NCERT Solutions Class 8 वसंत Chapter-14 (अकबरी लोटा)
NCERT Solutions Class 8 वसंत 8 वीं कक्षा से Chapter-14 (अकबरी लोटा) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी वसंत के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
Class 8 वसंत
पाठ-14 (अकबरी लोटा)
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
पाठ-14 (अकबरी लोटा)
कहानी की बात
प्रश्न 1. “लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।” लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं थाफिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लियाआपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए
उत्तर :
लाला झाऊलाल को वह बेढंगा लोटा पसंद न था, फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया, किंतु अपनी पत्नी को कुछ भी न कहा क्योंकि वे अपनी पत्नी का अदब मानते थेइसके अलावा उन्हें अपनी पत्नी के तेजतर्रार स्वभाव का भी पता था, जिसके सामने वे कमज़ोर पडते थेउन्हें यह डर भी था कि यदि उन्होंने लोटे के बारे में कुछ कहा तो अगली बार शायद बाल्टी में खाना पडे अर्थात इससे भी बुरी स्थिति हो सकती थी
प्रश्न 2. “लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।” आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?
उत्तर :
पानी पीते हुए लाला झाऊलाल के हाथ से लोटा छूट गया और वह गली में गिरने लगाअचानक गली में शोर उठालाला जी भी छत से नीचे आएउन्होंने देखा कि सिर से पाँव तक भीगा एक अंग्रेज अपना अँगूठा पकड़े तिलमिला रहा है और गालियाँ बक रहा हैलालाजी ने समझ लिया कि यह अंग्रेज उन्हीं के लोटे के पानी से भीगा है और उसी से चोटिल हुआ हैअब यह झगड़ा करेगा तथा इसके साथ आई भीड़ झगड़े से हर्षित होगी
प्रश्न 3. अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इंकार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए
उत्तर :
अंग्रेज के सामने बिलवासी मिश्र, झाऊलाल को पहचानने से इंकार करते हुए अजीब-सा व्यवहार इसलिए कर रहे थे, जिससे अंग्रेज को तनिक भी शक न हो कि मेरे साथ की गई हमदर्दी दिखावा मात्र हैबिलवासी जी यह सोच रहेथे कि इस प्रकार के व्यवहार से अंग्रेज का क्रोध शांत हो जाएगा तथा यह गंभीर मामला शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा तथा किसी को उपहास उड़ाने का अवसर भी नहीं मिलेगा।
प्रश्न 4. बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए
उत्तर :
बिलवासी जी ने लाला झाऊलाल को देने के लिए रुपयों का प्रबंध अपनी पत्नी की संदूक से चोरी करके कियाइसके लिए उन्होंने अपनी सोती हुई पत्नी के गले में पड़ी चेन से ताली निकाली और चुपचाप संदूक से रुपये निकालकर उसे बंद कर दियालाला झाऊलाल के लिए रुपये का इंतजाम अंग्रेज के माध्यम से हो जाने पर उन्होंने वे रुपए उसी तरह वापस रख दिये और उनकी पत्नी न जान सकी
प्रश्न 5. आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए
उत्तर :
भारत की सभ्यता, संस्कृति, कला तथा ऐतिहासिक वस्तुओं ने सदा से ही विदेशियों को आकर्षित किया हैइसके अलावा कुछ लोगों के अपने विशेष शौक भी होते हैंअंग्रेज भी ऐतिहासिक वस्तुओं के संग्रह करने का शौकीन थाइसके अलावा उसका पड़ोसी मेजर डगलस इस अंग्रेज को अपनी ऐतिहासिक वस्तुएँ दिखाकर डींग मारता रहता थागतवर्ष उसने भारत से ‘जहाँगीरी अंडा’ खरीदा थाअंग्रेज इसका बदला लेना चाहता थाउससे महँगा तथा ऐतिहासिक अकबरी लोटा खरीदकर उन्हें दिखाते हुए उन्हें पीछे छोड़ना चाहता था, इसलिए उसने वह लोटा 500 रुपये में खरीद लिया
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. “इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता हैआप उसी से पूछ लीजिएमैं नहीं बताऊँगा।” बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए
उत्तर :
यह बात पंडित बिलवासी मिश्र ने लाला झाऊलाल से कहीलाला झाऊलाल यह जानना चाहते थे कि उनके लिए रुपयों का प्रबंध कैसे किया था, तब उन्होंने कहा कि इस भेद को मेरे सिवा ईश्वर ही जानता हैआप उसी से पूछलेना ऐसा कहकर वह पत्नी से चोरी करके उसकी संदूक से रुपये निकालने की बात नहीं कहना चाहते थेइसके अलावा उन्हें घर पहुँचकर उन रुपयों को यथास्थान रखने की जल्दी भी थी, इसलिए ऐसा कहा
प्रश्न 2. “उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।” समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए
उत्तर :
बिलवासी मिश्र ने अपने मित्र की मदद करने के लिए चोरी से अपनी पत्नी की संदूक से ढाई सौ रुपये निकाले वे रुपये देने लाला जी के घर गए किंतु वहा अकबरी लोटे के माध्यम से 500 रुपये की व्यवस्था हो गईइस प्रकार लाला झाऊलाल की समस्या तो हल हो गई पर असली समस्या बिलवासी मिश्र के सामने थी कि पत्नी की संदूक से चुराए हुए ढाई सौ रुपये उसी स्थान पर पुनः कैसे रखे जाएँवे खुद जागकर अपनी पत्नी के सो जाने का इंतजार कर रहे थे, ताकि उसके सो जाने पर ताली निकालकर रुपये वहाँ रख सकें
प्रश्न 3.
“लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।’
“अजी इसी सप्ताह में ले लेना।”
“सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?”
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए
उत्तर :
लाला झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच हुई बातचीत से पता चलता है कि लालाजी ने पहले भी अपनी पत्नी से किए गए वायदे न निभा सके होंगेइसके अलावा यह भी पता चलता है कि –
- उनकी पत्नी को लालाजी के वचनों पर विश्वास न था
- वह उनकी समय पर पैसों को न देने के स्वभाव से वाकिफ थी
- उनका स्वभाव झाऊलाल के स्वभाव से तेज था
- वह तर्क शक्ति से लालाजी को निरुत्तर कर दिया करती थी।
- लाला झाऊलाल कंजूस स्वभाव के थे
क्या होता यदि
प्रश्न 1. अंग्रेज लोटा न खरीदता?
उत्तर :
अंग्रेज लोटा न खरीदता तो बिलवासी जी जो रुपये अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके लाए थे वही रुपये लाला झाऊलाल को देते लाला झाऊलाल ये रुपये अपनी पत्नी को दे देते तथा बाद में रुपये का प्रबंध कर अपने मित्र बिलवासी मिश्र को दे देते इसके अलावा उन्हें अचानक यूँ पाँच सौ रुपये भी न मिल पाते
प्रश्न 2. यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता?
उत्तर :
यदि अंग्रेज पुलिस बुला लेता तो पुलिस झाऊलाल तथा अंग्रेज को पुलिस स्टेशन ले जातीदोनों को ही समझौता करने को कहती तथा लालाजी से अंग्रेज को क्षतिपूर्ति कराती फिर भी दोनों न मानते तो उन्हें थाने में बंद करने की धमकी देतीअकबरी लोटे के माध्यम से 500 रुपये की व्यवस्था हो गईइस प्रकार लाला झाऊलाल की समस्या तो हल हो गई पर असली समस्या बिलवासी मिश्र के सामने थी कि पत्नी की संदूक से चुराए हुए ढाई सौ रुपये उसी स्थान पर पुन: कैसे रखे जाएँवे खुद जागकर अपनी पत्नी के सो जाने का इंतजार कर रहे थे, ताकि उसके सो जाने पर ताली निकालकर रुपये वहाँ रख सकें
प्रश्न 3. “लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।’ अजी इसी सप्ताह में ले लेना।” “सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?” झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए
उत्तर :
लाला झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच हुई बातचीत से पता चलता है कि लालाजी ने पहले भी अपनी पत्नी से किए गए वायदे न निभा सके होंगेइसके अलावा यह भी पता चलता है कि –
- उनकी पत्नी को लालाजी के वचनों पर विश्वास न था
- वह उनकी समय पर पैसों को न देने के स्वभाव से वाकिफ थी
- उनका स्वभाव झाऊलाल के स्वभाव से तेज था
- वह तर्क शक्ति से लालाजी को निरुत्तर कर दिया करती थी।
- लाला झाऊलाल कंजूस स्वभाव के थे
क्या होता यदि
प्रश्न 1. अंग्रेज़ लोटा न खरीदता?
उत्तर :
अंग्रेज लोटा ने खरीदता तो बिलवासी जी जो रुपये अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके लाए थे वही रुपये लाला झाऊलाल को देते लाला झाऊलाल ये रुपये अपनी पत्नी को दे देते तथा बाद में रुपये का प्रबंध कर अपने मित्र बिलवासी मिश्र को दे देतेइसके अलावा उन्हें अचानक यूँ पाँच सौ रुपये भी न मिल पाते
प्रश्न 2. यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता?
उत्तर :
यदि अंग्रेज पुलिस बुला लेता तो पुलिस झाऊलाल तथा अंग्रेज को पुलिस स्टेशन ले जातीदोनों को ही समझौता करने को कहती तथा लालाजी से अंग्रेज को क्षतिपूर्ति करातीफिर भी दोनों न मानते तो उन्हें थाने में बंद करने की धमकी देती।
प्रश्न 3. जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?
उत्तर :
जब बिलवासी जी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे होते और वह जाग जाती तो पति-पत्नी के बीच झगड़ा होता, जिसमें उनकी पत्नी भारी पड़तीवे नाना प्रकार के प्रश्न पूछती और उनसे सब कुछ उगलवाकर ही रहती
पता कीजिए
प्रश्न 1. “अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।’ उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?
उत्तर :
उल्का किसी तारे का टुकड़ा होता है जो चट्टानों से बना होता हैयह तारे के चारों ओर अपने पथ पर घूमता है किंतु कभी-कभी यह टूटकर अलग हो जाता है और पृथ्वी की ओर तेजी से गिरने लगता हैगिरते समय वायुमंडल में वायु से घर्षण के कारण यह तेजी से जलकर प्रकाश उत्पन्न करता हैइसे टूटतातारा भी कहते हैं ग्रह और उल्का में समानताएँ
- दोनों का ही निर्माण चट्टान के कणों से हुआ है
- दोनों ही किसी तारे के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं असमानताएँ
- ग्रहों का आकार काफी बड़ा, जबकि उल्का का आकार छोटा होता है
- ग्रह अपनी धुरी पर चक्कर लगाते हैं, जबकि उल्काओं की कोई निश्चित धुरी नहीं होती है
प्रश्न 2. इस कहानी में अपने दो चीजों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ीं-अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानीआपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?
उत्तर :
ये दोनों ही कहानियाँ काल्पनिक लगती हैं
प्रश्न 3. अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए
उत्तर :
छात्र स्वयं कहानी बनाएँ।
प्रश्न 4. बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?
उत्तर :
बिलवासी जी ने रुपयों का इंतजाम दो तरीकों से किया था
- अपनी पत्नी की संदूक से उन्होंने चोरी से रुपये निकाले। इसके लिए उन्होंने अपनी सोती पत्नी के गले की चेन से ताली निकाली और चुपचाप रुपये निकाले थे। उनका यह तरीका गलत था क्योंकि उनकी पत्नी इस बीच यदि जाग जाती तो घर में बवंडर खड़ा हो जाता।
- रुपयों के प्रबंध के लिए उन्होंने जो दूसरा तरीका अपनायी उसे भी उचित नहीं कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने एक अनजान अंग्रेज को बेवकूफ बनाया था। इससे उनको स्वार्थ तथा मनोविनोद तो पूरा हो गया पर यदि बाद में इस अंग्रेज को ऐतिहासिक वस्तुओं के नाम पर अपने साथ हुई ठगी का पता चलेगा तो वह भारत की उस संस्कृति जहाँ ‘अतिथि देवो भव’ माना जाता है के बारे में कितना सच मानेगा तथा भारतीयों के प्रति उसके मन में बना विश्वास सदा के लिए टूट जाएगा।
भाषा की बात
प्रश्न 1. इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।
उत्तर :
- पर ढाई सौ रुपये तो एक साथ आँख सेंकने को भी नहीं मिलते थे।
- उनका जी एक बार जोर से सनसनाया और फिर बैठ गया।
- “अजी हटो, ढाई सौ रुपये के लिए भाई से भीख माँगोगी, मुझसे ले लेना।”
- “सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से ?”
- इस समय अगर दुम दबाकर भागते तो फिर उसे क्या मुँह दिखालाएँगे?
- अभी अगर चू कर देता हूँ तो बाल्टी में भोजन मिलेगा। तब क्या करना बाकी रह जाएगा।
- लाला जी गुस्सा पीकर पानी पीने लगे।
- यह लोटा न जाने किस अनाधिकारी के झोंपड़े पर काशीवास का संदेश लेकर पहुँचेगा?
प्रश्न 2. इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावरों का प्रयोग किया है। कहानी में से पाँच मुहावरे चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए।
उत्तर :