NCERT Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-10 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

NCERT Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-10 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन) 

NCERT Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II 12 वीं कक्षा से Chapter-10 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। 
हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी रसायन विज्ञान-II के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-10 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)



एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 12 रसायन विज्ञान-II 

पाठ-10 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित यौगिकों की संरचनाएँ लिखिए –
(i) 2- क्लोरो-3-मेथिलपेन्टेन
(ii) 1-क्लोरो-4-एथिलसाइक्लोहेक्सेन
(iii) 4-तृतीयक-ब्यूटिल-3-आयोडोहेप्टेन
(iv) 1, 4-डाइब्रोमोब्यूट-2-ईन ।
(v) 1-ब्रोमो-4-द्वितीयक-ब्यूटिल-2-मेथिलबेंजीन।

उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 2.
ऐल्कोहॉल तथा KI की अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल का उपयोग क्यों नहीं करते हैं?

उत्तर
2KI + H2SO4 → 2KHSO4 + 2HI
2HI + H2SO4 → 2H2O + I2 + SO2
इन अभिक्रियाओं में H,SO, एक ऑक्सीकारक है। यह अभिक्रिया के दौरान निर्मित HI को I2 में ऑक्सीकृत कर देता है एवं HI तथा ऐल्कोहॉल की क्रिया से ऐल्किल हैलाइड के निर्माण को रोकता है। इस समस्या के निदान के लिए H2SO4 के स्थान पर फॉस्फोरिक अम्ल (H3PO4) का प्रयोग किया जाता है, जो कि अभिक्रिया के लिए HI उपलब्ध कराता है तथा H2SO4 के समान I2 नहीं देता है।

प्रश्न 3.
प्रोपेन के विभिन्न डाइहैलोजेन व्युत्पन्नों की संरचनाएँ लिखिए।

उत्तर
प्रोपेन (CH3 CH2 CH3) के चार समावयवी डाइहैलोजन व्युत्पन्न सम्भव हैं।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 4.
C5H12 अणुसूत्र वाले समावयवी ऐल्केनों में से उसको पहचानिए जो प्रकाश रासायनिक क्लोरीनीकरण पर देता है –
(i) केवल एक मोनोक्लोराइड
(ii) तीन समावयवी मोनोक्लोराइड
(iii) चार समावयवी मोनोक्लोराइड

उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
निओपेन्टेन निओपेन्टेन के सभी H-परमाणु तुल्य हैं अतएव किसी भी H-परमाणु के प्रतिस्थापन से समान उत्पाद प्राप्त होता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)में समान H-परमाणुओं के तीन समुच्चय हैं, जिन्हें a, b तथा c से चिह्नित किया गया है। प्रत्येक समुच्चय से किसी एकसमान हाइड्रोजन के विस्थापन से समान उत्पाद प्राप्त होता है। अत: तीन समावयवी मोनोक्लोराइड सम्भव हैं।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
चार प्रकार के तुल्य H-परमाणु उपस्थित हैं, जिन्हें a, b,c तथा d से चिह्नित किया गया है। अतः चार समावयवी मोनोक्लोराइड संभव हैं।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रत्येक अभिक्रिया के लिए मोनोहैलो उत्पाद की संरचना बनाइए-

Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 6.
निम्नलिखित यौगिकों को क्वथनांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए –

  1. ब्रोमोमेथेन, ब्रोमोफॉर्म, क्लोरोमेथेन, डाइब्रोमोमेथेन
  2. 1-क्लोरोप्रोपेन, आइसोप्रोपिल क्लोराइड, 1-क्लोरोब्यूटेन

उत्तर

1.क्वथनांकों का बढ़ता क्रम है- क्लोरोमेथेन < ब्रोमोमेथेन < डाइब्रोमोमेथेन < ब्रोमोफॉर्म
कारण (Reason) – आण्विक द्रव्यमान बढ़ने के साथ क्वथनांक बढ़ता है।
2.क्वथनांकों का बढ़ता क्रम है –
आइसोप्रोपिल क्लोराइड < 1-क्लोरोप्रोपेन < 1-क्लोरोब्यूटेन
कारण (Reason) – आण्विक द्रव्यमान बढ़ने पर क्वथनांक बढ़ता है। समावयवी ऐल्किल हैलाइडों में शाखित समावयवी का क्वथनांक निम्न होता है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित युग्मों में से आप कौन-से ऐल्किल हैलाइड द्वारा SK 2क्रियाविधि से अधिक तीव्रता से अभिक्रिया करने की अपेक्षा करते हैं? अपने उत्तर को समझाइए।

Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
उत्तर
यदि विशेष सूत्र के समावयवियों में छोड़ने वाला समूह (leaving group) समान हो तब SN 2 क्रियाविधि के सापेक्ष समावयवियों की क्रियाशीलता त्रिविम बाधा (steric hindrance) बढ़ने के साथ घटती है, अतः
(i) CH3 CH2 CH2 CH2 Br (1° ऐल्किल हैलाइड)CH3CH2– CHBr – CH3 (2° ऐल्किल हैलाइड) से अधिक क्रियाशील होता है।
UP Board Solutions for Class 12 Chapter 10 Haloalkanes and Haloarenes Q.7.2
(2° ऐल्किल हैलाइड), (CH3)3 CBr (3° ऐल्किल हैलाइड) से अधिक क्रियाशील होता है।

(iii) दोनों 2° ऐल्किल हैलाइड हैं, लेकिन (II) ऐल्किल हैलाइड में C2 पर स्थित- CH3 समूह Br परमाणु के निकट स्थित है जबकि (I) ऐल्किल हैलाइड में C3 पर स्थित -CH3 समूह Br परमाणु से कुछ दूर स्थित है। इसके परिणामस्वरूप ऐल्किल हैलाइड (II) अधिक त्रिविम बाधा अनुभव करता है, अतएव SN 2 अभिक्रिया में (I), (II) की तुलना में अधिक तीव्रता से क्रिया करेगा।

प्रश्न 8.
हैलोजेन यौगिकों के निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा यौगिक तीव्रता से SN 1 अभिक्रिया करेगा?

Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
उत्तर
SN 1 अभिक्रिया में हैलोजेन यौगिकों की क्रियाशीलता आयनन के परिणामस्वरूप निर्मित कार्बोधनायन के स्थायित्व पर निर्भर करती है। स्थायित्व का क्रम तृतीयक > द्वितीयक > प्राथमिक है। अत:
(i) (a) 3° ऐल्किल क्लोराइड है जबकि (b) 2° ऐल्किल क्लोराइड है। अतएव (a) SN 1 अभिक्रिया में अधिक क्रियाशील है।
(ii) (a) 2° ऐल्किल क्लोराइड है जबकि (b) 1° ऐल्किल क्लोराइड है। अतएव 2° ऐल्किल क्लोराइड sN 1 अभिक्रिया में अधिक क्रियाशील है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में A,B,C,D,E,R तथा R’ को पहचानिए –

Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

अतिरिक्त अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित हैलाइडों के नाम आई०यू०पी०ए०सी० (IUPAC) पद्धति से लिखिए तथा उनका वर्गीकरण, ऐल्किल, ऐलिलिक, बेन्जिलिक (प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक), वाइनिल अंथवा ऐरिल हैलाइड के रूप में कीजिए –

  1. (CH3)2CHCH(Cl)CH3
  2. CH3CH2CH(CH3)CH(C2H5)Cl
  3. CH3CH2C(CH3)2CH2I
  4. (CH3)3 CCH2CH(Br)C6H5
  5. CH3CH(CH3)CH(Br)CH3
  6. CH3C(C2H5)2CH2Br
  7. CH3C(Cl)(C2H5)CH2CH3
  8. CH3CH = C(Cl)CH2CH(CH3)2
  9. CH3CH = CHC(Br)(CH3)2
  10. p-ClC6H4CH2CH(CH3)2
  11. m-ClCH2C6H4CH2C(CH3)3
  12. o-Br-C6H4CH(CH3)CH2CH3

उत्तर

  1. 2-क्लोरो-3-मेथिलब्यूटेन, 2° ऐल्किल हैलाइड
  2. 3-क्लोरो-4 मेथिलहेक्सेन, 2° ऐल्किल हैलाइड
  3. 1-आयोडो-2,2-डाइमेथिलब्यूटेन, 1° ऐल्किल हैलाईड
  4. 1-ब्रोमो-3, 3-डाइमेथिल-1- फेनिलब्यूटेन, 2° बेन्जिलिक हैलाइड
  5. 2-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन, 2° ऐल्किल हैलाइड
  6. 1-ब्रोमो-2-एथिल-2-मेथिलब्यूटेन, 1° ऐल्किल हैलाइड
  7. 3-क्लोरो-3-मेथिलपेन्टेन, 3° ऐल्किल हैलाइड
  8. 3-क्लोरो-5-मेथिलहेक्स-2-ईन, वाइनिलिक हैलाइड
  9. 4-ब्रोमो-4-मेथिलपेन्ट-2-ईन, ऐलीलिक हैलाइड
  10. 1-क्लोरो-4-(2-मेथिलप्रोपिल)- बेंजीन, ऐरिल हैलाइड
  11. 1-क्लोरोमेथिल-3-(2, 2-डाइमेथिलप्रोपिल) बेंजीन, 1° बेंजाइलिक हैलाइड
  12. 1-ब्रोमो-2-(1-मेथिलप्रोपिल) बेंजीन, ऐरिल हैलाइड

प्रश्न 2.
निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम दीजिए –

  1. CH3CH(Cl)CH(Br)CH3
  2. CHF2CBrClF
  3. ClCH2C ≡ CCH2Br
  4. (CCl3)3CCl
  5. CH3C(p- ClC6H4)2CH(Br)CH3
  6. (CH3)3CCH = ClC6HI-P

उत्तर

  1. 2-ब्रोमो-3-क्लोरोब्यूटेन
  2. 1-ब्रोमो-1-क्लोरो-1, 2, 2-ट्राइफ्लोरोएथेन
  3. 1-ब्रोमो-4-क्लोरोब्यूट-2-आइन
  4. 2-(ट्राइक्लोरोमेथिल) -1,1,1, 2, 3, 3, 3,-हैप्टाक्लोरोप्रोपेन
  5. 2-ब्रोमो-3,3-बिस (4-क्लोरोफेनिल)ब्यूटेन
  6. 1-क्लोरो-1-(4-आयोडोफेनिल)-3, 3-डाइमेथिलब्यूट- 1-ईन

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कार्बनिक हैलोजेन यौगिकों की संरचना दीजिए –
(i) 2-क्लोरो-3-मेथिलपेन्टेन
(ii) p-ब्रोमोक्लोरो बेन्जीन
(iii) 1-क्लोरो-4-एथिलसाइक्लोहेक्सेन
(iv) 2-(2-क्लोरोफेनिल)-1-आयोडोऑक्टेन
(v) 2-ब्रोमोब्यूटेन
(vi) 4-तृतीयक-ब्यूटिल-3-आयोडोहेप्टेन
(vii) 1-ब्रोमो-4-द्वितीयक-ब्यूटिल-2-मेथिल बेन्जीन
viii) 1,4-डाइब्रोमोब्यूट-2-ईन।

उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किसका द्विध्रुव आघूर्ण सर्वाधिक होगा?

  1. CH2Cl2
  2. CHCl3
  3. CCl4

उत्तर
CH2Cl2 का द्विध्रुव आघूर्ण सर्वाधिक है। इसका कारण यह है कि इसमें दोनों C-Cl आबन्ध आघूर्गों का परिणामी तथा दोनों C-H आबन्ध आघूर्गों के परिणामी एक ही दिशा में कार्य करते हैं।
CHCl3 में दोनों C – Cl आबन्ध आघूर्गों का परिणामी तीसरे C – Cl आबन्ध आघूर्ण के विपरीत दिशा में कार्य करता है।
CCl4 की आकृति सममित होने के कारण इसका द्विध्रुव आघूर्ण शून्य है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 5.
एक हाइड्रोकार्बन C5H10 अँधेरे में क्लोरीन के साथ अभिक्रिया नहीं करता, परन्तु सूर्य के तीव्र प्रकाश में केवल एक मोनोक्लोरो यौगिक C5H9Cl देता है। हाइड्रोकार्बन की संरचना क्या है?

उत्तर
हाइड्रोकार्बन C5H10 या तो एक ऐल्कीन है अथवा साइक्लोऐल्केन। चूँकि यह क्लोरीन से अन्धेरे में क्रिया नहीं करता है, अतएव यह ऐल्कीन नहीं हो सकता। इस प्रकार इसे एक साइक्लोऐल्केन होना चाहिए।
साइक्लोऐल्केन सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में Cl2 से अभिक्रिया करके मोनोक्लोरो यौगिक, C5H9Cl देता है। इसलिए साइक्लोऐल्केन के सभी 10 H-परमाणु तुल्य होंगे। अत: साइक्लोऐल्केन साइक्लोपेन्टेन (cyclopentane) है। सूर्य के प्रकाश में साइक्लोपेन्टेन निम्न प्रकार से क्लोरीन से क्रिया कर एक मोनोक्लोरो यौगिक C5H9Cl देता है –
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
इस प्रकार C5H10 साइक्लोपेन्टेन है।

प्रश्न 6.
C4H9Br सूत्र वाले यौगिक के सभी समावयवी लिखिए।

उत्तर
C4H9Br एक संतृप्त यौगिक है, क्योंकि इसका पितृ हाइड्रोकार्बन C4H10 है। इसके समावयवी निम्न हैं –
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 7.
निम्नलिखित से 1-आयोडोब्यूटेन प्राप्त करने की समीकरण दीजिए –
(i) 1-ब्यूटेनॉल
(ii) 1-क्लोरोब्यूटेन
(iii) ब्यूट-1-ईन।

उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 8.
उभयदन्ती नाभिकरागी क्या होते हैं? एक उदाहरण की सहायता से समझाइए।

उत्तर
जो नाभिकरागी अभिकर्मक किसी इलेक्ट्रॉन न्यून केन्द्र पर अपने दो भिन्न परमाणुओं के माध्यम से आक्रमण करने में सक्षम होते हैं, उन्हें उभयदन्ती नाभिकरागी कहा जाता है; जैसे- सायनाइड आयन एक उभयदन्ती नाभिकरागी है, क्योंकि यह निम्न दो अनुनाद संरचनाओं का एक संकर है और C तथा N, दोनों परमाणुओं के माध्यम से इलेक्ट्रॉन न्यून केन्द्र पर आक्रमण करने में सक्षम है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रत्येक युग्मों में से कौन-सा यौगिक OH के साथ SN 2 अभिक्रिया में अधिक तीव्रता से अभिक्रिया करेगा?

  1. CH2Br अथवा CH3I
  2. (CH3)3 CCl अथवा CH3Cl

उत्तर

  1. CH3I अधिक तेजी से क्रिया करेगा, क्योंकि Br की अपेक्षा I आसानी से यौगिक को छोड़ देगा।
  2. कम त्रिविम बाधा (steric hindrance) प्रदर्शित करने के कारण CH3Cl,SN 2अभिक्रिया में तेजी से क्रिया करेगा।

प्रश्न10.
निम्नलिखित हैलाइडों के एथेनॉल में सोडियम हाइड्रॉक्साइडे द्वारा विहाइड्रोहैलोजेनीकरण के फलस्वरूप बनने वाली सभी ऐल्कीनों की संरचना लिखिए। इसमें से मुख्य ऐल्कीन कौन-सी होगी?

  1. 1-ब्रोमो-1-मेथिलसाइक्लोहेक्सेन
  2. 2-क्लोरो-2-मेथिलब्यूटेन
  3. 2,2,3-ट्राइमेथिल-3-ब्रोमोपेन्टेन।

उत्तर
1. चूँकि Br के दोनों ओर स्थित है-हाइड्रोजन परमाणु समतुल्य हैं, अतएव केवल एक ऐल्कीन प्राप्त होगी।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
2. 2-क्लोरो-2-मेथिलब्यूटेन में समतुल्य β- हाइड्रोजनों के 2 अलग-अलग समुच्चय हैं अत: यह 2 ऐल्कीन देगा।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
चूँकि अधिक प्रतिस्थापित ऐल्कीन अधिक स्थायी होगी अत: 2-मेथिलब्यूट-2-ईन ही मुख्य ऐल्कीन होगी।
(iii) हैलाइड में दो भिन्न प्रकार के β- हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित हैं। अतएव विहाइड्रोहैलोजनीकरण अभिक्रिया में यह दो ऐल्कीन 3,4,4-ट्राइ-मेथिल पेंट-2-ईन तथा 2-एथिल-3, डाइमेथिलब्यूट-1-ईन का निर्माण करेगा। पहला ऐल्कीन अधिक स्थिर है, क्योंकि यह अधिक प्रतिस्थापित (more substituted) है (सैटजैफ नियम के अनुसार)। अतएव यह प्रमुख उत्पाद है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 11.
निम्नलिखित परिवर्तन आप कैसे करेंगे?
(i) एथेनॉल से ब्यूट-1-आइन
(ii) एथीन से ब्रोमोएथेन
(iii) प्रोपीन से 1-नाइट्रोप्रोपीन
(iv) टॉलूईन से बेन्जिल ऐल्कोहॉल
(v) प्रोपीन से प्रोपाइन
(vi) एथेनॉल से एथिल फ्लुओराइड
(vii) ब्रोमोमेथेन से प्रोपेनोन
(viii) ब्यूट-1-ईन से ब्यूट-2-ईन
(ix) 1-क्लोरोब्यूटेन से n-ऑक्टेन
(x) बेन्जीन से बाइफेनिल

उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 12.
समझाइए, क्यों –

  1. क्लोरोबेन्जीन का द्विध्रुव आघूर्ण साइक्लोहेक्सिले क्लोराइड की तुलना में कम होता है?
  2. ऐल्किल हैलाइड ध्रुवीय होते हुए भी जल में अमिश्रणीय हैं?
  3. ग्रीन्यार अभिकर्मक का विरचन निर्जलीय अवस्थाओं में करना चाहिए?

उत्तर
1. उच्च s- लक्षण के कारण sp2 – संकरित कार्बन sp3 – संकरित कार्बन से अधिक ऋणविद्युती होता है। अत: क्लोरोबेंजीन में C-Cl आबन्ध के sp2 – संकरित कार्बन में साइक्लोहेक्सिल क्लोराइड के sp3 – ‘संकरित कार्बन की तुलना में Cl की इलेक्ट्रॉन मुक्त करने की प्रवृत्ति कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप क्लोरोबेंजीन में C-Cl आबन्ध साइक्लोहेक्सिल क्लोराइड में C-Cl आबन्ध से कम ध्रुवीय होता है। बेंजीन वलय पर Cl परमाणु के एकाकी युग्म इलेक्ट्रॉनों के विस्थानीकरण (delocalization) के कारण क्लोरोबेंजीन के C-Cl आबन्ध में आंशिक द्विआबन्ध लक्षण आ जाते हैं। दूसरे शब्दों में क्लोरोबेंजीन में C-Cl आबन्ध साइक्लोहेक्सिल क्लोराइड में C-Cl आबन्ध से छोटा होता है।
चूँकि द्विध्रुव आघूर्ण आवेश तथा दूरी को गुणनफल होता है, अत: क्लोरोबेंजीन को द्विध्रुव आघूर्ण साइक्लोहेक्सिल क्लोराइड से कम होता है।

2. ऐल्किल हैलाइड ध्रुवीय (polar) होते हैं अत: इनके अणु द्विध्रुव आकर्षण द्वारा परस्पर बँधे रहते हैं। H2O के अणु परस्पर हाइड्रोजन आबन्ध द्वारा जुड़े रहते हैं। चूँकि जल तथा ऐल्किल हैलाइड में नये बने आबन्ध बल पूर्व से उपस्थित बलों से दुर्बल होते हैं। अतः ऐल्किल हैलाइड जल में अमिश्रणीय (immiscible) होते हैं।

3. ग्रिगनार्ड (ग्रीन्यार) अभिकर्मक अत्यधिक क्रियाशील होते हैं। ये उपकरण के अन्दर उपस्थित नमी से अभिक्रिया करते हैं। अतः ग्रिगनार्ड अभिकर्मकों को निर्जल परिस्थितियों (anhydrous conditions) में बनाते हैं।
R – MgX + H – OH → RH + Mg(OH)X

प्रश्न 13.
फ्रेऑन-12, DDT, कार्बन टेट्राक्लोराइड तथा आयोडोफॉर्म के उपयोग दीजिए। (2017, 18)

उत्तर

फ्रेऑन-12 के उपयोग (Uses of Freon-12) – यह ऐरोसॉल प्रणोदक, प्रशीतक तथा वायु शीतलन में उपयोग करने के लिए उत्पादित किए जाते हैं।
DDT के उपयोग (Uses of DDT) – DDT का उपयोग कीटनाशी के रूप में किया जाता है, परन्तु जीवों में इसके सतत अन्तर्ग्रहण से उत्पन्न विषैले प्रभावों के कारण इसे प्रतिबन्धित कर दिया गया है।
कार्बन टेट्राक्लोराइड के उपयोग (Uses of Carbon Tetrachloride)

  1. यह शुष्क धुलाई में विलायक के रूप में प्रयुक्त होता है।
  2. यह औषधियों में हुकवर्म तथा कीटनाशक के रूप में प्रयुक्त होता है।
  3. यह वसा, तेल, मोम तथा रेजिन के लिए भी उचित विलायक है।
  4. आयोडाइड तथा ब्रोमाइड के क्लोरीन जल परीक्षण में भी यह विलायक के रूप में प्रयुक्त किया जाता
  5. इससे फ्रेऑन-12 भी प्राप्त होता है।
  6. यह पाइरीन नाम से अग्निशामक के रूप में प्रयुक्त होता है। इसके घने वाष्प जलते पदार्थ के ऊपर सुरक्षात्मक परत बनाते हैं और ऑक्सीजन या वायु को जलते पदार्थ के सम्पर्क में आने से रोकते हैं। इसके उपयोग के बाद कक्ष का संवातन (ventilation) करते हैं जिससे बनी हुई फॉस्जीन पूर्णतया दूर हो जाए।

आयोडोफॉर्म के उपयोग (Uses of Iodoform) – इसका उपयोग प्रारम्भ में पूतिरोधी (ऐण्टीसेप्टिक) के रूप में किया जाता था, परन्तु आयोडोफॉर्म का यह पूतिरोधी गुण आयोडोफॉर्म के कारण स्वयं नहीं, बल्कि मुक्त हुई आयोडीन के कारण होता है। इसकी अरुचिकर गन्ध के कारण अब इसके स्थान पर आयोडीनयुक्त अन्य दवाओं का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित प्रत्येक अभिक्रिया में बनने वाले मुख्य कार्बनिक उत्पाद की संरचना लिखिए –

Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 15.
निम्नलिखित अभिक्रिया की क्रियाविधि लिखिए –
n-BuBr + KCN Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)nBuCN

उत्तर
KCN निम्न संरचनाओं का अनुनादी संकर होता है –
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
अत: CN उभयदन्ती नाभिकस्नेही के रूप में कार्य करता है। अतः यह n – BuBr में C-Br आबन्ध के कार्बन परमाणु पर C या N परमाणु से आक्रमण करता है। चूंकि C-N आबन्ध, C-C आबन्ध से दुर्बल होता है अत: C पर आक्रमण होता है तथा n -ब्यूटिल सायनाइड बनता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 16.
SN 2 प्रतिस्थापन के प्रति अभिक्रियाशीलता के आधार पर इन यौगिकों के समूहों को क्रमबद्ध कीजिए –

  1. 2-ब्रोमो-2-मेथिलब्यूटेन, 1-ब्रोमोपेन्टेन, 2-ब्रोमोपेन्टेन
  2. 1-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन, 2-ब्रोमो-2-मेथिलब्यूटेन, 2-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन
  3. 1-ब्रोमोब्यूटेन, 1-ब्रोमो-2,2-डाइमेथिलप्रोपेन, 1-ब्रोमो-2-मेथिलब्यूटेन, 1-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन।

उत्तर

  1. 1-ब्रोमोपेन्टेन > 2-ब्रोमोपेन्टेन > 2-ब्रोमो-2-मेथिलब्यूटेन
  2. 1-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन > 2-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन > 2-ब्रोमो-2-मेथिलब्यूटेन
  3. 1-ब्रोमोब्यूटेन > 1-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन > 1-ब्रोमो-2- मेथिलब्यूटेन, 1-ब्रोमो-2, 2-डाइमेथिलप्रोपेन

प्रश्न 17.
C6H5CH2Cl तथा C6H5CHClC6H5 में से कौन-सा यौगिक जलीय KOH से , शीघ्रता से जल-अपघटित होगा?

उत्तर

  • SN 1 परिस्थितियों में C6H5CHClC6H5,C6H5CH2Cl की तुलना में शीघ्रता से जल अपघटित होगा।
  • SN 2 परिस्थितियों में C6H5CH2Cl, C6H5CHClC6H5 की तुलना में शीघ्रता से जल-अपघटित होगा।

प्रश्न 18.
o- तथा m- समावयवियों की तुलना में p- डाइक्लोरोबेन्जीन का गलनांक उच्च एवं विलेयता निम्न होती है, विवेचना कीजिए।

उत्तर
p-समावयव अधिक सममिताकार होने के कारण क्रिस्टल जालक में भली-भाँति स्थित हो जाता है, इसलिए इसमें o- तथा m- समावयवों की तुलना में प्रबल अन्तराअणुक आकर्षण बल उपस्थित होते हैं।
चूँकि संगलन अथवा विलायकीकरण (solvation) के दौरान क्रिस्टल जालक टूटता है, इसलिए p- समावयव के संगलन अथवा इसे विलेय करने के लिए सम्बन्धित o- तथा m- समावयवों की तुलना में अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होती है। दूसरे शब्दों में, p- समावयव का गलनांक सम्बन्धित o- तथा m- समावयव की तुलना में उच्च होता है, जबकि इसकी विलेयता निम्न होती है।

प्रश्न 19.
निम्नलिखित परिवर्तन कैसे सम्पन्न किए जा सकते हैं?
(i) प्रोपीन से प्रोपेन-1-ऑल
(ii) एथेनॉल से ब्यूट-2-आइन
(iii) 1-ब्रोमोप्रोपेन से 2-ब्रोमोप्रोपेन
(iv) टॉलूईन से बेन्जिल ऐल्कोहॉल।
(v) बेन्जीन से 4-ब्रोमोनाइट्रोबेन्जीन
(vi) बेन्जिल ऐल्कोहॉल से 2-फेनिल एथेनोइक अम्ल
(vii) एथेनॉल से प्रोपेननाइट्राइल
(viii) ऐनिलीन से क्लोरोबेन्जीन
(ix) 2-क्लोरोब्यूटेन से 3,4-डाइमेथिलहेक्सेन
(x) 2-मेथिल-1-प्रोपीन से 2-क्लोरो-1-मेथिलप्रोपेन
(xi) एथिल क्लोराइड से प्रोपेनोइक अम्ल
(xii) ब्यूट-1-ईन से n-ब्यूटिल आयोडाइड
(xiii) 2-क्लोरोप्रोपेन से 1-प्रोपेनॉल
(xiv) आइसोप्रोपिल ऐल्कोहॉल से आयोडोफॉर्म
(xv) क्लोरोबेन्जीन से p-नाइट्रोफीनॉल
(xvi) 2-ब्रोमोप्रोपेन से 1-ब्रोमोप्रोपेन
(xvii) क्लोरोएथेन से ब्यूटेन
(xviii) बेन्जीन से डाइफेनिल
(xiv) तृतीयक-ब्यूटिल ब्रोमाइड से आइसो-ब्यूटिल ब्रोमाइड
(xx) ऐनिलीन से फेनिलआइसोसायनाइडे।

उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 20.
ऐल्किल क्लोराइड की जलीय KOH से अभिक्रिया द्वारा ऐल्कोहॉल बनता है, लेकिन ऐल्कोहॉलिक KOH की उपस्थिति में ऐल्कीन मुख्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होती है। समझाइए।

उत्तर
जलीय विलयन में KOH लगभग पूर्ण आयनित होकर OH आयन देता है जो प्रबल नाभिकरागी होने के कारण ऐल्किल हैलाइडों पर प्रतिस्थापन अभिक्रिया करके ऐल्कोहॉल बनाते हैं। जलीय विलयन में OH आयन उच्च जलयोजित होते हैं। इससे OH आयनों का क्षारीय गुण घट जाता है जिससे ये ऐल्किल हैलाइड के β- कार्बन से हाइड्रोजन परमाणु पृथक्कृत करने में असफल हो जाते हैं तथा ऐल्कीन नहीं बना पाते।
दूसरी ओर KOH के ऐल्कोहॉली विलयन में ऐल्कॉक्साइड (RO) आयन होते हैं जो OH से प्रबल क्षार होने के कारण सरलतापूर्वक ऐल्किल क्लोराइड से HCl अणु का विलोपन करके ऐल्कीन बना लेते हैं।

प्रश्न 21.
प्राथमिक ऐल्किल हैलाइड C4H9Br (क), ऐल्कोहॉलिक KOH से अभिक्रिया द्वारा यौगिक (ख) देता है। यौगिक ‘ख’ HBr के साथ अभिक्रिया से यौगिक ‘ग देता है जो कि यौगिक ‘क’ का समावयवी है। जब यौगिक ‘क’ की अभिक्रिया सोडियम धातु से होती है तो यौगिक ‘घ’ C8H18 बनता है, जो कि ब्यूटिल ब्रोमाइड की सोडियम से अभिक्रिया द्वारा बने उत्पाद से भिन्न है। यौगिक ‘क’ का संरचना सूत्र दीजिए तथा सभी अभिक्रियाओं की समीकरण दीजिए।

उत्तर
आण्विक सूत्र C4H9Br के दो प्राथमिक हैलाइड निम्नलिखित हो सकते हैं –
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
अतः यौगिक (क) या तो n- ब्यूटिल ब्रोमाइड है या आइसोब्यूटिल ब्रोमाइड।
चूँकि यौगिक ‘क’ की अभिक्रिया सोडियम धातु से होने पर यौगिक ‘घ’ (आण्विक सूत्र C8H18) प्राप्त होता है जो कि n-ब्यूटिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया सोडियम धातु से होने पर प्राप्त यौगिक से भिन्न है, इसलिए यौगिक ‘क’ आइसोब्यूटिल ब्रोमाइड होना चाहिए तथा यौगिक ‘घ’ 2,5-डाइमेथिलहेक्सेन होना चाहिए।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
अब यदि यौगिक ‘क’ आइसोब्यूटिल ब्रोमाइड है तो यौगिक ‘ख’, जो यौगिक ‘क’ की ऐल्कोहॉलिक KOH से अभिक्रिया द्वारा प्राप्त होता है, 2-मेथिल-1-प्रोपीन होना चाहिए।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
यौगिक ‘ख’ HBr के साथ अभिक्रिया से मार्कोनीकॉफ नियम के अनुसार यौगिक ‘ग’ देता है। इसलिए यौगिक ‘ग’ तृतीयक-ब्यूटिल ब्रोमाइड है जो यौगिक ‘क’ (आइसोब्यूटिल ब्रोमाइड) का एक समावयव है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
इस प्रकार, ‘क’ आईसोब्यूटिल ब्रोमाइड, ‘ख’ 2-मेथिल-1-प्रोपीन, ‘ग’ तृतीयक-ब्यूटिल ब्रोमाइड तथा ‘घ’ 2,5-डाइमेथिलहेक्सेन है।

प्रश्न 22.
तब क्या होता है जब –
(i) n-ब्यूटिल क्लोराइड को ऐल्कोहॉलिक KOH के साथ अभिकृत किया जाता है?
(ii) शुष्क ईथर की उपस्थिति में ब्रोमोबेन्जीन की अभिक्रिया मैग्नीशियम से होती है?
(iii) क्लोरोबेन्जीन का जल-अपघटन किया जाता है?
(iv) एथिल क्लोराइड की अभिक्रिया जलीय KOH से होती है?
(v) शुष्क ईथर की उपस्थिति में मेथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया सोडियम से होती है?
(vi) मेथिल क्लोराइड की अभिक्रिया KCN से होती है?

उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
(vi) मेथिल सायनाइड बनता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
(i) 1, 1-डाइएथिल-2, 2-डाइमेथिलपेन्टेन
(ii) 4, 4 डाइमेथिल-5, 5-डाइएथिलपेन्टेन
(iii) 5, 5- डाइएथिल-4, 4-डाइमेथिलपेन्टेन
(iv) 3-एथिल-4, 4-डाइमेथिलहेप्टेन

उत्तर
(iv) 3-एथिल-4, 4-डाइमेथिलहेप्टेन

प्रश्न 2.
प्रदर्शित यौगिक का IUPAC नाम है –
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
(i) 2-ब्रोमो-6-क्लोरोसाइक्लोहेक्स-1-ईन
(ii) 6-ब्रोमो-2-क्लोरोसाइक्लोहेक्सेन
(iii) 3-ब्रोमो-1-क्लोरोसाइक्लोहेक्सीन
(iv) 1-ब्रोमो-3-क्लोरोसाइक्लोहेक्सीन

उत्तर
(iii) 3-ब्रोमो-1-क्लोरोसाइक्लोहेक्सीन

प्रश्न 3.
निम्न यौगिकों में से किसका क्वथनांक उच्चतम है?
(i) CH3CH2CH2Cl
(ii) CH3CH2CH2CH2Cl
(iii) CH3CH2(CH3)CH2Cl
(iv) (CH3)3Cl

उत्तर
(ii) CH3CH2CH2CH2Cl

प्रश्न 4.
3-फेनिलप्रोपीन HBr से क्रिया करके मुख्य उत्पाद देता है –
(i) C6H5CH2CH(Br)CH3
(ii) C6H5CH(Br)CH2CH3
(iii) C6H5CH2CH2CH2Br
(iv) C6H5CH(Br)CH = CH2

उत्तर
(i) C6H5CH2CH(Br)CH3

प्रश्न 5.
ऐल्कोहॉलीय KOH के प्रति निम्न में से सर्वाधिक क्रियाशील है- ,
(i) CH = CHBr
(ii) CH3COCH2CH2Br
(iii) CH3CH2Br
(iv) CH3CH2CH2Br

उत्तर
(iv) CH3CH2CH2Br

प्रश्न 6.
अभिक्रियाओं के निम्न अनुक्रम में ऐल्कीन यौगिक बनाती है। यौगिक B है
CH3CH = CHCH3 Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)B
(i) CH3CH2CHO
(ii) CH3COCH3
(iii) CH3CH2COCH3
(iv) CH3CHO

उत्तर
(iv) CH3CHO

प्रश्न 7.
CH3CH BrCH2 -CH3 Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)का मुख्य उत्पाद है – (2017)
(i) प्रोपीन-1
(ii) ब्यूटीन-2
(iii) ब्यूटेन
(iv) ब्यूटाइन-1

उत्तर
(ii) ब्यूटीन-2

प्रश्न 8.
ऐल्कोहॉलीय KOH की उपस्थिति में किस मिश्रण के साथ कार्बिल ऐमीन परीक्षण किया जाता है? (2017)
(i) क्लोरोफॉर्म एवं रजत चूर्ण
(ii) त्रि-हैलोजनीकृत मेथेन और एक प्राथमिक ऐमीन
(iii) एक ऐल्किल हैलाइड और एक प्राथमिक ऐमीन
(iv) एक ऐल्किल सायनाइड और एक प्राथमिक ऐमीन

उत्तर
(ii) त्रि-हैलोजनीकृत मेथेन और एक प्राथमिक ऐमीन

प्रश्न 9.
निम्नलिखित अभिक्रिया C6H6 + Cl, I उत्पाद, में उत्पाद है। (2014)
(i) C6H5Cl
(ii) o- C6C4Cl2
(iii) C6H6Cl6
(iv) p-C6H4Cl2

उत्तर
(iii) C6H6Cl6

प्रश्न 10.
CHCl3 ऑक्सीकरण पर देता है – (2017, 18)
(i) फॉस्जीन
(ii) फॉर्मिक अम्ल
(iii) कार्बन टेट्रा क्लोराइड
(iv) क्लोरोपिक्रिन

उत्तर
(i) फॉस्जीन

प्रश्न11.
क्लोरोपिक्रिन है – (2018)
(i) CCl3HNO2
(ii) CCl3. NO2
(iii) CCl2(NO2)2
(iv) CCl2H2NO2

उत्तर
(ii) CCl3. NO2

प्रश्न 12.
जब क्लोरोफॉर्म सान्द्र HNO3 से अभिक्रिया करता है तो निम्न में से क्या बनता है? (2017)
(i) CHCl3NO2
(ii) C(NO2)Cl3
(iii) CHCl3HNO3
(iv) CHCl2NO2

उत्तर
(ii) C(NO2)Cl3

प्रश्न 13.
फॉस्जीन है – (2017)
(i) PH3
(ii) POCl3
(iii) CS2
(iv) COCl2

उत्तर
(iv) C0Cl2

प्रश्न 14.
क्लोरोफॉर्म का प्रयोग होता है – (2014)
(i) एक कीटनाशक के रूप में।
(ii) एक फफूदीनाशक के रूप में
(iii) औद्योगिक विलायक के रूप में
(iv) अवशोषक के रूप में

उत्तर
(iii) औद्योगिक विलायक के रूप में

प्रश्न 15.
आयोडोफॉर्म निम्न में से किससे नहीं बनाई जा सकती?
(i) एथिल मेथिल कीटोन
(ii) आइसोप्रोपिल ऐल्कोहॉल
(iii) 2-मेथिल-2-ब्यूटेनॉन
(iv) आइसोब्यूटिल ऐल्कोहॉल

उत्तर
(iv) आइसोब्यूटिल ऐल्कोहॉल

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कारण दीजिए- ऐल्किल हैलाइडों में C-X के ध्रुवीय होने पर भी यह जल में अविलेय होता है।

उत्तर
ऐसा जल के साथ हाइड्रोजन आबन्ध बनाने की अयोग्यता एवं जल में उपस्थित हाइड्रोजन आबन्ध को न तोड़ पाने के कारण होता है।

प्रश्न 2.
ध्रुवण घूर्णक पदार्थ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर
वह पदार्थ जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को एक निश्चित कोण तक घुमाने की प्रवृत्ति रखता है, ध्रुवण घूर्णक पदार्थ कहलाता है।

प्रश्न 3.
असममित कार्बन परमाणु किसे कहते हैं?

उत्तर
वह कार्बन परमाणु जिसकी चारों संयोजकताएँ भिन्न-भिन्न परमाणुओं या समूहों द्वारा सन्तुष्ट होती हैं, उसे असममित कार्बन परमाणु कहते हैं।

प्रश्न 4.
प्रकाश समावयवी से क्या तात्पर्य है?

उत्तर
समान अणुसूत्र तथा समान रासायनिक संरचनाओं वाले दो-या-दो से अधिक यौगिक जो समतल ध्रुवित प्रकाश के प्रति भिन्न व्यवहार दर्शाते हैं, प्रकाश समावयवी कहलाते हैं।

प्रश्न 5.
C2H5O2Br सूत्र वाला एक कार्बोक्सिलिक अम्ल प्रकाश सक्रिय है। उसकी संरचना लिखिए।

उत्तर
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न 6.
किस ऐल्किल हैलाइड का घनत्व सर्वाधिक होता है और क्यों?

उत्तर
CH3I का घनत्व सर्वाधिक होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें कार्बन की संख्या न्यूनतम है और यह सबसे भारी हैलोजन है।

प्रश्न 7.
निम्न को क्वथनांक के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए –
CH3 CH2 CH2 CH2Br, (CH3)3 CBr, (CH3)2 CHCH2Br

उत्तर
(CH3)3 CBr < (CH3)2 CHCH2Br < CH3CH2CH2CH2Br

प्रश्न 8.
कारण दीजिए-ऐल्किल हैलाइड ऐरिल हैलाइड से श्रेष्ठ विलायक होते हैं।

उत्तर
हैलोऐल्केनों में C- X आबन्ध हैलोऐरीनों से अधिक ध्रुवीय होता है। C – X आबन्ध की ध्रुवता के कारण ऐल्किल हैलाइड ऐरिल हैलाइड से श्रेष्ठ विलायक होते हैं।

प्रश्न 9.
कारण दीजिए-उद्योगों में प्रयुक्त विलायक हैलोऐल्केन ब्रोमो यौगिकों के विपरीत क्लोरो यौगिक होते हैं।

उत्तर
क्लोरीन, ब्रोमीन की तुलना में अधिक ऋणविद्युती होने के कारण ऐल्किल क्लोराइड में C-Cl आबन्ध ऐल्किल ब्रोमाइड में C- Br आबन्ध से अधिक ध्रुवीय (polar) होता है। आबन्ध की उच्च ध्रुवता के कारण क्लोरोऐल्केन ब्रोमोऐल्केनों की तुलना में श्रेष्ठ विलायक होते हैं।

प्रश्न 10.
किन परिस्थितियों में 2-मेथिलप्रोपीन को हाइड्रोजन ब्रोमाइड द्वारा आइसोब्यूटिल ब्रोमाइड में परिवर्तित किया जा सकता है?

उत्तर
परॉक्साइडों की उपस्थिति में HBr के प्रतिमार्कोनीकॉफ योग द्वारा।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न11.
निम्न में से कौन-सा यौगिक SN 2 अभिक्रिया में OH के साथ शीघ्रता से अभिक्रिया करेगा?
CH2= CHBr अथवा CH= CHCH2Br

उत्तर
CH2= CHCH2Br शीघ्रता से अभिक्रिया करेगा क्योंकि ऐलिल ब्रोमाइड, वाइनिल ब्रोमाइड से अधिक क्रियाशील होते हैं।

प्रश्न 12.
वाइनिल क्लोराइड एथिल क्लोराइड की तुलना में धीमे जल-अपघटित होता है, क्यों?

उत्तर
वाइनिल क्लोराइड को निम्नलिखित संरचनाओं के अनुनादी संकर के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है –
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
अनुनाद के कारण C-Cl आबन्ध में कुछ द्विआबन्ध लक्षण आ जाते हैं। दूसरी ओर एथिल क्लोराइड में कार्बन-क्लोरीन आबन्ध शुद्ध एकल आबन्ध होता है। अतः वाइनिल क्लोराइड एथिल क्लोराइड की तुलना में धीमे जल-अपघटित होता है।

प्रश्न 13.
ट्राइक्लोरोमेथेन को गहरी रंगीन बोतलों में संगृहीत करते हैं। तर्क दीजिए। (2017)

उत्तर
ट्राइक्लोरोमेथेन या क्लोरोफॉर्म प्रकाश की उपस्थिति में वायुमण्डलीय ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत होकर अत्यधिक विषैली गैस फॉस्जीन (COCl2) बनाता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
अत: प्रकाश से बचाने के लिए क्लोरोफॉर्म को गहरी रंगीन, बोतलों में संगृहीत किया जाता है।

प्रश्न 14.
कारण दीजिए-क्लोरोफॉर्म क्लोरीन यौगिक है फिर भी यह सिल्वर नाइट्रेट विलयन के साथ कोई अवक्षेप नहीं देता है, क्यों?

उत्तर
क्लोरोफॉर्म सहसंयोजी यौगिक है, अत: यह क्लोराइड आयन नहीं देता है। इसलिए यह AgNO3 के साथ किसी प्रकार का अवक्षेप नहीं देता है।

प्रश्न 15.
क्लोरोफॉर्म को प्रकाश एवं वायु के प्रभाव से बचाने के लिए कौन-सी सावधानियाँ बरती जाती हैं? (2017)

उत्तर
क्लोरोफॉर्म को रंगीन बोतलों में, काले कागज में लपेटकर, अंधेरे में, मुँह तक भर कर तथा 1 % C2H5OH की कुछ बूंद मिलाकर रखना चाहिए।

प्रश्न 16.
क्लोरोबेन्जीन की बेन्जीन रिंग की एक प्रतिस्थापन अभिक्रिया को समीकरण लिखिए। (2017)

उत्तर
क्लोरोबेन्जीन का नाइट्रीकरण
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

प्रश्न17.
कौन-सा रसायन ओजोन परत को क्षति पहुँचाता है?

उत्तर
फ्रेऑन (CFCs)।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए

  1. राइमर टीमन अभिक्रिया (2016, 17)
  2. कार्बिल ऐमीन अभिक्रिया (2016)
  3. वुज-फिटिग अभिक्रिया। (2016, 17, 18)
  4. फ्रीडेल-क्राफ्ट्स अभिक्रिया (2016)
  5. विहाइड्रोहैलोजेनीकरण या डिहाइड्रोहैलोजेनीकरण (2016)

उत्तर
1. जब फीनॉल, क्लोरोफॉर्म तथा ऐल्कोहॉलिक KOH के मिश्रण को गर्म किया जाता है तो सैलिसिलेल्डिहाइड बनता है, जिसे ऑर्थों-हाइड्रॉक्सीबेन्जेल्डिहाइड कहते हैं।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
यह अभिक्रिया राइमर यमन अभिक्रिया कहलाती है।
2. क्लोरोफॉर्म को ऐनिलीन और ऐल्कोहॉलीय KOH के साथ गर्म करने पर अभिक्रिया द्वारा तीव्र दुर्गन्ध युक्त पदार्थ आइसोसायनाइड बनता है। यह अभिक्रिया कार्बिलऐमीन अभिक्रिया कहलाती है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
3. जब ऐरिल हैलाइड को ऐल्किल हैलाइड के साथ धात्विक सोडियम की उपस्थिति में शुष्क ईथर विलयन में अभिकृत किया जाता है तो बेन्जीन का ऐल्किल व्युत्पन्न प्राप्त होता है। यह अभिक्रिया वुज-फिटिग अभिक्रिया कहलाती है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
4. क्लोरोबेन्जीन मेथिल क्लोराइड के साथ निर्जल AlCl3 की उपस्थिति में अभिक्रिया द्वारा o- मेथिल तथा p- मेथिल क्लोरोबेन्जीन का मिश्रण देता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
यह अभिक्रिया फ्रीडेल-क्राफ्ट्स अभिक्रिया कहलाती है।
5. ऐल्कोहॉलिक KOH वे NaNH2 को गर्म करने पर ऐल्काइन बनते हैं।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
इसे विहाइड्रोहैलोजेनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 2.
ट्राइआयोडोमेथेन (आयोडोफॉर्म) पर एक टिप्पणी लिखिए। (2017, 18)

उत्तर
यह मेथेन का ट्राइआयोडो व्युत्पन्न (derivative) है तथा औषधियों एवं रासायनिक उद्योगों में कई प्रकार से उपयोग किया जाता है। सामान्यत: इसे आयोडोफॉर्म (iodoform) कहते हैं।
यह विशिष्ट गन्ध वाला पीला क्रिस्टलीय ठोस है। इसका उपयोग प्रारम्भ में पूतिरोधी (ऐंटिसेप्टिक) के रूप में किया जाता था। आयोडोफॉर्म का यह पूतिरोधी गुण स्वयं आयोडोफॉर्म के कारण नहीं बल्कि मुक्त हुई आयोडीन के कारण होता है। इसकी अरुचिकर गंध के कारण अब इसके स्थान पर आयोडीनयुक्त अन्य दवाओं का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
फ्रेऑन क्या है? इसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है? (2016, 17)
या
किसी फ्रेऑन का रासायनिक सूत्र लिखिए। (2017)
या
फ्रेऑन क्या है? इसका एक उपयोग लिखिए। (2018)

उत्तर
ऐल्केनों के पॉलिक्लोरोफ्लुओरो व्युत्पन्नों को फ्रेऑन कहते हैं। पॉलिक्लोरोफ्लुओरोमेथेन तथा पॉलिक्लोरोफ्लुओरोएथेन महत्त्वपूर्ण फ्रेऑन हैं, जैसे –

  1. CFCl3 ट्राइक्लोरोफ्लुओरोमेथेन (फ्रेऑन-11)
  2. CF2Cl2 डाइक्लोरोडाइफ्लुओरोमेथेन (फ्रेऑन-12)
  3. C2F2Cl4 ट्रेट्रीक्लोरोडाइफ्लुओरोएथेन (फ्रेऑन-112)

CFCl3 में कार्बन तथा फ्लुओरीन का अनुपात 1: 1 है, अत: इस कारण इसका नाम फ्रेऑन-11 है। CF2Cl2 में कार्बन तथा फ्लुओरीन का अनुपात 1: 2 है, अतः इस कारण इसका नाम फ्रेऑन-12 है।
फ्रेऑन के गुण – फ्रेऑन रंगहीन, गन्धहीन, विषहीन, अत्यन्त अक्रिय तथा कम क्वथनांक वाले द्रव हैं। ये बहुत कम दाब पर ही गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं, इस कारण इनका उपयोग रेफ्रीजेरेटर तथा वातानुकूलन में प्रशीतक के रूप में होता है। इन यौगिकों को संक्षिप्त रूप में CFCs भी कहते हैं। इनका पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। इनको ओजोन परत को नष्ट करने के लिए उत्तरदायी माना जा रहा है।

प्रश्न 4.
डी डी टी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (2017)
या
डी डी टी का उपयोग लिखिए तथा पर्यावरण पर इसका क्या प्रभाव पडता है? (2016, 17)

उत्तर
DDT का उपयोग एक सम्पर्क कीटनाशक (contact insecticide) की भाँति किया जाता है। सस्ता तथा शक्तिशाली होने के कारण मक्खी, मच्छर, कीड़े-मकोड़े, शलभ तथा कृषि पीड़कों को मारने के लिए इसका व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाता है।
यह मुख्यत: मलेरिया फैलाने वाले ऐनोफीलीज मच्छर (Anopheles mosquito) तथा टाइफस वाहक जुओं को समाप्त करने में प्रभावकारी है।

द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् कीटनाशक के रूप में DDT का उपयोग विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ा। 1940 ई० के अन्त में DDT के अत्यधिक उपयोग के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएँ सामने आने लगीं। कीटों की अनेक प्रजातियों ने DDT के प्रति प्रतिरोधात्मकता विकसित कर ली तथा यह मछलियों के लिए अति विषैली सिद्ध हुई। DDT के अत्यधिक रासायनिक स्थायित्व तथा इसकी वसा में विलेयता ने समस्या को और जटिल बना दिया। जन्तुओं द्वारा DDT का शीघ्रता से उपापचय नहीं होता है बल्कि यह वसीय ऊतकों में एकत्र तथा संग्रहित हो जाती है। यदि जन्तु इसका निरन्तर अन्तर्ग्रहण करता रहता है तो समय के साथ इसकी मात्रा निरन्तर बढ़ती जाती है। यह बढ़ी हुई मात्रा जन्तुओं के जनन तन्त्र पर विपरीत प्रभाव डालती है। इसके दुष्प्रभावों (ill effects) को देखते हुए, यू० एस० ए० ने 1973 ई० में DDT पर प्रतिबन्ध लगा दिया था यद्यपि विश्व में अनेक स्थानों पर इसका उपयोग आज भी हो रहा है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्लोरोबेन्जीन बनाने की विधियों का वर्णन कीजिए। इसके भौतिक तथा रासायनिक गुण लिखिए। इसके उपयोग बताइए। (2016)
या
टिप्पणी लिखिए-सैण्डमायर अभिक्रिया। (2016)
या
क्लोरोबेन्जीन का हैलोजन वाहक की उपस्थिति में हैलोजनीकरण किस प्रकार होता है? सम्बन्धित समीकरण लिखिए। (2018)

उत्तर
सूत्र
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
प्रयोगशाला विधि – प्रयोगशाला में क्लोरोबेन्जीन को विरचन बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड को सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ क्यूप्रस क्लोराइड (Cu2Cl2) की उपस्थिति में लगभग 60°C ताप पर गर्म करके किया जाता है। इस अभिक्रिया को सैण्डमायर अभिक्रिया कहते हैं। अभिक्रिया में प्रयुक्त डाइऐजोनियम लवण ऐनिलीन की 0°C से 5°C पर सोडियम नाइट्राइट तथा तनु HCl की डाइऐजोटीकरण (diazotisation) अभिक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

बेन्जीन से – हैलोजेनवाहक की उपस्थिति में गर्म बेन्जीन में शुष्क क्लोरीन गैस प्रवाहित करने से क्लोरोबेन्जीन बनती है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
फीनॉल से – फीनॉल पर फॉस्फोरस पेन्टाक्लोराइड की अभिक्रिया से C6H5Cl बनता है। इस अभिक्रिया में मुख्य उत्पाद (C6H5)3PO4 होता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

गाटरमान अभिक्रिया द्वारा – इस अभिक्रिया में बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड को कॉपर चूर्ण व HCl के साथ गर्म करने पर क्लोरोबेन्जीन बनती है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
भौतिक गुण – क्लोरोबेन्जीन रंगहीन, सुगन्धित भारी द्रव होता है। इसका क्वथनांक 132°C होता है। यह जल में अविलेय, परन्तु ऐल्कोहॉल तथा ईथर में पूर्ण विलेय है।

रासायनिक गुण 
1. सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया – क्लोरोबेन्जीन को उच्च दाब (200 वायुमण्डल) तथा उच्च ताप (300°C) पर जलीय NaOH के साथ अभिकृत करने पर फीनॉल बनता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

2. अमोनिया की अभिक्रिया – क्लोरोबेन्जीन को अमोनिया के जलीय विलयन के साथ क्यूप्रस ऑक्साइड की उपस्थिति में उच्च दाब पर 200°C ताप तक गर्म करने पर इसका CI परमाणु-NH, समूह द्वारा प्रतिस्थापित होकर ऐनिलीन बनाता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

3. वुज-फिटिग अभिक्रिया – जब एक अणु ऐरिल हैलाइड तथा दूसरा अणु ऐल्किल हैलाइड सोडियम के साथ शुष्क ईथर की उपस्थिति में अभिक्रिया करके ऐल्किल ऐरीन देता है, तो यह अभिक्रिया वुज-फिटिग अभिक्रिया कहलाती है। जैसे- क्लोरोबेन्जीन शुष्क ईथर की उपस्थिति में सोडियम और मेथिल क्लोराइड के साथ गर्म करने पर टॉलुईन देती है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

4. फ्रीडेल-क्राफ्ट्स अभिक्रिया – इस अभिक्रिया में क्लोरोबेन्जीन मेथिल क्लोराइड के साथ निर्जल AlCl3 की उपस्थिति में अभिक्रिया द्वारा o-मेथिल तथा p- मेथिल क्लोरोबेन्जीन का मिश्रण देता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
5. हैलोजनीकरण – जब क्लोरोबेन्जीन का किसी हैलोजनवाहक की उपस्थिति में हैलोजनीकरण कराया जाता है, तो 0- वे p- डाईक्लोरोबेंजीन की प्राप्ति होती है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
क्लोरोबेन्जीन के उपयोग

  1. विभिन्न ऐरोमैटिक यौगिकों के निर्माण में।
  2. कीटनाशक पदार्थ डी०डी०टी० के निर्माण में।
  3. फफूदनाशी, डाइऐजोरंजकों आदि के निर्माण में।

प्रश्न 2.
प्रयोगशाला में क्लॉरोफॉर्म बनाने की विधि का सचित्र वर्णन कीजिए। प्राप्त क्लॉरोफॉर्म से शुद्ध क्लोरोफॉर्म कैसे प्राप्त करोगे? इसके प्रमुख गुणधर्म व उपयोग भी दीजिए। या रासायनिक समीकरण देते हुए समझाइए कि एथिल ऐल्कोहॉल से क्लोरोफॉर्म कैसे बनाया जाता है? क्लोरोफॉर्म को गहरे रंग की बोतलों में क्यों रखा जाता है? (2017)

उत्तर
सूत्र– CHCl3 I.U.P.A.C. नाम – ट्राइक्लोरोमेथेन
प्रयोगशाला में शुद्ध क्लॉरोफॉर्म का विरचन – प्रयोगशाला में शुद्ध क्लोरोफॉर्म का विरचन निम्न दो प्रकार से किया जाता है –
(i) एथिल ऐल्कोहॉल से क्लोरोफॉर्म – एथिल ऐल्कोहॉल को नम विरंजक चूर्ण (bleaching powder) के साथ मिलाकर आसवन करने पर क्लोरोफॉर्म प्राप्त होता है। यह अभिक्रिया निम्नलिखित पदों में होती है –
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

(ii) ऐसीटोन से क्लोरोफॉर्म – ऐसीटोन के नम विरंजक चूर्ण के साथ आसवन से भी क्लोरोफॉर्म बनता है। यह अभिक्रिया निम्नलिखित पदों में होती है –
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
एक गोल पेंदी के फ्लास्क में 200 ग्राम विरंजक चूर्ण की 400 मिली जल से बनी लेई और 50 मिली ऐसीटोन या ऐल्कोहॉल लेकर जल ऊष्मक के ऊपर गर्म करते हैं। जिससे जल तथा क्लोरोफॉर्म का मिश्रण आसवित होकर जल से भरे ग्राही पात्र में इकट्ठा हो जाता है। पृथक्कारी कीप द्वारा आसुत द्रव का नीचे वाला अंश एकत्रित करते हैं। अम्लीय अशुद्धियों को दूर करने के लिए इसे NaOH विलयन द्वारा धोकर, फिर जल से धोकर और इसमें निर्जल CaCl2 मिलाकर पुन: आसवित करते हैं जिससे लगभग 61°C पर शुद्ध क्लोरोफॉर्म प्राप्त होता है।

भौतिक गुण – यह एक रंगहीन, मीठी गन्ध वाला, ज्वलनशील द्रव है। इसका क्वथनांक 61°C तथा आपेक्षिक घनत्व 1.485 है। यह जल में अविलेय, किन्तु ईथर व ऐल्कोहॉल में विलेय है। इसकी वाष्प को सँघने से कुछ समय के लिए मूच्र्छा आ जाती है। इसी गुण के कारण इसका उपयोग निश्चेतक (anaesthetic) के रूप में किया जाता है।

रासायनिक गुण
1. ऑक्सीकरण – सूर्य के प्रकाश तथा वायु में खुला रखने से फॉस्जीन (विषैली) या कार्बोनिल क्लोराइड गैस बनती है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
क्लोरोफॉर्म को गहरे भूरे रंग की बोतल में ऊपर तक भरकर इसलिए रखते हैं, जिससे प्रकाश और वायु अन्दर न पहुँच सके अन्यथा क्लोरोफॉर्म धीरे-धीरे ऑक्सीकृत होकर फॉस्जीन गैस बनाता है जो कि अत्यन्त घातक विष है। क्लोरोफॉर्म में 1% एथिल ऐल्कोहॉल संदमक (inhibitor) के रूप में डालते हैं और लाल-भूरे रंग की बोतल में रखते हैं जो प्रकाश को रोकती है। एथेनॉल इस अभिक्रिया में ऋणात्मक उत्प्रेरक का कार्य करता है। एथिल ऐल्कोहॉल की उपस्थिति में वायु द्वारा क्लोरोफॉर्म के ऑक्सीकरण की गति अत्यन्त धीमी पड़ जाती है अर्थात् क्लोरोफॉर्म को स्थायित्व बढ़ जाता है। यदि कुछ फॉस्जीन बनता भी है तो वह एथिल ऐल्कोहॉल से अभिक्रिया करके डाइएथिल कार्बोनेट बनाता है जो विषैला नहीं होता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

2. अपचयन – यह जिंक और जल के साथ उबालने पर अपचयित होकर मेथेन देता है, Zn और तनु HCl के साथ अपचयित होकर मेथिलीन क्लोराइड देता है, जबकि Zn तथा ऐल्कोहॉलिक HCl द्वारा अपचयन पर मेथिल क्लोराइड बनता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

3. क्लोरीन से अभिक्रिया – कार्बन टेट्रोक्लोराइड प्राप्त होता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

4. ऐसीटोन से अभिक्रिया – क्षार की उपस्थिति में ऐसीटोन से संघनन अभिक्रिया द्वारा क्लोरीटोन प्राप्त होता है जिसका उपयोग निद्राकारी औषधि के निर्माण में होता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)

5. नाइट्रिक अम्ल से क्रिया – नाइट्रोक्लोरोफॉर्म (या क्लोरोपिक्रिन) प्राप्त होता है, जिसका उपयोग कीटनाशक व अश्रु (tear) गैस के रूप में होता है।
Solutions Class 12 रसायन विज्ञान-II Chapter-2 (हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन)
उपयोग – क्लोरोफॉर्म के निम्नलिखित उपयोग हैं –

  1. 30% ईथर में इसका विलयन शल्य चिकित्सा में निश्चेतक के रूप में।
  2. लाख, रबड़, चर्बी आदि के लिए विलायक के रूप में।
  3. दवाईयों के रूप में।
  4. जीवाणुनाशक के रूप में।
  5. सुगन्धित पदार्थ के रूप में।
  6. टेफ्लॉन (PTFE) के निर्माण में।