NCERT Solutions Class 8 विज्ञान Chapter- 16 (प्रकाश)
NCERT Solutions Class 8 विज्ञान 8 वीं कक्षा से Chapter-16 (प्रकाश) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी विज्ञान के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
Class 8 विज्ञान
पाठ-16 (प्रकाश)
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
पाठ-16 (प्रकाश)
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 199
प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि ये सब देखना कैसे सम्भव हो पाता है?
उत्तर :
हाँ, जब किसी वस्तु से प्रकाश हमारी आँख में प्रवेश करता है, तो हम वस्तु को देख पाते हैं।
वस्तुओं को दृश्य कौन बनाता है?
प्रश्न 1.
क्या कभी आपने सोचा है कि हम विभिन्न वस्तुओं को कैसे देख पाते हैं?
उत्तर :
हाँ, हम विभिन्न वस्तुओं को प्रकाश की सहायता से अपने नेत्रों से देखते हैं।
प्रश्न 2.
क्या आप अँधेरे में किसी वस्तु को देख पाते हैं?
उत्तर :
नहीं, किसी वस्तु को देखने के लिए प्रकाश का होना आवश्यक है। जब किसी वस्तु से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है, तभी हम वस्तु को देख पाते हैं।
प्रश्न 3.
क्या आप बता सकते हैं कि किसी पृष्ठ पर पड़ने वाला प्रकाश किस दिशा में परावर्तित होगा?
उत्तर :
जब किसी सतह पर प्रकाश की किरण पड़ती है, तो वह अन्य दूसरी दिशा में परावर्तित हो जाती है।
परावर्तन के नियम
क्रियाकलाप 16.1
प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं?
उत्तर :
हम देखते हैं कि प्रकाश की किरण दर्पण से टकराने के बाद दूसरी दिशा में परावर्तित हो जाती है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 200
प्रश्न 1.
प्रेक्षणों को सारणी में लिखिए।
उत्तर :
सारणी – आपतन कोण तथा परावर्तन कोण क्रम संख्या आपतन कोण परावर्तन कोण
प्रश्न 2.
क्या आप आपतन कोण तथा परावर्तन कोणके बीच कोई सम्बन्ध पाते हैं? क्या ये दोनों लगभग बराबर हैं?
उत्तर :
हाँ, आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है। हाँ, ये दोनों लगभग बराबर हैं।
प्रश्न 3.
यदि दर्पण पर प्रकाश अभिलम्ब के अनुदिश डालें तो क्या होगा?
उत्तर :
प्रकाश अभिलम्ब के अनुदिश ही परावर्तित होगा।
क्रियाकलाप 16.2
प्रश्न 1.
क्या आप अब भी परावर्तित किरण देख पाते हैं?
उत्तर :
नहीं, अब हम परावर्तित किरण नहीं देख पाते हैं।
प्रश्न 2.
क्या आप फिर से परावर्तित किरण को देख पाते हैं? इससे आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
उत्तर :
हाँ, हम फिर से परावर्तित किरण देख पाते हैं। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब ये सभी एक तल में होते हैं।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 201
प्रश्न 1.
पहेली ने उससे उन लक्षणों का स्मरण करने के लिए पूछा क्या प्रतिबिम्ब सीधा या अथवा उल्टा?
उत्तर :
प्रतिबिम्ब सीधा था।
प्रश्न 2.
क्या प्रतिबिम्ब का साइज वस्तु के साइज के बराबर था?
उत्तर :
हाँ, प्रतिबिम्ब का साइज वस्तु के बराबर था।
प्रश्न 3.
क्या प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर दिखाई दिया था। जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी थी?
उत्तर :
हाँ, प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर दिखाई दिया था जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी थी।
प्रश्न 4.
क्या प्रतिबिम्ब पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता था?
उत्तर :
नहीं, इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह आभासी प्रतिबिम्ब है।
क्रियाकलाप 16.3
प्रश्न 1.
क्या आप परावर्तित किरणों की दिशा ज्ञात कर सकते हैं?
उत्तर :
हाँ, हम परावर्तित किरणों की दिशा ज्ञात कर सकते हैं।
प्रश्न 2.
इन्हें आगे की ओर बढ़ाइए। क्या ये मिलती हैं? अब इन्हें पीछे की ओर बढ़ाइए। क्या अब ये मिलती हैं?
उत्तर :
ये किरणें आगे की ओर बढ़ाने पर एक बिन्दु पर नहीं मिलती हैं। इन्हें पीछे की ओर बढ़ाने पर ये एक बिन्दु पर मिलती हैं।
प्रश्न 3.
क्या परावर्तित किरणें E पर स्थित किसी दर्शक के नेत्र को बिन्दु I से आती हुई प्रतीत होंगी?
उत्तर :
हाँ, परावर्तित किरणें E पर स्थित किसी दर्शक के नेत्र को बिन्दु I से आती हुई प्रतीत होंगी।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 202
नियमित तथा विसरित परावर्तन
क्रियाकलाप 16.4
प्रश्न 1.
क्या ये परावर्तित किरणें एक-दूसरे के समान्तर हैं?
उत्तर :
नहीं, ये परावर्तित किरणें एक-दूसरे के समान्तर नहीं हैं।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 203
प्रश्न 1.
मेरे मन में एक प्रश्न है। यदि परावर्तित किरणें किसी अन्य दर्पण पर आपतित हों, तो क्या वे फिर परावर्तित हो सकती हैं?
उत्तर :
हाँ, यदि परावर्तित किरणें किसी अन्य दर्पण पर आपतित हों, तो वे फिर परावर्तित हो सकती हैं।
परावर्तित प्रकाश को पुनः परावर्तित किया जा सकता है?
प्रश्न 1.
क्या आप बता सकते हैं कि अपने सिर के पीछे के बालों को आप कैसे देख सकते हैं?
उत्तर :
हम अपने सिर के पीछे के बालों को अपने सिर के पीछे रखे दर्पण से होने वाले प्रकाश के परावर्तन द्वारा देख सकते हैं।
प्रश्न 2.
क्या आप बता सकते हैं कि दो दर्पण परावर्तन द्वारा आप उन वस्तुओं को देखने योग्य कैसे बना पाते हैं जिन्हें आप सीधे नहीं देख पाते?
उत्तर :
हाँ, इस प्रक्रिया में एक दर्पण से परावर्तित होने वाली प्रकाश किरण पुनः दूसरे दर्पण से परावर्तित होती है। परिदर्शी द्वारा वस्तुओं को देखने में इसी घटना का उपयोग किया जाता है।
बहु प्रतिबिम्ब
प्रश्न 1.
यदि दो समतल दर्पणों को संयोजन में उपयोग करें तो क्या होगा?
उत्तर :
यदि दो समतल दर्पणों को एक-दूसरे से किसी कोण में रखें तो उनसे अनेक प्रतिबिम्ब प्राप्त होते हैं।
क्रियाकलाप 16.5
प्रश्न 1.
आपको इस सिक्के के कितने प्रतिबिम्ब दिखाई देते हैं?
उत्तर :
सिक्के के चार प्रतिबिम्ब दिखाई देते हैं।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 204
प्रश्न 1.
क्या अब आप यह स्पष्ट कर सकते हैं कि केश प्रसाधक की दुकान पर आप अपने सिर के पीछे के भाग को कैसे देख पाते हैं?
उत्तर :
हाँ, हम अपने सिर के पीछे के भाग को सिर के पीछे रखे दर्पण से प्रकाश के रासन द्वारा देख पाते हैं।
बहुमूर्तिदर्शी
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 205
क्रियाकलाप 16.7
प्रश्न 1.
आप इसकी व्याख्या किस प्रकार करेंगे?
उत्तर :
दर्पण एवं जल संयुक्त रूप से एक प्रिज्म बनाते हैं, यह प्रकाश को उसके सात घटकों में विभक्त कर देता है। प्रकाश का इस प्रकार अपने घटकों में विभाजन होना प्रकाश का विक्षेपण कहलाता है।
क्रियाकलाप 16.8
प्रश्न 1.
क्या आप पुतली के साइज में कोई अन्तर देख पाते हैं? किस स्थिति में पुतली बड़ी थी? क्या आप बता सकते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
उत्तर :
हाँ, जब टॉर्च से आँख पर प्रकाश डाला जाता है तो पुतली का साइज छोटा हो जाता है जिससे कि रेटिना पर प्रकाश की मात्रा कम पड़े। जब पुतली पर प्रकाश नहीं पड़ता है, तब इसका साइज कुछ बड़ा होता है, जिससे कि रेटिना पर अधिक प्रकाश जा सके। ऐसा इसलिए होता है कि आँखों में प्रवेश करने वाले प्रकाश को नियन्त्रित किया जा सके।
प्रश्न 2.
किस स्थिति में आपको आँख में अधिक प्रकाश भेजने की आवश्यकता है, मन्द प्रकाश में या तीव्र प्रकाश में?
उत्तर :
जब प्रकाश मन्द होता है, तब आँख में अधिक प्रकाश भेजने की आवश्यकता होती है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ परख्या # 206
प्रश्न 1.
किस प्रकार का लेंस केन्द्र पर मोटा होता है?
उत्तर :
उत्तल लेंस केन्द्र पर मोटा होता है।
क्रियाकलाप 16.9
प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं? क्या गोल चिह्न शीट के किसी दूरी तक आने पर अदृश्य हो जाता है?
उत्तर :
शीट को धीरे-धीरे अपनी ओर लाने पर गोल चिह्न धुंधला होता जाता है। हाँ, एक निश्चित दूरी आने पर वह अदृश्य हो जाता है।
प्रश्न 2.
क्या इस बार क्रॉस अदृश्य हो जाता है?
उत्तर :
हाँ, क्रॉस इस बार भी अदृश्य हो जाता है। इसका कारण है कि रेटिना पर एक बिन्दु ऐसा है जो प्रकाश गिरने पर इसकी सूचना मस्तिष्क तक नहीं पहुँचाता।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 207
क्रियाकलाप 16.10
प्रश्न 1.
गत्ते के घूमते समय क्या आपको पक्षी पिंजरे के अन्दर दिखाई देता है?
उत्तर :
हाँ, गत्ते के घूमते समय हमको पक्षी दिखाई देता है।
पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
मान लीजिए आप अँधेरे कमरे में हैं। क्या आप कमरे में वस्तओं को देख सकते हैं? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
हम अँधेरे कमरे में वस्तुओं को नहीं देख सकते हैं। क्योंकि अँधेरे कमरे की वस्तुओं को हम उनके द्वारा प्रकाश के परावर्तन द्वारा ही देख सकते हैं जो प्रकाश न होने के कारण अँधेरे कमरे में नहीं होगा। कमरे के बाहर वस्तुओं को हम तभी देख सकते हैं जबकि वहाँ रखी हुई वस्तुओं से परावर्तित प्रकाश हमारी आँखों तक आ सके।
प्रश्न 2.
नियमित तथा विसरित परावर्तन में अन्तर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं?
उत्तर :
नियमित परावर्तन:
दर्पण जैसे चिकने पृष्ठ से होने वाले परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते हैं। इस प्रकार के परावर्तन में सभी समान्तर किरणें किसी समतल पृष्ठ से परावर्तित होने के पश्चात् समान्तर हो जाती है।
विसरित परावर्तन:
विसरित परावर्तन खुरदरे पृष्ठ से होता है। इस प्रकार के परावर्तन में सभी समान्तर किरणें किसी समतल पृष्ठ से परावर्तित होने के पश्चात् समान्तर नहीं होती। नहीं, विसरित परावर्तन का अर्थ यह नही है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए। विसरित परावर्तन में भी परावर्तन के नियमों का सफलतापूर्वक पालन होता है।
प्रश्न 3.
निम्न में से प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समान्तर किरण-पुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा। प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज।
- चॉक पाउडर।
- गत्ते का पृष्ठ।
- संगमरमर के फर्श पर फैला जल।
- दर्पण।
- कागज का टुकड़ा।
उत्तर :
- पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज – नियमित परावर्तन क्योंकि मेज की सतह पॉलिश युक्त है।
- चॉक का पाउडर – विसरित परावर्तन क्योंकि इसकी सतह खुरदरी है।
- गत्ते का टुकड़ा – विसरित परावर्तन क्योंकि इसकी सतह खुरदरी है।
- संगमरमर के फर्श पर फैला जल – विसरित परावर्तन क्योंकि यह संगमरमर और जल के संयुक्त होने से प्रिज्म बनेगा।
- दर्पण – नियमित परावर्तन – क्योंकि दर्पण की सतह चमकदार तथा पॉलिश युक्त है।
- कागज का टुकड़ा – विसरित परावर्तन क्योंकि कागज की सतह खुरदरी होती है।
प्रश्न 4.
परावर्तन के नियम बताइए।
उत्तर :
परावर्तन के दो नियम हैं –
- आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है।
- आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
प्रश्न 5.
यह दर्शाने के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एक ही तल में होते हैं, एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
प्रयुक्त सामग्री – सफेद कागज की शीट, समतल दर्पण, पैमाना, पेंसिल, ड्राइंग बोर्ड, ड्राइंग पिन, आलपिन, दर्पण स्टैण्ड।
विधि:
1. सफेद कागज की शीट को ड्राइंग पिनों की सहायता से ड्राइंग बोर्ड पर लगाते हैं।
2. इस शीट पर एक सीधी रेखा खींचकर उस पर दर्पण स्टैण्ड की सहायता से समतल दर्पण खड़ा करते हैं।
3. दर्पण के लिए खींची गई रेखा पर मध्य में एक अभिलम्ब खींचते हैं।
4. अभिलम्ब के साथ कोई न्यून कोण बनाती हुई रेखा खींचते हैं। इस पर दो आलपिन आपस में थोड़ी दूरी पर लगाते है।
5. इन दोनों पिनों का प्रतिबिम्ब दर्पण में देखते हुए दो आलपिनें इस प्रकार लगाते हैं कि चारों पिनों के आधार एक सीध में रहें।
6. शीट पर परावर्तित किरण खींचते हैं।
7. शीट पर आपतन कोण और परावर्तन कोण खींचते हैं।
8. अब शीट को बोर्ड से उठाकर परावर्तित किरण की ओर मोड़ते हैं।
9. शीट को खोलकर देखने पर ज्ञात होता है कि आपतित किरण AO, परावर्तित किरण BO तथा अभिलम्ब ON, आपतन बिन्दु O पर मिलते हैं।
अतः स्पष्ट है कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
- एक समतल दर्पण के सामने 1 m दूर खड़ा एक व्यक्ति अपने प्रतिबिम्ब से ………….. m दूर दिखाई देगा।
- यदि किसी समतल दर्पण के सामने खड़े होकर आप अपने दाएँ हाथ अपने ………….. कान को छुएँ तो दर्पण में ऐसा लगेगा कि आपका दायाँ कान …….. हाथ से छुआ गया है।
- जब आप मन्द प्रकाश में देखते हैं तो आपकी पुतली का साइज ………….. हो जाता है।
- रात्रि पक्षियों के नेत्रों में शलाकाओं की संख्या की अपेक्षा शंकुओं की संख्या ………….. होती है।
उत्तर :
- 2
- बाएँ, बाएँ।
- बड़ा।
- अधिक।
प्रश्न 7 तथा 8 में सही विकल्प छाँटिए –
प्रश्न 7.
आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है –
- सदैव।
- कभी-कभी।
- विशेष दशाओं में।
- कभी नहीं।
उत्तर :
सदैव।
प्रश्न 8.
समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब होता है –
- आभासी, दर्पण के पीछे तथा आवर्धित।
- आभासी, दर्पण के पीछे तथा बिम्ब के साइज के बराबर।
- वास्तविक, दर्पण के पृष्ठ पर तथा आवर्धित।
- वास्तविक, दर्पण की पीछे तथा बिम्ब के साइज के बराबर।
उत्तर :
आभासी, दर्पण के पीछे तथा बिम्ब के साइज के बराबर।
प्रश्न 9.
कैलाइडोस्कोप की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
कैलाइडोस्कोप गत्ते या मोटे चार्ट पेपर शीट की बनी एक बेलनाकार ट्यूब होती है। इस ट्यूब में दर्पण की तीन
आयताकार पट्टियाँ प्रिज्म की आकृति में जोड़कर दृढ़ता से ट्यूब में लगा देते हैं। ध्यान रहे कि ट्यूब दर्पण की पट्टियों से थोड़ी लम्बी हो। ट्यूब के एक सिरे को एक ऐसी डिस्क से बन्द कर देते हैं जिसमें अन्दर का दृश्य देखने के लिए एक छिद्र बना हो।
इस डिस्क को टिकाऊ बनाने के लिए इसके नीचे पारदर्शी प्लास्टिक की शीट चिपका देते हैं। ट्यूब के दूसरे सिरे पर समतल काँच की एक वृत्ताकार प्लेट दर्पणों को छूते हुए लगा देते हैं। इस प्लेट पर छोटे-छोटे रंगीन काँच के टुकड़े (रंगीन चूड़ियों के टुकड़े) रख देते हैं। ट्यूब के इस सिरे को घिसे हुए काँच की प्लेट से बन्द कर देते हैं। रंगीन टुकड़ों का हिलने-डुलने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। इस प्रकार कैलाइडोस्कोप की रचना कर लेते हैं।
प्रश्न 10.
मानव नेत्र का नामांकित रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर :
प्रश्न 11.
गुरमीत लेजर टॉर्च के द्वारा क्रियाकलाप 16.8 को करना चाहता था। उसके अध्यापक ने ऐसा करने से मना किया। क्या आप अध्यापक की सलाह के आधार की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर :
हाँ, गुरमीत के अध्यापक ने लेजर टॉर्च का प्रयोग करने से इसलिए मना किया क्योंकि लेजर टॉर्च का प्रकाश रेटिना को हानि पहुँचा सकता है, जिससे उसमें स्थाई दृष्टि सम्बन्धी समस्या आ सकती है।
प्रश्न 12.
वर्णन कीजिए कि आप अपने नेत्रों की देखभाल कैसे करेंगे?
उत्तर :
म निम्न प्रकार कर सकते हैं –
- नेत्रों से सम्बन्धित कोई समस्या होने पर हमें नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
- हमें नेत्रों की नियमित जाँच कराते रहना चाहिए।
- बहुत अधिक और बहुत कम प्रकाश नेत्रों के लिए हानिकारक है। हमें सूर्य या शक्तिशाली लैम्प के अत्यधिक तीव्र प्रकाश अथवा लेजर टॉर्च के प्रकाश से बचना चाहिए। लेजर टॉर्च का प्रकाश रेटिना को क्षति पहुँचा सकता है।
- हमें सूर्य अथवा शक्तिशाली प्रकाश स्रोत को कभी भी सीधा नहीं देखना चाहिए।
- हमें अपने नेत्रों को कभी नहीं रगड़ना चाहिए। नेत्रों में धूल का कण गिर जाने पर नेत्रों को स्वच्छ जल से धोना चाहिए। सुधार न होने पर डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए।
- हमें पठन सामग्री अथवा पुस्तक को सदैव दृष्टि की सामान्य दूरी पर रखना चाहिए।
प्रश्न 13.
यदि परावर्तित किरण आपतित किरण से 90° का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान कितना होगा?
उत्तर :
आपतन कोण का मान 45° होगा।
प्रश्न 14.
यदि दो समान्तर दर्पण एक-दूसरे से 40 cm के अन्तराल पर रखे हों तो इनके बीच रखी एक मोमबत्ती के कितने प्रतिबिम्ब बनेंगे?
उत्तर :
मोमबत्ती के अनगिनत प्रतिबिम्ब बनेंगे।
प्रश्न 15.
दो दर्पण एक-दूसरे के लम्बवत् रखे हैं। प्रकाश की एक किरण एक दर्पण पर 30° के कोण पर आपतित होती हैं जैसा कि चित्र 16.5 में दर्शाया गया है। दूसरे दर्पण से परावर्तित होने वाले परावर्तित किरण बनाइए।
उत्तर :
प्रश्न 16.
निम्नांकित चित्र में दर्शाए अनुसार बूझो एक समतल दर्पण के सामने पार्श्व से कुछ हटकर एक किनारे A पर खड़ा होता है। क्या वह स्वयं को दर्पण में देख सकता है? क्या वह P, Q, तथा R पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब भी देख सकता है?
उत्तर :
बूझो स्वयं को दर्पण में नहीं देख सकता। वह P तथा Q पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब देख सकता है। वह R पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब नहीं देख सकता है।
प्रश्न 17.
- A पर स्थित किसी वस्तु के समतल दर्पण से बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए उपर चित्र को देख सकता है।
- क्या स्थिति B से पहली प्रतिबिम्ब को देख सकती है?
- क्या स्थिति C से बूझो इस प्रतिबिम्ब को देख सकता है?
- जब पहेली B से C पर चली जाती है तो A का प्रतिबिम्ब किस ओर खिसक जाता है?
उत्तर :
- A पर स्थित किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनेगा जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी है।
- हाँ, स्थिति B से पहेली प्रतिबिम्ब देख सकती है।
- हाँ, स्थिति C से बूझो इस प्रतिबिम्ब को देख सकता है।
- A का प्रतिबिम्ब उसी स्थान पर रहेगा। प्रतिबिम्ब केवल उसी स्थिति में खिसकेगा जबकि वस्तु या दर्पण खिसके।
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 8 विज्ञान पीडीएफ
- 1. फ़सल उत्पादन एवं प्रबंध
- 2. सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
- 3. संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक
- 4. पदार्थ- धातु और अधातु
- 5. कोयला और पेट्रोलियम
- 6. दहन और ज्वाला
- 7. पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
- 8. कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य
- 9. जंतुओं में जनन
- 10. किशोरावस्था की ओर
- 11. बल तथा दाब
- 12. घर्षण
- 13.ध्वनि
- 14. विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
- 15. कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
- 17. तारे एवं सौर परिवार
- 18. वायु तथा जल का प्रदूषण