NCERT Solutions Class 7 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन Chapter-2 (स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका)
Class 7 सामाजिक एवं राजनीतिक
पाठ-2 (स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका)
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
पाठ-2 (स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका)
पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1 – ऊपर दिए गए कोलाज से दो स्थितियाँ छांटिए, जो बीमारी से संबंधित नहीं है। वे कैसे स्वास्थ्य से संबंधित हो सकती है इस पर दो वाक्य लिखिए ।
उत्तर:-बीमारी के अलावा हमारे लिए उन कारणों को विचार करना आवश्यक है, जो हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव ढालते है, जिससे हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। जैसा कि ऊपर दिए गए कोलाज में दिखाया गया है कि – यदि लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी और प्रदूषण – मुक्त वातावरण मिले, तो वे सामान्यतया स्वस्थ रहेंगे। दूसरी ओर, यदि लोगों को भरपेट भोजन न मिले अथवा उन्हें घुटनभरी अवस्था में रहना पड़े, तो उनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक है। हम सब चाहते हैं कि हम जो भी कार्य करें, चुस्ती से और ऊँचे मनोबल के साथ करें। सुस्त और अकर्मण्य रहना, बिताग्रस्त होना और लंबे समय तक डरे – सहमे रहना स्वस्थ जीवन के लक्षण नहीं हैं। इसलिए हम सबको तनाव मुक्त और प्रसन्न रहना चाहिए। इस प्रकार यही हमारे जीवन के पहलु स्वास्थ्य से सम्बंधित है।
प्रश्न 2 – क्या आप इन स्तंभों को कोई शीर्षक दे सकते हैं ?
उत्तर:-इन स्तंभों को हम चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाएं शीर्षक दे सकते है।
प्रश्न 3 – भारत में प्रायः यह कहा जाता है कि हम सबको स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ, क्योंकि सरकार के पास इसके लिए पर्याप्त धन और सुविधाएँ नहीं हैं। ऊपर दिए गए बाएँ हाथ के स्तंभ को पढ़ने के बाद क्या आप इसे सही मानते हैं ? चर्चा कीजिए।
उत्तर:- जी हम कह सकते है सरकार की तरफ से हमें स्वास्थ्य सुविधाएं दी तो गई है लेकिन हमें पूर्ण रूप से उन सुविधाओं का लाभ नहीं मिलता। कहीं ना कहीं दवाइयों, डॉक्टरों, बिस्तर की कमी की वजह से या फिर एक जगह से मरीजों को दूसरी जगह भेजते समय कई मरीज़ अपनी जान तक गवा देते है। बीमारियों से बचाव और उनके उपचार के लिए हमें उचित स्वास्थ्य सेवाएं चाहिए। जैसे स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल, परीक्षणों के लिए प्रयोगशालाएँ, एबुलेंस की सुविधा, ब्लडबैंक आदि, जो मरीजों को आवश्यक सेवा और देखभाल उपलब्ध करा सके। ऐसी सुविधाओं की व्यवस्था को चलाने के लिए हमें स्वास्थ्य सेवकों, योग्य डॉक्टरों तथा अन्य विशेषज्ञों की जरूरत है। जो परामर्श दे सकें, रोग की पहचान कर सके और इलाज कर सकें। मरीजों के इलाज के लिए हमें आवश्यक दवाइयाँ व उपकरण भी चाहिए। जब हम बीमार होते हैं, तो अपने इलाज के लिए हमें इन सुविधाओं की जरूरत पड़ती है। भारत में बड़ी संख्या में डॉक्टर, दवाखाने और अस्पताल हैं। देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने का पर्याप्त अनुभव और ज्ञान भी उपलब्ध है। साथ ही चिकित्सा विज्ञान में बहुत असाधारण प्रगति हुई है, जिसके चलते देश में इलाज की नई तकनीक और विधियाँ उपलब्ध हैं फिर भी दूसरा स्तंभ दिखाता है कि हमारे देश में स्वास्थ्य की स्थिति कितनी खराब है। उपर्युक्त सकारात्मक विकास के बाद भी हम जनता को उचित स्वास्थ्य सेवाएं देने में असमर्थ हैं। यह विरोधाभासजनक स्थिति है जो हमारी अपेक्षाओं के विपरीत है, हमारे देश के पास पैसा और अनुभवी व्यक्ति हैं, फिर भी हम सबको आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं देने में असमर्थ हैं।
प्रश्न 4 – जब आप बीमार होते हैं, तो कहाँ जाते हैं ? क्या आपको किन्हीं कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ? अपने अनुभवों के आधार पर एक अनुच्छेद लिखिए ।
उत्तर:- जब मैं बीमार होता हूं तो मैं अपने शहर की कॉलोनी के ही एक क्लीनिक में जाता हूं। वहां मुझे किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता। उस क्लीनिक के डॉक्टर भी बहुत अच्छे है। कभी अगर दवाई के पैसे भी ना हो तो भी वो मुझे दवाई दे देते है और कह देते है जब हो तब दे देना। हम कई जगह और डॉक्टर्स देखते है जहां इलाज बाद में और पैसे पहले बता दिए जाते हो।
प्रश्न 5 – सरकारी अस्पताल में अमन को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ? आपके विचार से अस्पताल कैसे बेहतर ढंग से काम कर सकता है ? चर्चा कीजिए ।
उत्तर:-अमन के माता- पिता गरीब थे। वो जैसे-तैसे ही अपने घर का खर्चा चलाते थे। एक बार अमन को वायरल बुखार हो गया था और उसे कस्बे के एक अस्पताल में ले जाया गया। उन्हें उस समय कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, सबसे पहले उन्हें ओ पी डी काउन्टर पर एक लम्बी लाइन में लगा रहना पड़ा, उसकी तबीयत भी इतनी खराब थी कि वो ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। जब अमन की बारी आई तो डॉक्टर ने उसे खून की जांच करवाने के लिए कहा। इसके लिए भी उन्हें फिर से एक लम्बी लाइन का सामना करना पड़ा। जैसे ही तीन दिन बाद इन्हें खून की जांच की हुई रिपोर्ट मिलती है वे उसी समय अस्पताल में जाते है और वहां कोई नया डॉक्टर बैठा होता है। डॉक्टर ने उनसे रिपोर्ट मांगी और बताया की दवाई देदो इसे और बुखार उतर जाएगा। लेकिन इन सब में अमन के पैसे भी बहुत लग गए। हम इन सुविधाओं को थोड़ा बहुत्त बेहतर बना सकते है। जैसे अगर ओ पी डी काउंटर पर एक लम्बी लाइन है तो मरीजों की सुविधाओं के लिए ज्यादा नहीं तो कम से कम दो या तीन ओ पी डी काउंटर जरूर होने चहिए। और जिनके पास ज्यादा पैसे ना हो या गरीबी रेखा वाले परिवार हो उनका इलाज मुफ्त या कम पैसों में होना चहिए।
प्रश्न 6 – रंजन को इतना अधिक पैसा क्यों ख़र्च करना पड़ा ? कारण बताइए ।
उत्तर:- क्योंकि रंजन एक बड़े अस्पताल में गया था, जहाँ उसे इलाज के साथ साथ सारी सुविधाऐं भी मिली थी। उसका वहां अच्छे से ख्याल रखा गया। अमन की तरह उसे हर जगह पर किसी लाइन में नहीं लगना पड़ा।
प्रश्न 7 – निजी चिकित्सालयों में हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है ? चर्चा कीजिए।
उत्तर:- हमारे देश में कई तरह की निजी चिकित्सालय भी है। अर्थात बड़ी संख्या में डॉक्टर अपने निजी दवाखाने चलाते हैं। ये हमें विशिष्ट सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं, जैसे – एक्सरे, अल्ट्रासाउंड आदि। ऐसी दुकान भी हैं, जहाँ से हम दवाइयाँ खरीद सकते हैं। निजी स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का स्वामित्व अथवा नियंत्रण नहीं होता। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के विपरीत इन निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में मरीजों को हर सेवा के लिए बहुत धन व्यय करना पड़ता है। कई डॉक्टर ऐसे भी होते है जिनमें योग्यता की कमी होती है। निजी अस्पतालों में सभी सुविधाएँ नहीं होती, पैसा लगाकर भी पूरा इलाज कराने के लिए बाहर जाना पड़ जाता है।
प्रश्न 8 – किन–किन अर्थों में ‘ सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था ‘ सबके लिए उपलब्ध एक सेवा है ?
उत्तर:- सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों की एक श्रृंखला है, जो सरकार द्वारा चलाई जाती है। ये केंद्र व अस्पताल आपस में जुड़े हुए हैं जिससे ये शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को सुविधा प्रदान करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा केंद्र कई गांवों की जरूरतों को पूरा करता है। इस स्वास्थ्य सेवा को कई कारणों से ‘ सार्वजनिक ‘ कहा जाता है। सरकार ने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य स्वाएँ प्रदान करने की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए ये अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए। सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसका उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ निःशुल्क या बहुत कम कीमत पर देना है। जिससे गरीब लोग भी इलाज करा सके। स्वास्थ्य सेवाओं का अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य है बीमारियों जैसे टी. बी, मलेरिया, पीलिया, दस्त लगना, हैजा , आदि को फैलने से रोकना। सरकार को हर व्यक्ति के जीवन के अधिकार की रक्षा करनी होती है।
प्रश्न 9 – कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों अथवा अस्पतालों की सूची बनाए, जो आपके विशिष्ट घर के पास है। अपने अनुभव से अथवा ऐसी उनमें से किसी एक में जाकर केंद्र चलाने वाले लोगों का और वहां दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाए ।
उत्तर:- दीप चन्द बन्धु अस्पताल, राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आचार्य श्री भिक्षु अस्पताल, गवर्नमेंट अस्पताल मिलकपुर, चौधरी बंसीलाल गवर्नमेंट अस्पताल, सी॰एच॰सी सोरखी सिटी, गवर्नमेंट अस्पताल सहरवा, ओल्ड सिविल अस्पताल। यहाँ सभी डॉक्टर समय से आकर सभी मरीजों का इलाज़ करते है। ज्यादा देर तक किसी को लाइन में नहीं लगना पड़ता। सभी नर्स मरीजों का अच्छे से ध्यान रखती है, उन्हें समय पर दवाई देती है। सबके लिए सम्पूर्ण मात्रा में बिस्तर होते है।
प्रश्न 10 – आपके घर के पास कौन – सी निजी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध है ? उन्हें चलाने वाले लोगों और वहाँ दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाए।
उत्तर:- हरि राम गिगल देवी अस्पताल, शांति अस्पताल, सुभाष अस्पताल, इन्देर्सैन अस्पताल, धत्तरवाल अस्पताल, जीवन ज्योति अस्पताल, गीगल देवी अस्पताल, जसबीर अस्पताल, दीप चन्द्र बन्धु अस्पताल इत्यादि। यहाँ भी हर अस्पताल में सुविधाएं अच्छे से दी जाती है। यदि किसी प्रकार की कोई सुविधा न हो तो मरीजो के लिए भेजने के लिए सारी सुविधाएं पहले से तैयार की जाती है।
प्रश्न 11 – स्वास्थ्य सेवा को और अधिक किफायती कैसे बनाया जा सकता है ? इस पर चर्चा करें।
उत्तर:- इसमें कोई संदेह नहीं है कि अभी भी स्वास्थ्य सुविधाओं में और बदलाव किया जा सकता है। हमारे देश में लोगों के स्वास्थ्य की दशा अच्छी नहीं है। यह सरकार का उत्तरदायित्व है कि वह अपने सब नागरिकों को, विशेषकर गरीबों और सुविधाहीनों को, गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करे। फिर भी लोगों का स्वास्थ्य जितना जीवन की आधारभूत सुविधाओं पर और उनकी सामाजिक स्थिति पर निर्भर है उतना ही स्वास्थ्य सेवाओं के ऊपर भी। जो व्यक्ति इलाज़ और दवाइयों के लिए पैसे नहीं दे सकते उनका बिल्क़ुल मुफ्त में इलाज़ होना चाहिए क्योंकि पैसा किसी की जान से ज़्यादा नहीं होता। जैसे मरीजो को लम्बी लम्बी लाइन में लगना पड़ता है उनके लिए सुविधाएं करनी चाहिए कि ज्यादा इंतज़ार न करना पड़े। अस्पताल में सभी सुविधाएं न होने पर कई मरीजों की जान चली जाती है, इसलिए उन सुविधाओं के लिए डॉक्टरों को पहले से तैयार होना चाहिए।
अभ्यास :- प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 – इस अध्याय में आपने पढ़ा है कि स्वास्थ्य में सिर्फ बीमारी की बात नहीं की जा सकती है। संविधान से लिए गए एक अंश को यहाँ पढ़िए और अपने शब्दों में समझाइए कि ‘ जीवन का स्तर ‘ और ‘ सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्या मायने होंगे।
उत्तर:- भारतीय संविधान में लिखा गया है कि नागरिकों के पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करना राज्य का कर्तव्य है। सरकार का यह भी कर्तव्य है कि वह लोक स्वास्थ्य में सुधार करें।
जीवन स्तर – इससे अभिप्राय है कि नागरिकों को उच्च श्रेणी की चिकित्सा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हों। सभी नागरिकों को साफ सुथरा पर्यावरण, मनोरंजन, स्वच्छ पेयजल तथा रोजगार की सुविधाएँ प्राप्त हों।
सार्वजनिक स्वास्थ्य – सार्वजनिक स्वास्थ्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदान की गयी सुविधाओं की एक श्रृंखला है। इस शृंखला में सरकारी अस्पताल, डिस्पेंसरी, स्वास्थ्य केंद्र, ऐम्बुलेंस सेवा, राष्ट्रीय स्तर पर चलाए जाने वाले टीकाकरण शामिल हैं।
प्रश्न 2 – सबके लिए स्वास्थ्य को सुषिधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार कौन – कौन से कदम उठा सकती है ? चर्चा कीजिए।
उत्तर:-सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार निम्नलिखित कदम उठा सकती है। जैसे:- सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के बजट में बढ़ोतरी कर सकती है। सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए वी.आई.पी. व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए बजट में कटौती कर सकती है। सरकार बजट का कम – से – कम 30 से 40 प्रतिशत भाग स्थानीय संस्थाओं को उपलब्ध करा सकती है। सरकार आम जनता के लिए स्वच्छ पेय जल, साफ – सफाई, पोषण आदि की व्यवस्था कर सकती है।
प्रश्न 3 – आपको, अपने इलाके में उपलब्ध सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाओं में क्या – क्या अंतर देखने को मिलते हैं ? नीचे दी गई तालिका को भरते हुए, इनकी तुलना कीजिए और अंतर बताए।
उत्तर:-
सुविधा | सामर्थ्य | उपलब्धता | गुणवत्ता |
---|---|---|---|
निजी | अत्यधिक | ये सुविधाएं गावों में बहुत कम उल्प्ब्ध होती है। | कम होती है। |
सार्वजनिक | कम | शहरों में अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, मेडिकल कॉलेज आदि होते है। | अधिक होती है। |
प्रश्न 4 – पानी और साफ – सफाई की गुणवत्ता को सुधार कर अनेको बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है, उदाहरण देते हुए इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:-पानी और साफ – सफाई की गुणवत्ता में सुधार करके अनेक बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है। स्वच्छ पानी ‘ साफ – सफाई का अभाव तथा कुपोषण अनेक बीमारियों के फैलने का कारण बनता है। गंदे तथा रुके हुए पानी से मलेरिया फैलता है। संक्रमित पानी के उपयोग से टाइफाइड, हैजा, पेचिश, दस्त आदि बीमारियाँ फैलती हैं।