NCERT Solutions Class 11 Hindi आरोह Chapter 7 - गजल
NCERT Solutions Class 11 आरोह 11 वीं कक्षा से Chapter-7 गजल के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए।
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
पृष्ठ संख्या: 167Class 11 Core hindi आरोह
पाठ-7 गजल
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
गज़ल के साथ
उत्तर
गुलमोहर एक ख़ास तरह का फूलदार वृक्ष है| इसके नीचे बैठकर लोगों को ख़ुशी का अनुभव होता है| कवि ने इसका सांकेतिक प्रयोग ऐसे भारत के लिए किया गया है जिसका सपना उन्होंने देखा है| वे ऐसे भारत की कल्पना करते हैं जहाँ शांति और सुख की छाया हो| इसके लिए उन्हें कुछ भी त्याग और संघर्ष करना पड़े|
प्रश्न 2. पहले शेर में ‘चिराग’ शब्द एक बार बहुवचन में आया है और दूसरी बार एकवचन में| अर्थ एवं काव्य-सौंदर्य की दृष्टि से इसका क्या महत्व है?
उत्तर
पहली बार ‘चिराग’ शब्द का बहुवचन में प्रयोग किया गया है| इसका अर्थ हर घर के खुशियों के लिए प्रयुक्त हुआ है| कवि ने वर्तमान समाज व्यवस्था पर व्यंग्य किया है जिसका उद्देश्य प्रत्येक के लिए सुख-सुविधाओं के साधन उपलब्ध कराना था|
दूसरी बार यह एकवचन में प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ यह है कि पूरे शहर या समाज के लिए एक भी सुख-सुविधा उपलब्ध नहीं है| जिस व्यवस्था में सभी के लिए खुशियों की आशा की गई थी, वहाँ पूरा समाज एक छोटे-से सुख के लिए तरस रहा है|
प्रश्न 3. ग़ज़ल के तीसरे शेर को गौर से पढ़ें| यहाँ दुष्यंत का इशारा किस तरह के लोगों की ओर है?
उत्तर
ग़ज़ल के तीसरे शेर में कवि ने उन लोगों की तरफ इशारा किया है जो परिस्थिति के अनुसार स्वयं को ढाल लेते हैं| ऐसे लोग जो भाग्य पर निर्भर रहते हैं और जितना मिले उसी में संतुष्ट हो जाते हैं| इन लोगों की जीवन की आवश्यकताएँ सीमित हैं तथा कठिनाइयों को चुपचाप सह लेते हैं|
प्रश्न 4. आशय स्पष्ट करें:
तेरा निज़ाम है सिल दे ज़ुबान शायर की,
वे एहतियात जरूरी है इस बहर के लिए
उत्तर
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि यह कहना चाहते हैं कि कोई भी शासक शायर को अपने विरूद्ध आवाज बुलंद करने नहीं देता क्योंकि ऐसा होने से उस शासन व्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है| यह किसी भी शासन-व्यवस्था के स्थायित्व के लिए आवशयक भी है| लेकिन जमाने में बदलाव के लिए शायरों को अपनी आवाज इस प्रकार से बुलंद करनी होगी जिससे कि उनकी आवाज जनता तक पहुँच सके|
गज़ल के आस-पास
प्रश्न 1. दुष्यंत की इस ग़ज़ल का मिज़ाज बदलाव के पक्ष में है| इस कथन पर विचार करें|
उत्तर
इस ग़ज़ल के माध्यम से कवि दुष्यंत राजनीतिक एवं सामाजिक व्यवस्था में परिवर्तन लाना चाहते हैं| कवि कहते हैं कि जिस उद्देश्य से इस व्यवस्था का निर्माण किया गया था वह पूरा नहीं हुआ| समाज के लोगों के लिए सुख-सुविधा तो उपलब्ध कराना दूर, किसी एक के लिए भी सुधार नहीं किया जा सका| कवि ऐसी ही शासन-व्यवस्था के विरूद्ध अपनी आवाज बुलंद करना चाहते हैं| वह शोषित वर्ग के लोगों के मन में क्रांति की ज्वाला सुलगाना चाहते हैं जिससे वे अपने अधिकारों तथा स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर सकें|
प्रश्न 2. हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन
दिल के खुश रखने को गालिब ये ख्याल अच्छा है
दुष्यंत की ग़ज़ल का चौथा शेर पढ़ें और बताएँ कि गालिब के उपर्युक्त शेर से वह किस तरह जुड़ता है|
उत्तर
कवि दुष्यंत के ग़ज़ल के चौथे शेर में कवि दुष्यंत ने ईश्वर के अस्तित्व के कल्पना मात्र से व्यक्ति के आनंदपूर्वक जीवन व्यतीत करने की बात कही है| ईश्वर के होने का सुंदर सपना ही लोगों की आँखों को सुकून देता है| इस प्रकार शेर में कवि ने उन लोगों पर व्यंग्य किया है जो वास्तविकता से दूर कल्पना मात्र से ही दिल को खुश कर लेते हैं|
गालिब के शेर में भी स्वर्ग की वास्तविकता से सभी परिचित हैं लेकिन दिल को खुश करने के लिए उसकी सुंदर कल्पना करते हैं| इस प्रकार दोनों शेरों में वास्तविकता को परे रखकर काल्पनिक दुनिया के बारे में वर्णन किया गया है|
प्रश्न 3. यहाँ दरख्तों के साये में धुप लगती है’ यह वाक्य मुहावरे की तरह अलग-अलग परिस्थितियों में अर्थ दे सकता है मसलन, यह ऐसी अदालतों पर लागू होता है, जहाँ इंसाफ नहीं मिल पाता| कुछ ऐसी परिस्थितियों की कल्पना करते हुए निम्नांकित अधूरे वाक्यों को पूरा करें|
(क) यह ऐसे नाते-रिश्तों पर लागू होता है,. ..........................
(ख) यह ऐसे विद्यालयों पर लागू होता है, ........................
(ग) यह ऐसे अस्पतालों पर लागू होता है, ..........................
(घ) यह ऐसी पुलिस व्यवस्था पर लागू होता है, ........................
उत्तर
(क) यह ऐसे नाते-रिश्तों पर लागू होता है, जहाँ एक-दूसरे पर विश्वास और उसके प्रति प्रेम का भाव नहीं रहता|
(ख) यह ऐसे विद्यालयों पर लागू होता है, जहाँ छात्रों को पढ़ाया नहीं जाता|
(ग) यह ऐसे अस्पतालों पर लागू होता है, जहाँ रोगियों का ठीक से इलाज नहीं होता|
(घ) यह ऐसी पुलिस व्यवस्था पर लागू होता है, जहाँ जनता की सुनवाई नहीं होती तथा लोगों को सुरक्षा नहीं मिलती|
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 11 आरोह पीडीएफ
(अ) काव्य भाग
- Chapter 1 हम तौ एक एक करि जांनां, संतों देखत जग बौराना
- Chapter 2 मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई, पग घुँघरू बाधि मीरां नाची
- Chapter 3 पथिक
- Chapter 4 वे आँखें
- Chapter 5 घर की याद
- Chapter 6 चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती
- Chapter 8 हे भूख! मत मचल, हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर
- Chapter 9 सबसे खतरनाक
- Chapter 10 आओ, मिलकर बचाएँ
(ब) गद्य भाग