल खाने के लिए मिलता है। जंगल से बहुत ही उपयोगी जड़ी-बूटियाँ मिलती हैं। वे लोग जंगलों से और कई सारी उपयोगी चीजें इकट्ठा करते हैं तथा उसे बाजार में बेचकर जीविकोपार्जण करते हैं।
आदिवासियों का जीवन पूर्णतः जंगल पर निर्भर रहता है।
प्रश्न 3.
झूम खेती में तुम्हें क्या कोई बात अनोखी लगी?
उत्तर:
झूम खेती की कुछ अनोखी बातें
- जमीन का एक नया टुकड़ा उसमें उगे पेड़ पौधों को जलाने के बाद खेती के लिए खाली किया जाता है।
- खर-परतवार को खेतों में ही जला दिया जाता है जिसकी राख खेतों में मिलकर खाद का काम करती है।
- झूम खेती में मिश्रित फसल उगाये जाते हैं।
- खेती के लिए एक बार उपयोग की गई जमीन को कुछ सालों के लिए खाली छोड़ दिया जाता है।
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 5 आस पास पीडीएफ
- 1. कैसे पहचाना चींटी ने दोस्त को
- 2. कहानी सपेरों की
- 3. चखने से पचने तक
- 4. खाएं आम बारहों महीने
- 5. बीज ,बीज ,बीज
- 6. बूँद -बूँद ,दरिया -दरिया
- 7. पानी के प्रयोग
- 8. मच्छरों की दावत
- 9. डायरी कमर सीधी ऊपर चढ़ो
- 10. इमारतें
- 11. सुनीता
- 12. खत्म हो जाए तो
- 13. बसेरा ऊँचाई पर
- 14. जब धरती काँपी
- 15. उसी से ठंडा उसी से गर्म
- 16. कौन करेगा यह काम
- 17. फांद ली दीवार
- 18. जाएँ तो जाएँ कहाँ
- 19. किसानों की कहानी-बीज की जुबानी
- 21. किसकी झलक किसकी छाप
- 22. फिर चला काफिला