NCERT Solutions Class 8 संसाधन एवं विकाश Chapter- 1 (संसाधन)
NCERT Solutions Class 8 संसाधन एवं विकाश 8 वीं कक्षा से Chapter-1 (संसाधन) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी संसाधन एवं विकाश केसभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
Class 8 संसाधन एवं विकाश
पाठ-1 (संसाधन)
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
पाठ-1 (संसाधन)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर :
विभिन्न प्रकार की वस्तु या पदार्थ जिसकी उपयोगिता हो संसाधन कहलाती है।
(ख) अक्षयशील संसाधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर :
सूर्य का प्रकाश, पवन, वायु आदि कभी न समाप्त होने वाले संसाधन को अक्षयशील संसाधन कहते हैं।
(ग) जीवाश्मी ईंधन अनवीकरणीय संसाधन क्यों हैं?
उत्तर :
ऐसे प्राकृतिक संसाधन जो भूतकाल में निर्मित हुए हैं तथा जिनका भंडार सीमित मात्रा में है, अनवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं। इन संसाधनों का एक बार उपयोग कर लेने के बाद इन्हें पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता। जीवाश्मी ईंधन भी एक ऐसा ही संसाधन है जिसे पुन: निर्मित होने में हजारों वर्ष लग जाते हैं। इसी कारण इसे अनवीकरणीय ईंधन कहा जाता है।
(घ) सतत पोषणीय विकास किसे कहते हैं?
उत्तर :
संसाधनों के अंधाधुध उपयोग पर लगाम लगाने की जरूरत है संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग को संसाधन संरक्षण कहते हैं। संसाधन संरक्षण का अर्थ संसाधनों के प्रयोग को पूर्णतः रोकना नहीं है, बल्कि इस प्रकार से उपयोग करना है कि वर्तमान पीढी के साथ-साथ भावी पीढ़ी भी इनसे लाभान्वित हो सके। ऐसे विकास को ही सतत पोषण विकास कहते हैं।
(ङ) प्राकृतिक संसाधानों के संरक्षण के उपाय लिखिए।
उत्तर :
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के उपाय
- मृदा का संरक्षण- मृदा की बहुत बड़ी हानि अपरदन से होती है। मृदा के अपरदन को रोकने के लिए फसल का 10-15 से०मी० तक डंठल छोड़कर काटना चाहिए। जिससे वायु वेग का प्रभाव न पड़े। क्योंकि मृदा का अपरदन वायु द्वारा भी होता है। पशुचारण पर रोक लगाकर तथा खेतों में मेड़ बनाकर मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।
- वृक्षों का संरक्षण- औद्योगिक क्रांति के बाद वनों का बड़े पैमाने पर ह्रास हुआ है, अतः वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर वन संपदा की वृद्धि की जा सकती है। वृक्षारोपण द्वारा मिट्टी के कटाव को भी कम किया जा सकता है।
2. जल का संरक्षण- जल का संरक्षण जीवन का संरक्षण है। जल का प्राकृतिक स्रोत वर्षा है। वर्षा का जल प्रवाहित होकर नदियों एवं नालों में पहुँचता है। वर्षा के जल के उपयोग के लिए बाँध बनाकर इसे जमा किया जा सकता है। नहरों को पक्का करके तथा टिकिल सिंचाई द्वारा जल के उपयोग को कम किया जा सकता है। घरों में पानी का सीमित प्रयोग कर जल का संरक्षण किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए-
उत्तर :
प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर :
(क) पुल एक मानवनिर्मित संसाधन है।
(ख) उपजाऊ भूमि प्राकृतिक संसाधन है।
(ग) संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग संसाधन संरक्षण कहलाता है।
परियोजना कार्य-
विद्यार्थी स्वयं करें।