NCERT Solutions Class 8 दूर्वा Chapter-3 (चिट्ठियों में यूरोप (पत्र)

NCERT Solutions Class 8 दूर्वा Chapter-3 (चिट्ठियों में यूरोप (पत्र)

Solutions Class 8 दूर्वा Chapter-3 (चिट्ठियों में यूरोप (पत्र)NCERT Solutions Class 8  दूर्वा 8 वीं कक्षा से Chapter-3 (चिट्ठियों में यूरोप (पत्र) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी दूर्वा केसभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।

एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 8 दूर्वा

पाठ-3 (चिट्ठियों में यूरोप (पत्र)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर 

पाठ-3 (चिट्ठियों में यूरोप (पत्र)

Page No 18:

Question 1:

इस पत्र के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो –

(क) इस पत्र का लेखक किस शहर/देश की यात्रा पर गया था?

(ख) उस देश में कौन-कौन से खेल-खेले जाते हैं? वहाँ कौन-सा खेल सबसे अधिक लोकप्रिय है?

(ग) उस देश के कुछ खाद्य पदार्थों के नाम बताओ।

(घ) लेखक ने यह क्यों कहा कि "अच्छे से रहना ताकि माँ को तकलीफ़ न हो?"

उत्तर :

(क) इस पत्र का लेखक यूगोस्लाविया, नेविसाद की यात्रा पर गया था।

(ख) यहाँ के लोग फुटबाल बहुत खेलते हैं। टेबल टेनिस और स्केटिंग भी उन्हें बहुत पसंद हैं।

(ग) उस देश के कुछ खाद्य पदार्थ– योगर्ट, सूप, सफ़ेद सेम, आइसक्रीम, चावल, स्ट्यू, चिल्ले जैसी मिठाई जिसमें खट्टी बेरी का गूदा भरा हुआ होता है, सेवइयाँ उबली सूप में, ब्रेड बटर मार्मलेट आदि हैं।

(घ) यह लेखक ने इसलिए लिखा है क्योंकि वह शहर से बाहर था और माँ अपने बच्चों के साथ अकेली थी। अगर बच्चे तंग करेंगे तो माँ को तकलीफ़ होगी।

Page No 18:

Question 2:

(क) भारतीय खाने की कुछ चीज़ें जैसे-चावल, सेवइयाँ, मिठाइयाँ यूरोप में अलग ढंग से खाई जाती हैं। क्या भारत में ये चीज़ें अलग-अलग ढंग/तरीकों से बनाई और खाई जाती हैं? पता करो और बताओ।

(ख) दूना नदी यूरोप के कई देशों में बहती है। भारत में भी अनेक ऐसी नदियाँ हैं जो कई राज्यों के बीच बहती हैं। ऐसी कुछ नदियों के नाम लिखो। यह भी पता करो कि वे कौन-कौन से राज्यों में से होकर बहती हैं।

नदी का नाम

राज्यों के नाम

.........................

.........................

.........................

.........................

.........................

.........................

उत्तर :

(क) हर स्थान पर खाने की चीज़ों को अलग-अलग तरह से बनाया जाता है। जैसे कई स्थानों पर चावलों को उबाल कर, बिरयानी बनाकर, मीठे चावल बनाकर खाया जाता है, तो कहीं इडली या डोसा बनाकर बनाकर भी खाया जाता है। सेवइयाँ दूध में डालकर, नमकीन बनाकर, मीठी बनाकर  या फलूदा आदि  के रूप में खाई जाती हैं। इसी तरह मिठाइयाँ भी अलग-अलग तरह से बनाई जाती हैं।

(ख) भारत में गंगा आरंभ में उत्तराचंल से होते हुए फिर अनेकों राज्यों से बहती हुई बंगाल के कलकत्ता शहर के पास महासागर में मिल जाती है। यमुना नदी दिल्ली, मथुरा, इलाहबाद, कृष्णा नदी दक्षिण भारत, कावेरी नदी दक्षिण भारत, चेन्नई में समाप्त होती है। नर्मदा नदी नासिक (महाराष्ट्र) में बहती है।

नदी का नाम

राज्यों के नाम

गंगा

हरिद्वार, गाजियाबाद, पटना, बिहार, बंगाल

यमुना 

दिल्ली, उत्तर प्रदेश

नर्मदा

महाराष्ट्र

कावेरी

दक्षिण भारत

Page No 19:

Question 3:

पत्र में लिखा गया है कि "मौसम अच्छा चल रहा है। यहाँ बसंत आ रहा है।"

भारत के अलग-अलग भागों में भी अलग-अलग तरह का मौसम रहता है। साल भर अलग-अलग ऋतुएँ अपना प्रभाव दिखाती हैं। अब तुम बताओ कि तुम्हारे प्रदेश में साल भर मौसम कैसा रहता है?

उत्तर :

हमारे प्रदेश में साल में हर तीन-तीन महीने में ऋतुएँ बदलती रहती हैं; सर्दी, गर्मी, बरसात, बंसत।

Page No 19:

Question 4:

(क) अपने प्रदेश की कुछ खाने-पीने की चीज़ों के नाम बताओ।

(ख) अपने मनपसंद व्यंजन को बनाने का तरीका पता करो और लिखो।

सामग्री-

विधि-

उत्तर :

(क) दाल बाटी, चूरमा, दाल चावल, रायता, सब्जी, रसगुल्ला तथा अन्य मिठाइयाँ।

(ख) आलू की कचौरी

सामग्री –आलू, आटा, घी, नमक, मिर्च, हरी मिर्च, अदरक, गरम मसाला, हरा धनिया।

विधि –आलू उबालकर छीलकर मसल लें उसमें हरी मिर्च, हरा धनिया, अदरक, गरम मसाला, नमक, मिर्च आदि डालकर पिठी तैयार करके रख लें।

आटा मांडते समय उसमें थोड़ा घी डालकर माडें। आटा बहुत मुलायम न हो। फिर छोटी-छोटी पेडियाँ बनाकर उसमें आलू की पिठी भर कर हल्का से बेलें और गरम घी में भूरा होने तक तलें। फिर निकाल कर गरमागरम परोसें।

Page No 19:

Question 5:

इसी पुस्तक के किसी पाठ में है कि कुछ लोगों को कोई खास वस्तु इकट्ठा करने का शौक होता है। कुछ लोग गुड़िया, पुस्तकें, चित्र तो कुछ लोग डाक-टिकट इकट्ठे करते हैं।

(i)यदि तुम्हें भी कोई चीज़ इकट्ठा करने का शौक है, तो उसके बारे में अपने साथियों को बताओ।

(ii)अपने या अपने किसी परिचित के बारे में लिखो जो इस तरह की चीज़ें इकट्ठा करता हो। तुम इन चीज़ों के बारे में लिख सकते हो–

(क) उन्हें कौन-सी चीज़ इकट्ठा करने का शौक है?

(ख) वे इन्हें कहाँ-कहाँ से इकट्ठा करते हैं?

(ग) उनके इस शौक की शुरुआत कैसे हुई?

(घ) वे इकट्ठी की गई चीज़ों को कैसे सँभालकर रखते हैं?

(ङ) इन चीज़ों को इकट्ठा करने और रखने में कौन-कौन सी समस्याएँ होती हैं?

उत्तर :

(i) यदि आप कुछ इकट्ठा करने का शौक रखते हैं, तो उसके बारे में अपने साथियों को बताएँ कि ये चीज़ें आप कहाँ से लाकर इकट्ठी करते हैं।

(ii) ये आपके व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित प्रश्न है, इसका उत्तर आप स्वयं दें। अगर आप लिखना चाहते हो, तो इस प्रकार से लिख सकते हो-

(क) मेरी एक मित्र को दियासलाई की डिबिया इकट्ठी करने का शौक था।

(ख) वह यह डिबिया जहाँ भी देखती उठा लेती है। चाहे वह सड़क पर ही क्यों न हो, उठा लेती है। विदेशी मित्रों से भी मंगवाती है।

(ग) एक दिन उसे दो-तीन तरह की सुन्दर डिबिया मिल गई बस उसी दिन से उसे यह शौक लग गया।

(घ) वे इकट्ठी की गई चीज़ों को सम्भालकर एक फाईल में लगाती है।

(ङ) इनको इकट्ठा करने में बहुत कठिनाई आती है क्योंकि तरह-तरह की डिबिया मिलनी आसान नहीं होती है।

Page No 20:

Question 6:

इस पत्र में लेखक ने अलग-अलग तरह के पेड़-पौधों का ज़िक्र किया है। पता लगाओ, वे कौन से पेड़-पौधे हो सकते हैं। इस काम के लिए तुम अपने अध्यापकों, अपने साथियों, पुस्तकालय या अन्य साधनों की भी सहायता ले सकते हो।

संकेत

नाम

(क) 

जिसे नए साल पर लगाते/सजाते हैं 

...................

(ख) 

सफ़ेद कुमुदनी जैसा नीला-बैंगनी फूल

...................

(ग)

लाल और पीले फूल वाले पौधे

गुलाब, सूरजमुखी, कनेर


उत्तर :

संकेत

नाम

(क) 

जिसे नए साल पर लगाते/सजाते हैं 

देवदार का वृक्ष

(ख) 

सफ़ेद कुमुदनी जैसा नीला-बैंगनी फूल

आक का फूल

(ग)

लाल और पीले फूल वाले पौधे

गुलाब, सूरजमुखी, कनेर

Page No 20:

Question 7:

इस पत्र में अनेक देशों, शहरों और नदियों का जिक्र किया गया है। नीचे दिए गए मानचित्र में उन स्थानों के नाम भरो-

Solutions Class 8 दूर्वा Chapter-3 (चिट्ठियों में यूरोप (पत्र)

उत्तर :

यह भाग छात्रों के ज्ञान और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए दिया गया है। ऐसा करने से छात्रों का ज्ञान बढ़ेगा और मस्तिष्क का विकास भी होगा। अत:छात्र इसे स्वयं करें।

Page No 20:

Question 8:

(क) "तुम लोग गौतम से एरोग्राम मँगाकर हमको चिट्ठी लिखना।"

ऊपर के वाक्य पर ध्यान दो और किसी डाकघर में जाकर पता करो कि 'एरोग्राम' किसे कहते हैं। साथ ही यह भी पता करो कि पत्र भेजने के लिए वहाँ कौन-कौन से साधन उपलब्ध हैं?

(ख) आधुनकि तकनीक द्वारा भेजे जाने वाले पत्रों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करो। जैसे-ई-मेल, फैक्स आदि।

उत्तर :

(क) 'एरोग्राम' एक तरह का पत्र होता है जो लिखकर विदेश भेजा जाता है। उसी में लिखकर उसे तीन मोड़ से मोड़ देते हैं। पत्र भेजने के लिए अन्य साधन भी हैं; जैसे –अन्तर्देशीय पत्र, पोस्टकार्ड आदि।

(ख) इस प्रश्न का उत्तर छात्रों को अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर देना है। अत:छात्र इसे स्वयं करें।

Page No 21:

Question 9:

पत्र अपने समय के महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों की बातों/विचारों का दस्तावेज़ होता है। इसलिए महत्त्वपूर्ण पत्रों का संकलन भी किया जाता है और समय-समय पर उससे लाभ भी उठाया जाता है। तुम्हें पता होगा कि भारत की आज़ादी के लिए क्रांतिकारी आंदोलन भी चला था जिसमें सरदार भगत सिंहभी शामिल थे। स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान उनके द्वारा अपने मित्रों को लिखे गए एक पत्र को आगे दिया गया है। तुम इसे पढ़ो।

साथियों,

ज़िंदा रहने की ख्वाहिश कुदरती तौर पर मुझमें भी होनी चाहिए। मैं इसे छिपाना नहीं चाहता। लेकिन मेरा ज़िंदा रहना मशरूत (सशर्त) है। मैं बंदी बनकर या पाबंद होकर ज़िंदा रहना नहीं चाहता। मेरा नाम हिंदुस्तानी इंकलाब पार्टी का निशान बन चुका है और इंकलाब-पसंद पार्टी के आदर्शों और बलिदानों ने मुझे बहुत ऊँचा कर दिया है। इतना ऊँचा कि ज़िंदा रहने की सूरत में इससे ऊँचा मैं हरगिज़ नहीं हो सकता।

आज मेरी कमज़ोरियाँ लोगों के सामने नहीं हैं। अगर मैं फाँसी से बच गया तो वे ज़ाहिर हो जाएँगी और इंकलाब का निशान मद्धिम पड़ जाएगा या शायद मिट ही जाए। लेकिन मेरे दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते फाँसी पाने की सूरत में हिंदुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगत सिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश की आज़ादी के लिए बलिदान होने वालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि इंकलाब को रोकना साम्राज्यवाद की संपूर्ण शैतानी शक्तियों के बस की बात न रहेगी।

हाँ, एक विचार आज भी कचोटता है। देश और इंसानियत के लिए जो कुछ हसरतें मेरे दिल में थीं, उनका हज़ारवाँ हिस्सा भी मैं पूरा नहीं कर पाया। अगर ज़िंदा रह सकता तो शायद इनको पूरा करने का मौका मिल जाता और मैं अपनी हसरतें पूरी कर सकता।

इसके सिवा कोई लालच मेरे दिल में फाँसी से बचा रहने के लिए कभी नहीं आया। मुझसे ज़्यादा खुशकिस्मत और कौन होगा? मुझे आजकल अपने आप पर बहुत नाज़ है। अब तो बड़ी बेताबी से आखिरी इंतिहां का इंतज़ार है। आरज़ू है कि यह और करीब हो जाए।

आपका साथी

भगत सिंह


अब तुम बताओ कि

1. तुम्हें इस पत्र द्वारा आज़ादी से पहले किसके बारे में और क्या जानकारी मिली।

2. तुमने देखा कि पत्रों द्वारा तुम्हें देश-विदेश की ही नहीं बल्कि किसी भी समय, किसी भी महत्त्वपूर्ण बात की जानकारी मिल सकती है। तुम अपनी पसंद के विभिन्न समय, समाज और महत्त्वपूर्ण संदर्भों से जुड़े कुछ पत्रों का एक संकलन तैयार करो तथा उस पर अपने साथियों के साथ बातचीत भी करो।

उत्तर :

1. इससे भगत सिंह के बारे में पता चलता है कि भगत सिंह ने फाँसी पर चढ़ने से पहले क्या सोचा था।

2.छात्र इसे स्वयं करें क्योंकि यह भाग छात्रों की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए दिया गया है। ऐसा करने से छात्रों का ज्ञान बढ़ेगा, मस्तिष्क का विकास होगा और अपने अन्य सहपाठियों के साथ सहयोग की भावना को भी बल मिलेगा।

एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 8 दूर्वा  पीडीएफ