NCERT Solutions Class 11 Hindi आरोह Chapter 5 - घर की याद
NCERT Solutions Class 11 आरोह 11 वीं कक्षा से Chapter-5 घर की याद के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए।
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1. पानी के रात भर गिरने और प्राण-मन के घिरने में परस्पर क्या संबंध है?
उत्तर
पानी का गिरना अर्थात् बारिश का होना मन को प्रफुल्लित कर देता है| साथ ही बारिश के कारण किसी अपने से मिलने की तीव्र इच्छा होती है| प्राण-मन के घिरने का आशय है मन से उदास होना| कवि जेल में अपनों को याद करके उदास हो जाता है तथा बारिश होने से उसके घर से अलग होने का दुःख बढ़ जाता है|
प्रश्न 2. मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ क्यों कहा है?
उत्तर
विवाह के बाद जब लड़कियाँ मायके आती हैं तो अपने परिवार से मिलकर बहुत खुश होती हैं| लेकिन कवि की बहन इस बार जब मायके आई तो कवि को घर में न पाकर बहुत दुखी हुई| कवि जेल में बंद थे जिसके कारण घर में शोक का माहौल था| इसलिए कवि ने मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ अर्थात् कष्ट या दुःख का घर कहा है|
प्रश्न 3. पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा गया है?
उत्तर
• वृद्धावस्था आने के बाद भी उनके ह्रदय में युवकों जैसा उत्साह और साहस भरा था|
• शरीर से वे इतने स्वस्थ हैं कि अब भी लंबी दौड़ लगा लेते थे|
• उनके चेहरे पर हर समय मुस्कराहट रहती थी|
• उनकी वाणी में बादल जैसी गर्जन थी|
• वे मौत से भी नहीं डरते|
• वे एक सच्चे देशभक्त और बहादुर व्यक्ति थे|
• वे भावुक व्यक्ति भी थे|
प्रश्न 4. निम्नलिखित पंक्तियों में ‘बस’ शब्द के प्रयोग की विशेषता बताइए|
मैं मजे में हूँ सही है
घर नहीं हूँ बस यही है
किंतु यह बस, बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है
उत्तर
प्रस्तुत पंक्तियों में ‘बस’ का प्रयोग चार बार किया गया है|
घर नहीं हूँ बस यही है- यहाँ ‘बस’ का अर्थ है, ‘केवल’ अर्थात् ‘इतनी-सी बात’| घर में नहीं हूँ जेल में हूँ इतनी-सी बात है|
किंतु यह बस, बड़ा बस है- यहाँ पहली बार ‘बस’ का प्रयोग मजबूरी के लिए किया गया है| दूसरी बार इसका प्रयोग ‘कारण’ के लिए किया गया है|
इसी बस से सब विरस है- यहाँ ‘बस’ का प्रयोग नीरसता का भाव के लिए किया गया है| सब कुछ होने के बाद भी ‘बस’ अपनों का साथ नहीं है|
इस प्रकार कवि ने अलग-अलग भावों को व्यक्त करने के लिए ‘बस’ का प्रयोग किया है|
प्रश्न 5. कविता की अंतिम 12 पंक्तियों को पढ़कर कल्पना कीजिए कि कवि अपनी किस स्थिति व मनःस्थिति को अपने प्रियजनों से छिपाना चाहता है?
उत्तर
कविता की अंतिम 12 पंक्तियाँ जेल में बंद कवि की मनोव्यथा व्यक्त करती हैं| कवि अपने परिवार से दूर होने के दुख में व्याकुल हैं| उन्हें नींद नहीं आती और उन्हें अकेले रहना पसंद है| अपने प्रियजनों की याद में खोए-खोए से रहते हैं| वे अपने पिता को भी अपनी वास्तविक स्थिति बताकर दुखी नहीं करना चाहते| वे ऐसी कोई बात नहीं करना चाहते जिससे उनके परिवारवालों को इस सच्चाई का पता चल जाए|
प्रश्न 1. ऐसी पाँच रचनाओं का संकलन कीजिए, जिसमें प्रकृति के उपादानों की कल्पना सन्देशवाहक के रूप में की गई है|
उत्तर
बादल राग, मेघ आए बन ठन के, मेघदूत, आः धरती कितनी देती है, जूही की कला, पवन|
प्रश्न 2. घर से अलग होकर आप घर को किस तरह से याद करते हैं? लिखें|
उत्तर
घर से अलग होकर हमें घरवालों की बहुत याद आती है| माँ के हाथों का बना खाना, पिता की प्यार-भरी डाँट, दादी का दुलार, भाई-बहनों का प्यार ये सब याद आता है| घर में प्रियजनों के साथ बिताए गए हर क्षण याद आते हैं और हम उनका हाल-चाल जानने के लिए बेसब्र रहते हैं|
Class 11 Core hindi आरोह
पाठ-5 घर की याद
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
पृष्ठ संख्या: 156कविता के साथ
प्रश्न 1. पानी के रात भर गिरने और प्राण-मन के घिरने में परस्पर क्या संबंध है?
उत्तर
पानी का गिरना अर्थात् बारिश का होना मन को प्रफुल्लित कर देता है| साथ ही बारिश के कारण किसी अपने से मिलने की तीव्र इच्छा होती है| प्राण-मन के घिरने का आशय है मन से उदास होना| कवि जेल में अपनों को याद करके उदास हो जाता है तथा बारिश होने से उसके घर से अलग होने का दुःख बढ़ जाता है|
प्रश्न 2. मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ क्यों कहा है?
उत्तर
विवाह के बाद जब लड़कियाँ मायके आती हैं तो अपने परिवार से मिलकर बहुत खुश होती हैं| लेकिन कवि की बहन इस बार जब मायके आई तो कवि को घर में न पाकर बहुत दुखी हुई| कवि जेल में बंद थे जिसके कारण घर में शोक का माहौल था| इसलिए कवि ने मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ अर्थात् कष्ट या दुःख का घर कहा है|
प्रश्न 3. पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा गया है?
उत्तर
कवि ने पिता के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं को उकेरा है:
• वृद्धावस्था आने के बाद भी उनके ह्रदय में युवकों जैसा उत्साह और साहस भरा था|
• शरीर से वे इतने स्वस्थ हैं कि अब भी लंबी दौड़ लगा लेते थे|
• उनके चेहरे पर हर समय मुस्कराहट रहती थी|
• उनकी वाणी में बादल जैसी गर्जन थी|
• वे मौत से भी नहीं डरते|
• वे एक सच्चे देशभक्त और बहादुर व्यक्ति थे|
• वे भावुक व्यक्ति भी थे|
प्रश्न 4. निम्नलिखित पंक्तियों में ‘बस’ शब्द के प्रयोग की विशेषता बताइए|
मैं मजे में हूँ सही है
घर नहीं हूँ बस यही है
किंतु यह बस, बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है
उत्तर
प्रस्तुत पंक्तियों में ‘बस’ का प्रयोग चार बार किया गया है|
घर नहीं हूँ बस यही है- यहाँ ‘बस’ का अर्थ है, ‘केवल’ अर्थात् ‘इतनी-सी बात’| घर में नहीं हूँ जेल में हूँ इतनी-सी बात है|
किंतु यह बस, बड़ा बस है- यहाँ पहली बार ‘बस’ का प्रयोग मजबूरी के लिए किया गया है| दूसरी बार इसका प्रयोग ‘कारण’ के लिए किया गया है|
इसी बस से सब विरस है- यहाँ ‘बस’ का प्रयोग नीरसता का भाव के लिए किया गया है| सब कुछ होने के बाद भी ‘बस’ अपनों का साथ नहीं है|
इस प्रकार कवि ने अलग-अलग भावों को व्यक्त करने के लिए ‘बस’ का प्रयोग किया है|
प्रश्न 5. कविता की अंतिम 12 पंक्तियों को पढ़कर कल्पना कीजिए कि कवि अपनी किस स्थिति व मनःस्थिति को अपने प्रियजनों से छिपाना चाहता है?
उत्तर
कविता की अंतिम 12 पंक्तियाँ जेल में बंद कवि की मनोव्यथा व्यक्त करती हैं| कवि अपने परिवार से दूर होने के दुख में व्याकुल हैं| उन्हें नींद नहीं आती और उन्हें अकेले रहना पसंद है| अपने प्रियजनों की याद में खोए-खोए से रहते हैं| वे अपने पिता को भी अपनी वास्तविक स्थिति बताकर दुखी नहीं करना चाहते| वे ऐसी कोई बात नहीं करना चाहते जिससे उनके परिवारवालों को इस सच्चाई का पता चल जाए|
कविता के आस-पास
उत्तर
बादल राग, मेघ आए बन ठन के, मेघदूत, आः धरती कितनी देती है, जूही की कला, पवन|
प्रश्न 2. घर से अलग होकर आप घर को किस तरह से याद करते हैं? लिखें|
उत्तर
घर से अलग होकर हमें घरवालों की बहुत याद आती है| माँ के हाथों का बना खाना, पिता की प्यार-भरी डाँट, दादी का दुलार, भाई-बहनों का प्यार ये सब याद आता है| घर में प्रियजनों के साथ बिताए गए हर क्षण याद आते हैं और हम उनका हाल-चाल जानने के लिए बेसब्र रहते हैं|
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 11 आरोह पीडीएफ
(अ) काव्य भाग
- Chapter 1 हम तौ एक एक करि जांनां, संतों देखत जग बौराना
- Chapter 2 मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई, पग घुँघरू बाधि मीरां नाची
- Chapter 3 पथिक
- Chapter 4 वे आँखें
- Chapter 6 चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती
- Chapter 7 गजल
- Chapter 8 हे भूख! मत मचल, हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर
- Chapter 9 सबसे खतरनाक
- Chapter 10 आओ, मिलकर बचाएँ
(ब) गद्य भाग