NCERT Solutions Class 8 दूर्वा Chapter-4 (ओस (कविता))
NCERT Solutions Class 8 दूर्वा 8 वीं कक्षा से Chapter-4 (ओस (कविता)) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी दूर्वा केसभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Class 8 दूर्वा
पाठ-4 (ओस (कविता))
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
पाठ-4 (ओस (कविता))
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Question 1:
(क) कविता में रतन किसे कहा गया है और वे कहाँ-कहाँ बिखरे हुए हैं?
(ख) ओस कणों को देखकर कवि का मन क्या करना चाहता है?
उत्तर :
(क) कविता में ओस को रतन कहा गया है। यह हरी घास, पत्तों और फूलों पर बिखरे हुए हैं।
(ख) ओस कणों को देखकर कवि का मन कर रहा है कि वह अंजलि भर कर इन्हें ले आए और इनको देख-देख कर एक कविता लिखे।
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Question 2:
(क) पता करो कि सुबह के समय खुले स्थानों पर ओस की बूँदें कैसे बन जाती हैं? इसे अपने शिक्षक को बताओ।
(ख) क्या ओस, कोहरा और वर्षा में कोई संबंध है? इसके बनने और होने के कारणों का पता लगाओ और उसे अपने ढंग से लिखकर शिक्षक को दिखाओ।
(ग) सूरज निकलने के कुछ समय बाद ओस कहाँ चली जाती है? इसका उत्तर तुम अपने मित्रों, बड़ों, पुस्तकों और इंटरनेट की सहायता से प्राप्त करो और शिक्षक को बताओ।
उत्तर :
(क) दिन में सूरज की रोशनी से पानी गर्म होकर भाप बनकर ऊपर की ओर उठता है। रात में यह ठंडा होकर गिरता है और बूँदों के रूप में हरे घास, पत्ते और फूलों पर रुक जाती है। यहाँ यह जल्दी से सूखती नहीं है। इसलिए यह हमें धूप निकलने से पहले दिखाई देती है और धूप निकलते ही फिर से भाप बनकर उड़ जाती है।
(ख) ओस, कोहरा व वर्षा तीनों ही तेज़ गर्मी में पानी से भाप बनकर उड़ जाते हैं। ऊपर ठंडक मिलने से ये जम जाते हैं, जो हमें बादलों के रूप में दिखते हैं। ओस बहुत ही हल्की सर्दी में छोटी-छोटी बूदों के रूप में गिरती है। कोहरा बहुत ठंड में होता है। कोहरे में पानी नहीं गिरता परन्तु ठंड़ी भाप नीचे की तरफ़ आ जाती है। वर्षा किसी बादल के थोड़ा गरम चीज़ से टकराने से पानी के रूप में गिरता है।
(ग) सूरज निकलने के बाद पानी फिर गर्म होकर भाप बनकर उड़ जाता है, तो ओस गायब हो जाती है।
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Question 3:
"इनकी शोभा निरख-निरख कर,
इन पर कविता एक बनाऊँ।"
कवि ओस की सुंदरता पर एक कविता बनाना चाहता है। यदि तुम कवि के स्थान पर होते, तो कौन-सी कविता बनाते? अपने मनपसंद विषय पर कोई कविता बनाओ।
उत्तर :
तितली रानी
तितली रानी, तितली रानी
दूर देश से आई हो।
इतने सुंदर, रंग-बिरंगे
पंख कहाँ से लाई हो।
फूल तुम्हें हैं अच्छे लगते।
आसमान में उड़ना है भाता।
जैसे तुम कोई शहज़ादी हो
जो परीलोक से आई हो।
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Question 4:
(क) तुम्हारे विचार से यह किस मौसम की कविता हो सकती है?
(ख) तुम्हारे प्रदेश में कौन-कौन से मौसम आते हैं? उसकी सूची बनाओ।
(ग) तुम्हें कौन सा मौसम सबसे अधिक पसंद है और क्यों?
उत्तर :
(क) हमारे विचार से यह ओस जब हल्की सर्दी पड़नी शुरू हो जाती है तब पड़ती है।
(ख) हमारे प्रदेश में सर्दी, गर्मी, बरसात, वसंत, पतझड़ आदि ऋतुएँ आती हैं।
(ग) हमें वर्षा का मौसम सबसे अच्छा लगता है चारों ओर हरियाली हो जाती है। वर्षा में भीगना भी अच्छा लगता है।
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Question 5:
"जी होता इन ओस कणों को
अंजलि में भर घर ले आऊँ"
कवि ओस को अपनी अंजलि में भरना चाहता है। तुम नीचे दी गई चीज़ों में से किन चीज़ों को अपनी अंजलि में भर सकते हो? सही (✓) का चिह्न लगाओ–
रेत ओस धुआँ हवा पानी तेल लड्डू गंद
उत्तर :
रेत (✓) | ओस | धुआँ | हवा | पानी (✓) | तेल (✓) | लड्डू (✓) | गेंद (✓) |
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Question 6:
"हरी घास पर बिखरे दी हैं
ये किसने मोती की लड़ियाँ?"
ऊपर की पंक्तियों को उलट-फेर कर इस तरह भी लिखा जा सकता है–
"हरी घास पर ये मोती की लड़ियाँ किसने बिखेर दी हैं?"
इसी तरह नीचे लिखी पंक्तियों में उलट-फेर कर तुम भी उसे अपने ढंग से लिखो।
(क) "कौन रात में गूँथ गया है
ये उज्ज्वल हीरों की कड़ियाँ?"
(ख) "नभ के नन्हें तारों में ये
कौन दमकते हैं यों दमदम?"
उत्तर :
(क) रात में कौन ये उज्जवल हीरों की कड़ियाँ गूँथ गया है?
(ख) नभ के नन्हे तारों में ये कौन दमदम दमकते हैं?
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Question 7:
"ये उज्ज्वल हीरों की कड़ियाँ"
ऊपर की पंक्ति में उज्ज्वल शब्द में 'ज' वर्ण दो बार आया है परंतु यह आधा (ज्) है। तुम भी इसी तरह के कुछ और शब्द खोजो। ध्यान रहे, उस शब्द में कोई एक वर्ण (अक्षर) दो बार आया हो, मगर आधा-आधा। इस काम में तुम शब्दकोश की सहायता ले सकते हो। देखें, कौन सबसे अधिक शब्द खोज़ पाता है।
उत्तर :
छात्र इसे स्वयं करने का प्रयास करें क्योंकि यह भाग छात्रों की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने और परखने के लिए दिया गया है।
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Question 8:
नीचे लिखी चीज़ों जैसी कुछ और चीज़ों के नाम सोचकर लिखो
(क) | जुगनू जैसे चमकीले | .............................. |
(ख) | तारों जैसे झिलमिल | .............................. |
(ग) | हीरों जैसे दमकते | .............................. |
(घ) | फूलों जैसे सुंदर | .............................. |
उत्तर :
(क) | जुगनू जैसे चमकीले | तारे |
(ख) | तारों जैसे झिलमिल | रोशनी के छोटे-छोटे बल्ब |
(ग) | हीरों जैसे दमकते | ओस की बूँदे |
(घ) | फूलों जैसे सुंदर | मुख |
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Question 9:
"जी होता, इन ओस कणों को
अंजलि में भर घर ले आऊँ"
'घर शब्द का प्रयोग हम कई तरह से कर सकते हैं। जैसे–
(क) | वह घर गया। | .............................. |
(ख) | यह बात मेरे मन में घर कर गई। | .............................. |
(ग) | यह तो घर-घर की बात है। | .............................. |
(घ) | आओ, घर-घर खेलें। | .............................. |
'बस' शब्द का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। तुम 'बस' शब्द का प्रयोग करते हुए अपने मन से कुछ वाक्य बनाओ।
(संकेत–बस, बस-बस, बस इतना सा)
उत्तर :
(क) अब बस करो बहुत बोल लिए।
(ख) क्या बस-बस बोलने से बस आ जाएगी।
(ग) अरे! इतनी देर में बस इतना सा ही पानी भरा।
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Question 10:
चमक-चमकना-चमकाना-चमकवाना
'चमक' शब्द के कुछ रूप ऊपर लिखे हैं। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों का रूप बदलकर सही जगह पर भरो–
दमक, सरक, बिखर, बन
(क) ज़रा सा रगड़ते ही हीरे .................... शुरू कर दिया।
(ख) तुम यह कमीज़ किस दर्ज़ी से .......................... चाहते हो?
(ग) साँप ने धीरे-धीरे .................... शुरू कर दिया।
(घ) लकी को मूर्ख ................ तो बहुत आसान है।
(ङ) तुमने अब खिलौने .................... बंद कर दिए?
उत्तर :
(क) ज़रा सा रगड़ते ही हीरे ने दमकना शुरू कर दिया।
(ख) तुम यह कमीज़ किस दर्ज़ी से बनवाना चाहते हो?
(ग) साँप ने धीरे-धीरे सरकना शुरू कर दिया।
(घ) लकी को मूर्ख बनाना तो बहुत आसान है।
(ङ) तुमने अब खिलौने बिखेरने बंद कर दिए हैं।
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 8 दूर्वा पीडीएफ
- 1. गुड़िया (कविता)
- 2. दो गौरैया (कहानी)
- 3. चिठ्ठियों में यूरोप (पत्र)
- 5. नाटक में नाटक (कहानी)
- 6. सागर यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
- 7. उठ किसान ओ (कविता)
- 8. सस्ते का चक्कर (एकांकी)
- 9. एक खिलाड़ी की कुछ यादें (संस्मरण)
- 10. बस की सैर (कहानी)
- 11. हिंदी ने जिनकी जिंदगी बदल दी – मारिया नेज्यैशी (भेंटवार्ता)
- 12. आषाढ़ का पहला दिन (कविता)
- 13. अन्याय के खिलाफ (कहानी)(आदिवासी स्वतंत्रता संघर्ष कथा)
- 14. बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्लै (व्यक्तित्व)
- 15. फ़र्श पर (कविता)
- 16. बूढी अम्मा की बात (लोककथा)
- 17. वह सुबह कभी तो आएगी (निबंध)