NCERT Solutions Class 4 आस-पास Chapter-10 (हु तू तू ,हु तू तू)
Class 4 आस-पास
Chapter-10 (हु तू तू ,हु तू तू)
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
Chapter-10 (हु तू तू ,हु तू तू)
(पृष्ठ संख्या 79)
प्रश्न 1.
तुम्हारे यहाँ कबड्डी की एक टीम में कितने खिलाड़ी होते हैं?
उत्तर:
एक टीम में 8 खिलाड़ी होते हैं।
प्रश्न 2.
श्यामला ने जब बीच की लाईन छुई, तो कितनी लड़कियाँ आउट हुई थीं?
उत्तर:
टीम की सारी 8 लड़कियाँ आउट हुई थी।
प्रश्न 3.
क्या तुम्हारे पास खेलों के झगड़े निपटाने के तरीके हैं?
उत्तर:
हाँ, हमारे पास खेलों के झगड़े निपटाने के कई तरीके हैं।
अपनी साँस रोक कर ‘कबड्डी कबड्डी’ बोल कर देखो। कितनी बार बोल पाये?
उत्तर:
50 बार।
प्रश्न 2.
क्या कबड्डी खेलते हुए भी इतनी बार ही बोल पाते हो? क्या कोई अंतर है?
उत्तर:
नहीं। कबड्डी खेलते हुए इतनी बार नहीं बोल पाता हूँ। लगभग 10, बार का अंतर होता है।
प्रश्न 3.
श्यामला ने पूरी टीम को एक बार में ही आउट कर दिया। इसका चित्र कॉपी में बनाकर दिखाओ।
उत्तर:
प्रश्न 4.
‘आउट’ होना क्या होता है? कबड्डी में कब-कब ‘आउट’ होते हैं?
उत्तर:
जब किसी खिलाड़ी को प्रतिद्वंद्वी टीम का खिलाड़ी पकड़ कर दबोचता है और उसकी सांस टूट जाती है तो इस स्थिति में उसे आउट करार दिया जाता है। जब दूसरे पक्ष का खिलाड़ी किसी खिलाड़ी को छू देता है, उस स्थिति में उसे आउट करार दिया जाता है।
प्रश्न 5.
कई खेलों में खिलाड़ी को छूना बहुत जरूरी होता है, जैसे-खो-खो के खेल में। छूने से आउट होते हैं, और छूने से ही बारी भी आती है। ऐसे और खेलों के नाम बताओ, जिनमें खिलाड़ी को छूना बहुत जरूरी होता है।
उत्तर:
छुआ-छुई, डेंगा-पानी, चोर-सिपाही।
प्रश्न 6.
कबड्डी में श्यामला के बीच की लाईन छूने से सब आउट हो गये थे। ऐसे कौन-कौन से खेल हैं, जिनमें बीच की लाईन का महत्व होता है?
उत्तर:
बैडमिंटन, टेनिस, टेबल टेनिस, इत्यादि।
प्रश्न 7.
ऐसे कौन-से खेल हैं, जिनमें खिलाड़ी के अलावा रंगों या चीजों को छूते हैं?
उत्तर:
खो-खो-चीजों को छुआ जाता है।
रंग पकड़-रंग को छुआ जाता है।
प्रश्न 8.
क्या तुम कबड्डी खेलते हो?
उत्तर:
हाँ, मैं कभी-कभी कबड्डी खेलता हूँ।
प्रश्न 9.
क्या तुम्हारे स्कूल में लड़कियों की कबड्डी की टीम है?
उत्तर:
नहीं, मेरे स्कूल में लड़कियों की कबड्डी की टीम नहीं है।
प्रश्न 10.
अच्छा, एक बात बताओ। क्या तुम्हारी दादी और नानी कबड्डी खेलतीं थीं। आज घर जाकर पता करना।
उत्तर:
नहीं। मेरी दादी या नानी कबड्डी नहीं खेलती थीं, क्योंकि उस समय लड़कियों का इस तरह का खेल खेलना अच्छा नहीं माना जाता था।
(पृष्ठ संख्या 83)
प्रश्न 1.
क्या तुमने किसी कोच से कोई खेल सीखा है? कौन-सा?
उत्तर:
हाँ। मैंने फुटबॉल स्कूल के कोच से सीखा है।
प्रश्न 2.
क्या तुम किसी को जानते हो, जिसने किसी कोच से कोई खेल सीखा हो?
उत्तर:
हाँ, मेरे कई दोस्त कोच से फुटबॉल तथा क्रिकेट सीख रहे हैं।
चर्चा करो
प्रश्न 1.
कोच कैसे सिखाते हैं? कोच किस प्रकार अभ्यास करवाते हैं? खिलाड़ियों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है?
उत्तर:
कोच खेल की बारीकियों को सिखाते हैं। कोच खिलाड़ियों को हमेशा उत्साहित करते रहते हैं तथा अभ्यास के फायदे समझाते हैं। खिलाड़ियों को बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। उन्हें सुबह अंधेरे में ही उठना पड़ता है और घंटों अभ्यास करना पड़ता है।
प्रश्न 2.
क्या तुमने कभी अपनी पसंद के खेल के लिए क्लब बनाने के बारे में सोचा है?
उत्तर:
हाँ। मैंने फुटबॉल का एक क्लब बनाने के बारे में सोचा है।
प्रश्न 3.
मान लो, 15 बच्चों को दो टीमों में बाँट कर खो-खो खेलना है। दोनों टीमों में सात-सात खिलाड़ी होंगे। एक खिलाड़ी बच जायेगा, नहीं तो टीमें बराबर नहीं हो पाएँगी। ऐसा होने पर तुम क्या करते हो? क्या तुम कभी बीच का बिच्छू बने हो? उसके बारे में बताओ।
उत्तर:
ऐसा होने पर मैं एक खिलाड़ी को रेफरी बनाता हूँ। मैं भी कई बार रेफरी बना हूँ।
प्रश्न 4.
हर खेल में कुछ नियम होते हैं। वह खेल उन नियमों के अनुसार ही खेला जाता है। अगर उन नियमों में कुछ बदलाव कर दिया जाए, तो देखें खेल में क्या बदलाव आता है। जैसे- क्रिकेट में विकेट पर से गुल्लियों के गिरने पर बल्लेबाज़ आउट हो जाता है। सोचो, अगर नियम हो कि एक ही बार में तीनों विकेट गिर जाएँ, तो पूरी टीम ही आउट हो जायेगी। क्या खेल में मजा आयेगा?
उत्तर:
खेल के नियम कुछ न कुछ हमेशा बदलते रहते हैं। जैसे कि क्रिकेट में पहले 20-20 मैच नहीं होता था। इधर कुछ सालों से ऐसा मैच शुरू हुआ है। मैच के नियम बदल जाने से मैच ज्यादा रोमांचक हो जाता है।
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 4 आस-पास पीडीएफ
- 1. चलो, चलें स्कूल!
- 2. कान-कान मे
- 3. नन्दू हाथी
- 4. अमृता की कहानी
- 5. अनिता कि मधुमक्खियां
- 6. ओमना का सफर
- 7. ख़िड़क़ी से
- 8. नानी के घर तक
- 9. बदलते परिवार
- 11. फुलवारी
- 12 कैसे -कैसे बदले घर
- 13 पहाडों से समुंदर तक
- 14 बसवा का खेत
- 15 मंडी से घर तक
- 16 चूँ -चूँ करती आई चिड़िया
- 17 नंदिता मुंबई में
- 18 पानी कहीं ज्यादा ,कहीं कम
- 19 जड़ों का जाल
- 20 मिलकर खाएँ
- 21 खाना-खिलाना
- 22 दुनिया मेरे घर में
- 23 पोचमपल्ली
- 24 दूर देश की बात
- 25 चटपटी पहेलियाँ
- 26 फ़ौजी वहीदा
- 27 कोशिश हुई कामयाब