NCERT Solutions Class 8 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन Chapter- 2 (धर्मनिरपेक्षता की समझ)
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
Class 8 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन
पाठ-2 (धर्मनिरपेक्षता की समझ)
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
पाठ-2 (धर्मनिरपेक्षता की समझ)
प्रश्न 1.
इस अध्याय की भूमिका को एक बार फिर पढ़िए। आपको ऐसा क्यों लगता है कि बदले की भावना इस समस्या से निपटने का सही रास्ता नहीं हो सकती? अगर सारे समूह बदले के रास्ते पर चल पड़े तो क्या होगा?
उत्तर :
हिटलर ने जर्मनी में यहूदियों पर अत्याचार किया। अब यहूदी धर्म को मानने वाले इजरायल में मुसलमानों और ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। यह एक प्रकार के बदले की भावना है जो इस समस्या से निपटने का सही तरीका नहीं है। अगर सारे समूह बदले के रास्ते को अपना लें तो पूरे विश्व में अफरातफरी फैल जाएगी। यह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित करेगा। विभिन्न समूहों के बीच परस्पर सहयोग एवं सामंजस्य की भावना समाप्त हो जाएगी।
प्रश्न 2.
कक्षा में चर्चा करें-क्या एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं?
उत्तर :
हाँ, एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं।
प्रश्न 3.
क्या आप भारत के किसी भी भाग से हाल की कोई ऐसी घटना बता सकते हैं जहाँ संविधान के धर्मनिरपेक्ष आदर्शों का उल्लंघन किया गया हो और लोगों को उनके धर्म की वजह से प्रताड़ित किया गया हो या मारा गया हो?
उत्तर :
जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों द्वारा गैर-मुसलिम समुदायों को प्रताड़ित किया जाता है या मारा जाता है। यह संविधान के धर्मनिरपेक्ष आदर्शों का उल्लंघन है।
चित्र आधारित प्रश्न
प्रश्न 1.
उपरोक्त चित्रकथा-पट्ट में शिक्षक ने जो उत्तर दिया है उस पर चर्चा करें।
उत्तर :
शिक्षक का उत्तर
- भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है।।
- सरकारी स्कूल किसी एक धर्म को महत्त्व नहीं दे सकते।
- सरकारी स्कूल के लिए सभी धर्म समान है।
- अधिकतर धार्मिक त्योहारों पर सरकारी छुट्टी होती है।
प्रश्न 2.
सरकारी स्कूलों में अकसर कई धर्मों के बच्चे आते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए धर्मनिरपेक्ष राज्य के तीन उद्देश्यों को दोबारा पढ़िए। आप इस बारे में दो वाक्य लिखिए कि सरकारी स्कूलों को किसी एक धर्म को बढ़ावा क्यों नहीं देना चाहिए।
उत्तर :
- भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है इसलिए सरकारी स्कूलों में भी धर्मनिरपेक्षता की नीति का पालन किया जाता है।
- सरकारी स्कूल न तो किसी खास धर्म को थोप सकता है और न ही विद्यार्थियों की धार्मिक स्वतंत्रता छीन सकता है।
प्रश्न-अभ्यास
( पाठ्यपुस्तक से)
प्रश्न 1.
अपने आस-पड़ोस में प्रचलित धार्मिक क्रियाकलापों की सूची बनाइए। आप विभिन्न प्रकार की प्रार्थनाओं, विभिन्न देवताओं की पूजा, विभिन्न पवित्र स्थानों, विभिन्न प्रकार के धार्मिक संगीत और गायन आदि को देख सकते हैं। क्या इससे धार्मिक क्रियाकलापों की स्वतंत्रता का पता चलता है?
उत्तर :
प्रश्न 2.
अगर किसी धर्म के लोग यह कहते हैं कि उनका धर्म नवजात शिशुओं को मारने की छूट देता है। तो क्या सरकार किसी तरह का दखल देगी या नहीं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।
उत्तर :
हाँ, सरकार इस प्रकार की स्थिति में हस्तक्षेप करेगी, क्योंकि-
- कानूनों के अनुसार किसी भी कारण से की गयी हत्या एक अपराध है।
- यह धार्मिक छूट मानवधिकारों का हनन है।
प्रश्न 3.
इस तालिका को पूरा कीजिए-
उत्तर :
प्रश्न 4.
अपने स्कूल की छुट्टियों के वार्षिक कैलेंडर को देखिए। उसमें से कितनी छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से संबंधित हैं। इससे क्या संकेत मिलता है?
उत्तर :
संकेत-
- भारत में अनेक धर्मों के लोग रहते हैं।
- भारत में सभी धर्मों के लोगों की भावनाओं का आदर किया जाता है।
- प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छा का धर्म अपनाने तथा उसका प्रचार-प्रसार करने का अधिकार
प्रश्न 5.
एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोणों के कुछ उदाहरण दें।
उत्तर :
एक ही धर्म में अलग-अलग दृष्टिकोण-
प्रश्न 6.
भारतीय राज्य धर्म से फ़ासला भी रखता है और उसमें हस्तक्षेप भी करता है। यह उलझाने वाला विचार लग सकता है। इस पर कक्षा में एक बार फिर चर्चा कीजिए। चर्चा के लिए इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के अलावा आप अपनी जानकारी के अन्य उदाहरणों का भी सहारा ले सकते हैं।
उत्तर :
भारतीय राज्य का धर्म से फासला
- भारतीय राज्य किसी एक धर्म को समर्थन नहीं देता है।
- भारत में कचहरी, थाने, सरकारी, विद्यालय और दफ़्तर जैसे सरकारी संस्थानों में किसी खास धर्म को प्रोत्साहन देने या उसका प्रदर्शन करने की छूट नहीं है।
भारतीय राज्य का धर्म में हस्तक्षेप-
- धर्म के नाम पर अलग-थलग करना और भेदभाव रोकने के लिए भारतीय संविधान ने छुआछूत पर पाबंदी लगाई है।
- माँ-बाप की संपत्ति में बराबर हिस्से के | अधिकार का सम्मान करने के लिए राज्य को समुदायों के धर्म पर आधारित निजी कानूनों में भी हस्तक्षेप कर सकता है।
प्रश्न 7.
साथ में दिया गया यह पोस्टर ‘शांति’ के महत्त्व को रेखांकित करता है। इस पोस्टर में कहा गया है ‘‘शांति कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है…यह हमारी आपसी भिन्नताओं और साझा हितों को नजरअंदाज करके नहीं चल सकती।” ये वाक्य क्या बताते हैं? अपने शब्दों में लिखिए। धार्मिक सहिष्णुता से इसका क्या संबंध है?
उत्तर :
- शांति से हम सब कुछ प्राप्त करते हैं। इससे हमारा अपना तथा देश का विकास होता है तथा हम सब उन्नति के पथ पर अग्रसर होते हैं।
- शांति उसी समय स्थापित की जा सकती है जब सभी धर्मों के बीच सहिष्णुता होती है और सब मिल-जुलकर रहते हैं।