NCERT Solutions Class 8 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन Chapter- 4 (कानूनों की समझ)

NCERT Solutions Class 8 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन Chapter- 4 (कानूनों की समझ)

NCERT Solutions Class 8  सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन 8 वीं कक्षा से Chapter-4 (कानूनों की समझ) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन केसभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 8 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन Chapter- 4 (कानूनों की समझ)

एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 8 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन

पाठ-4 (कानूनों की समझ)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर 

पाठ-4 (कानूनों की समझ)

प्रश्न 1.

इस स्थिति को पढ़े और उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें एक सरकारी अधिकारी के बेटे को जिला अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। इस वजह से वह सरकारी अधिकारी अपने बेटे को भाग निकालने में मदद करता है। क्या आपको लगता है कि उस सरकारी अधिकारी ने सही काम किया? क्या उसके बेटे को केवल इसलिए कानून से माफी मिल जानी चाहिए कि उसका बाप आर्थिक और राजनीतिक रूप से बहुत ताकतवर है?

उत्तर :

  1. सरकारी अधिकारी ने सही काम नहीं किया, बल्कि अपने पद का दुरुपयोग किया।
  2. अधिकारी के बेटे को इस आधार पर माफ़ी नहीं मिलनी चाहिए कि उसका पिता आर्थिक और राजनीतिक रूप से ताकतवर है।


प्रश्न 2.

इस किताब में मनमाना शब्द का इस्तेमाल पीछे भी आ चुका है। अध्याय 1 के शब्द संकलन में आप इसका मतलब पढ़ चुके हैं। अब एक कारण बताइए कि आप 1870 के राजद्रोह कानून को मनमाना क्यों मानते हैं? 1870 का राजद्रोह कानून किस प्रकार कानून के शासन का उल्लंघन करता है? 

उत्तर :

राजद्रोह कानून 1870- इस कानून के अनुसार अगर कोई भी भारतीय व्यक्ति ब्रिटिश सरकार का विरोध या आलोचना करता था उसे मुकदमा चलाए बिना गिरफ्तार किया जा सकता था।

मनमाना क्यों- कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है, परंतु यह कानून ब्रिटिश सरकार द्वारा केवल भारतीय नागरिकों के लिए बनाया गया था।

चित्र आधारित प्रश्न


प्रश्न 1.

“घरेलू हिंसा’ से आप क्या समझते हैं? हिंसा की शिकार महिलाओं को नए कानून से कौन से दो मुख्य अधिकार प्राप्त हुए हैं?

उत्तर :

घरेलू हिंसा-

जब परिवार का कोई पुरुष सदस्य (आमतौर पर पति) घर की किसी औरत (आमतौर पर पत्नी) के साथ मारपीट करता है, उसे चोट पहुँचाता है या मारपीट अथवा चोट की धमकी देता है औरत को यह नुकसान शारीरिक मारपीट या भावनात्मक शोषण के कारण पहुँच सकता है यह शोषण मौखिक यौन या फिर आर्थिक भी हो सकता है।

नए कानून द्वारा महिलाओं को अधिकार-

  1. यह कानून एक साझे मकान में रहने के महिलाओं के अधिकार को मान्यता देता है।
  2. किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ महिलाएँ सुरक्षा का आदेश प्राप्त कर सका हैं।
  3. महिलाएँ अपने इलाज और अन्य खर्चे के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकती हैं।


प्रश्न 2.

क्या आप एक ऐसी प्रक्रिया बता सकते हैं जिसका इस्तेमाल इस कानून की जरूरत के बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए किया गया हो? 

उत्तर :

लोगों को अवगत कराने के तरीके

  1.  जन सुनवाई के लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए।
  2.  कुछ संगठनों के साथ चर्चा की बैठकें आयोजित की गईं।
  3.  संवाददाता सम्मेलन बुलाए गए।
  4.  कंप्यूटर पर एक ऑन लाइन याचिका शुरू की गयी।

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प्रश्न 3.

उपरोक्त चित्रकथा-पट्ट को पढ़कर बताइए कि लोगों ने कौन से दो तरीकों से संसद पर दबाव बनाया? | 

उत्तर :

संसद पर दबाव बनाना

  1. वकीलों, कानूनों के विद्यार्थियों और समाज वैज्ञानिकों के संगठन, लॉयर्स कलेक्टिव ने राष्ट्रव्यापी चर्चा के बाद घरेलु हिंसा विधेयक का मसौदा तैयार किया।
  2.  महिला संगठनों और राष्ट्रीय महिला आयोग ने संसदीय स्थायी को अपने सुझाव सौंप दिए।

पोस्टर अध्ययन प्रश्न

प्रश्न 1.

बगल में दिए गए पोस्टर के बराबरी के रिश्ते हिंसा से मुक्त’ वाक्य खंड से आप क्या समझते हैं? 

जिन औरतों के साथ हिंसा या दुराचार होता है उन्हें आमतौर पर पीड़ित माना जाता है। इन हालात से उबरने के लिए औरतें तरह-तरह से संघर्ष करती हैं। इसलिए उन्हें पीड़ित की बजाय ‘सरवाइवर’ कहना ज्यादा बेहतर है। इस अंग्रेज़ी शब्द का अर्थ है जो बचा रहे।

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उत्तर :

‘बराबरी के रिश्ते हिंसा से मुक्त’ का अर्थ-

  1. स्त्री और पुरुष दोनों को बराबर माना, लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करना।।
  2. महिलाओं के साथ किसी प्रकार की मारपीट, यौन उत्पीड़न या आर्थिक एवं भावनात्मक पीड़ा न पहुँचाना।

प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.

‘कानून का शासन’ पद से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में लिखिए। अपना जवाब देते हुए कानून के उल्लंघन का कोई वास्तविक या काल्पनिक उदाहरण दीजिए।

उत्तर :

कानून का शासन-

  1. सभी कानून देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं। कानून से ऊपर कोई नहीं होता।
  2. कानून जाति और धर्म के आधार पर लोगों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता है।
  3. किसी भी अपराध या कानून के उल्लंघन की एक निश्चित सजा है। कानून उल्लंघन का उदाहरण यदि कोई व्यक्ति वाहन चलाते समय लालबत्ती पार करता है तो यह यातायात के नियमों का उल्लंघन है।


प्रश्न 2.

इतिहासकार इस दावे को गलत ठहराते हैं कि भारत में कानून का शासन अंग्रेजों ने शुरू किया था। इसके कारणों में से दो कारण बताइए।

उत्तर :

दो कारण-

  1. ब्रिटिश सरकार ने तो कानूनों को मनमाने तरीके से लागू किया था; जैसे–राजद्रोह एक्ट 1870
  2. ब्रिटिश भारत में कानून के विकास में भारतीय राष्ट्रवादियों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।


प्रश्न 3.

घरेलू हिंसा पर नया कानून किस तरह बना, महिला संगठनों ने इस प्रक्रिया में अलग-अलग तरीके से क्या भूमिका निभाई, उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :

महिला संगठनों की भूमिका-

  1. महिला संगठनों ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की शिकायतें तथा विचार सुने।
  2. महिला संगठनों ने जन सुनवाई के दौरान इस प्रकार हिंसा से निपटने के लिए एक नए कानून की जरूरत महसूस की।
  3. महिला संगठनों ने विचार-विमर्श के लिए अलग-अलग संस्थानों के साथ बैठकें की।
  4. घरेलू हिंसा से निपटने के लिए 2002 में संसद में पेश विधेयक को महिला संगठनों ने नामंजूर कर दिया और संसदीय स्थायी समिति को अपने सुझाव दिए।
  5. 2005 में संसद के सामने नया विधेयक पेश किया गया और संसद की मंजूरी के बाद 2006 में घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून लागू हुआ।


प्रश्न 4.

अपने शब्दों में लिखिए कि इस अध्याय में आए निम्नलिखित वाक्य (पृष्ठ 44-45 ) से आप क्या समझते हैं :

अपनी बातों को मनवाने के लिए उन्होंने संघर्ष करना शुरू कर दिया। यह समानता का संघर्ष था। उनके लिए कानून का मतलब ऐसे नियम नहीं थे जिनका पालन करना उनकी मज़बूरी हो। वे कानून को उससे अलग ऐसी व्यवस्था के रूप में देखना चाहते थे जो न्याय के विचार पर आधारित हों।

उत्तर :

  1. ब्रिटिश भारत में औपनिवेशिक सरकार ने बहुत से ऐसे कानून लागू किए जो भेदभाव पर आधारित थे। यह कानून का शासन नहीं था।
  2. राष्ट्रवादियों ने अपनी बातों को मनवाने के लिए संघर्ष शुरू किया। यह संघर्ष समानता पर आधारित था, क्योंकि वे ऐसा कानून चाहते थे जो भारतीयों और ब्रिटिश लोगों के लिए एक जैसा हो।
  3. राष्ट्रवादियों के लिए कानून का मतलब ऐसे नियम नहीं थे जिनका पालन करना मजबूरी हो।
  4. राष्ट्रवादी तो ऐसा कानून चाहते थे जो न्याय के विचार पर आधारित हो।