NCERT Solutions Class 7 हमारे अतीत Chapter-9 (क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण)
Class 7 हमारे अतीत
पाठ-9 (क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण)
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
पाठ-9 (क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण)
प्रश्न 1 – निम्नलिखित के मेल बिठाये :-
अनंतवर्मन केरल
जगन्नाथ बंगाल
महोदयपुरम उड़ीसा
लीला तिलकम कांगड़ा
मंगलकाव्य पुरी
लघुचित्र केरल
उत्तर:- अनंतवर्मन उड़ीसा
जगन्नाथ पुरी
महोदयपुरम केरल
लीला तिलकम केरल
मंगलकाव्य कांगड़ा
लघु चित्र बंगाल
प्रश्न 2 – मणिप्रवालम् क्या है ? इस भाषा में लिखी पुस्तक का नाम बताएँ।
उत्तर:-मणिप्रवालम का शाब्दिक अर्थ है – हीरा और मूंगा, जो यहाँ दो भाषाओं–संस्कृत तथा क्षेत्रीय के साथ–साथ प्रयोग की ओर संकेत करता है। यह एक भाषा शैली है। चौदहवीं शताब्दी में इस भाषा में एक पुस्तक लिखी गई थी जिसका नाम लीला तिलकम हैं, जो व्याकरण तथा काव्यशास्त्र विषयक है। ‘मणिप्रवालम‘ शैली में लिखा गया था ।
प्रश्न 3 – कत्थक के प्रमुख संरक्षक कौन थे ?
उत्तर:- ‘कत्थक ‘ शब्द ‘ कथा ‘ शब्द से निकला है जिसका प्रयोग संस्कृत तथा अन्य भाषाओं में कहानी के लिए किया जाता है । कत्थक मूल रूप से मंदिरों में कथा यानी कहानी सुनाने वालों की एक जाति थी। आगे चलकर यह दो परंपराओं अर्थात ‘घरानों ‘में फूला – फला: राजस्थान (जयपुर) के राजदरबारों में और लखनऊ में। अवध के आँतम नवाब वाजिद अली शाह के संरक्षण में यह एक प्रमुख कला – रूप में उभरा। इसलिए कत्थक के प्रमुख संरक्षण नवाब वाजिद अली शाह थे।
प्रश्न 4 – बंगाल के मंदिरों की स्थापत्यकला के महत्वपूर्ण लक्षण क्या हैं ?
उत्तर:-जब स्थानीय देवी – देवता, जो पहले गाँवों में छप्पर वाली झोपड़ियों में पूजे जाते थे, उनको ब्राह्मणों द्वारा मान्यता प्रदान कर दी गई तो उनकी प्रतिमाएँ मदिरों में स्थापित की जाने लगीं। इन मंदिरों की शक्ल या आकृति बंगाल की छप्पर दार झोपड़ियों की तरह ‘ दोचाला ‘ (दो छतों वाली ) या ‘ चौचाला ‘ (चार छतों वाली) होती थी। इसके कारण मंदिरों की स्थापत्य कला में विशिष्ट बंगाली शैली का प्रार्दुभाव हुआ। अपेक्षाकृत अधिक जटिल चौचाला यानी चार छतों वाली. ढाँचे में चार त्रिकोणीय छतें चार दीवारों पर रखी जाती थी। मंदिर आमतौर पर एक वर्गाकार चबूतरे पर बनाए जाते थे।
आइए विचार करें
प्रश्न 5 – चारण-भाटों ने शूरवीरों की उपलब्धियों की उद्घोषणा क्यों की ?
उत्तर:-राजपूत शूरवीरों की कहानियाँ काव्यों एवं गीतों में सुरक्षित है। ये विशेष रूप से प्रशिक्षित चरण – भाटों द्वारा गाई जाती हैं। ये काव्य एवं गीत ऐसे शूरवीरों की स्मृति को सुरक्षित रखते थे और उनसे यह आशा की जाती थी कि वे अन्य जनों को भी उन शूरवीरों का अनुकरण करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेंगे। साधारण जन भी इन कहानियों से आकर्षित होते थे। इन कहानियों में अक्सर नाटकीय स्थितियों और स्वामिभक्ति, मित्रता, प्रेम, शौर्य, क्रोध आदि प्रबल संवेगो के चित्रण होते थे। चारण भाट ऐसा इसलिए भी करते थे ताकि उनके उदाहरणों को भी प्रेरित किया जा सके।
प्रश्न 6 – हम जनसाधारण की तुलना में शासकों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के बारे में बहुत अधिक क्यों जानते हैं ?
उत्तर:- शासक अभिलेखों तथा अन्य ऐतिहासिक लेखनों द्वारा अपने कार्यों को सुरक्षित रखते थे। इससे शासको द्वारा पाई गई उपलब्धियाँ लोगों तक पहुँचती रहती थीं। शासकों द्वारा निर्मित कराये गये धार्मिक स्मारकों से हमें उनके सांस्कृतिक रीति –रिवाजों की जानकारी मिलती है। शासकों की सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में यात्रा – वृतांतों उत्तर तथा कई रचनाकारों द्वारा भी वर्णन किया गया है।
प्रश्न 7 – विजेताओं ने पुरी स्थित जगन्नाथ के मंदिर पर नियंत्रण प्राप्त करने के प्रयत्न क्यों किए ?
उत्तर:-ज्यों – ज्यों इस मंदिर को तीर्थ स्थल यानी तीर्थ यात्रा के केंद्र के रूप में महत्त्व प्राप्त होता गया, सामाजिक तथा राजनीतिक मामलों में भी इसकी सत्ता बढ़ती गई। जिन्होंने ने भी उड़ीसा को जीता जैसे:- मुग़ल , मराठे और अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी, सबने इस मंदिर पर अपना नियंत्रण स्थापित करने का प्रयत्न किया। वे सब यह महसूस करते थे कि मदिर पर नियंत्रण प्राप्त करने से स्थानीय जनता में उनका शासन स्वीकार्य हो जाएगा।
प्रश्न 8 – बंगाल में मंदिर क्यों बनाए गए ?
उत्तर:-बंगाल में पंद्रहवीं शताब्दी के बाद वाले वर्षों में मंदिर बनाने का दौर रहा, जो उन्नीसवीं शताब्दी में आकर समाप्त हो गया । मंदिर और अन्य धार्मिक भवन अकसर उन व्यक्तियों या समूहों द्वारा बनाए जाते थे जो शक्तिशाली बन रहे थे। इनके माध्यम से अपनी शक्ति तथा भक्तिभाव का प्रदर्शन करना चाहते थे। बंगाल में साधारण ईटों और मिट्टी – गारे से अनेक मंदिर ‘ निम्न ‘ सामाजिक समूहों जैसे कालू (तेली), कसारी (घंटा धातु के कारीगर) आदि के समर्थन से बने थे। बंगाल में जैसे जैसे लोगों की सामजिक तथा आर्थिक स्थिति में सुधार आया उन्होंनें इन मंदिर स्मारकों के निर्माण के माध्यम से अपनी प्रसिद्धि की घोषणा की।
आइए करके देखें
प्रश्न 9 – भवनों, प्रदर्शन कलाओं, चित्रकला के विशेष संदर्भ में अपने क्षेत्र के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लक्षणों विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर:-मैं आगरा से हूं। यह यमुना नदी के तट पर स्थित आगरा शहर ऐतिहासिक स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। सन 1506 में सिकन्दर लोदी ने मुगलों का राज्य स्थापित किया था। मुगलों के शासन के दौरान खूबसूरत स्मारक स्थापित किए गए थे जिन्हें देखने आज भी पर्यटक आगरा आते हैं। आगरा में हस्तशिल्प बहुत ही प्रसिद्ध है। यहाँ संगमरमर के पत्थरों पर सुंदर आकृतियाँ उकेरी गई हैं। गहने, तोहफे एवं अन्य चीजों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ विशेष प्रकार के बॉक्स बनाए जाते हैं। जरदोजी से बनाए गए कपड़े पर्यटकों के मध्य बहुत ही लोकप्रिय हैं। सदर बाजार, किनारी बाजार, राजा-की-मंडी में विभिन्न प्रकार की आकर्षक और मनोहारी चीजें देखी जा सकती हैं। मिठाइयों में आगरा के पेठे एवं गजक बहुत ही प्रसिद्ध हैं। तिल एवं गुड़ से बनाई गई मिठाइयाँ बहुत ही स्वादिष्ट होती हैं।
प्रश्न 10 – क्या आप (क) बोलने, (ख) पढ़ने, (ग) लिखने के लिए भिन्न – भिन्न भाषाओं का प्रयोग करते हैं। इनमें से किसी एक भाषा की किसी प्रमुख रचना के बारे में पत्ता लगाएँ और चर्चा करें कि आप इसे रोचक क्यों पाते हैं ?
उत्तर:- मैं बोलने के लिए हिंदी, अंग्रेज़ी,और हरियाणवी भाषा का प्रयोग करता .
पढ़ने के लिए हिंदी और अंग्रेजी का।
लिखने के लिए भी हिंदी और अंग्रेजी का ही प्रयोग करता हूँ।
हिंदी भाषा की जो रचनाएँ मिलती हैं वे दोहा रूप में ही हैं और उनके विषय, धर्म, नीति, उपदेश आदि प्रमुख हैं। राजाश्रित कवि और चारण नीति, शृंगार, शौर्य, पराक्रम आदि के वर्णन से अपनी साहित्य-रुचि का परिचय दिया करते थे। ये आसानी से कोई भी व्यक्ति रोचक लेकर पढ़ सकता है। क्योंकि हिंदी को हम आसानी से पढ़ और समझ सकते है।
प्रश्न 11 – उत्तरी, पश्चिमी, दक्षिणी, पूर्वी और मध्य भारत में एक–एक राज्य चुनें। इनमें से प्रत्येक के बारे में उन भजनों की सूची बनाएँ, जो आमतौर पर सभी के खाए जाते हैं आप उनमें कोई अंतर या समानताएँ पाएँ, तो उन पर प्रकाश डालें।
उत्तर:-
राज्य | भोजन (जो आमतौर पर सभी खाते है) |
---|---|
उत्तरी राज्य (जम्मू और कश्मीर) | दम आलू, मोमोज |
पश्चिमी राज्य (महाराष्ट्र) | गेंहू, चावल, ज्वार, बाजरी, आलू पत्तों की सब्जी |
दक्षिणी राज्य (केरल) | चावल,अप्पम,डोसा |
पूर्वी राज्य (बिहार) | दाल, भात, चावल, लिट्टी चोखा |
मध्य भारत (छत्तीसगढ) | चावल आटा और गुड़ की चाशनी से बनने वाले पकवान |
12. इनमें से प्रत्येक क्षेत्र से पांच–पांच राज्यों की एक–एक अन्य सूची बनाएँ और यह बताएं कि प्रत्येक राज्य में महिलाओं तथा पुरुषों द्वारा आमतौर पर कौन–से वस्त्र पहने जाते हैं। अपने निष्कर्षों पर चर्चा करें।
उत्तर:-
राज्य | महिलाओं द्वारा पहने गए वस्त्र | पुरुषों द्वारा पहने गए वस्त्र |
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जम्मू और कश्मीर | अबाया, कासाबा ,तरंगा | फेरन , पश्मीना शॉल |
महाराष्ट्र | चोली के साथ एक पारंपरिक मराठी साड़ी | एक धोती और एक साधारण पेथा |
केरल | कसावु मुंडू और कासवु नेराथु | लुंगी और एक तौलिये जैसा कपड़ा |
बिहार | लहंगा, चुनरी साड़ी | पायजामा कुर्ता, धोती कुर्ता, गमछा |
छत्तीसगढ़ | साड़ी, गले में सूत, बाजू में बाजूबंद, हाथ में ऐठी, कमर का कर्धन, पैजन, सांटी, लच्छा, तोड़ा, पैरी | धोती कुर्ता, गमछा, और सिर में पागा (पगड़ी) |