NCERT Solutions class 12 व्यष्टि अर्थशास्त्र Chapter 2 - उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत
CBSE Class 12 व्यष्टि अर्थशास्त्र
NCERT Solutionsपाठ-2 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत
1. उपभोक्ता के बजट सेट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- बजट सेंट दो वस्तुओं के उन सभी बंडलों का संग्रह हैं जिन्हें उपभोक्ता प्रचलित बाज़ार कीमत पर अपनी आय से खरीद सकता है।
2. बजट रेखा क्या हैं?
उत्तर- बजट रेखा उन सभी बंडलों का प्रतिनिधित्व करती है, जिन पर उपभोक्ता की संपूर्ण आय व्यय हो जाती है।
3. बजट रेखा की प्रवणता (ढलान)नीचे की ओर क्यों होती हैं? समझाइए।
उत्तर- बजट रेखा की प्रवणता नीचे की ओर की ओर होती है, क्योंकि बजट रेखा पर स्थित प्रत्येक बिंदु एक ऐसे बंडल को दर्शाता है जिस पर उपभोक्ता की पूरी आय व्यय हो जाती हैं ऐसे में यदि उपभोक्ता वस्तु 1 की 1 इकाई अधिक लेना चाहता हैं,तब वह ऐसा तभी कर सकता है जब वह दूसरी वस्तु की कुछ मात्रा छोड़ दे। वस्तु 1 की मात्रा कम किये बिना वह वस्तु 2 की मात्रा बढ़ा नहीं सकता। वस्तु 1 की एक अतिरिक्त इकाई पाने के लिए उसे वस्तु 2 की कितनी इकाई छोड़नी होगी यह दो वस्तुओं की कीमत पर निर्भर करेगा।
4. एक उपभोक्ता दो वस्तुओं का उपभोग करने के लिए इच्छुक है। दोनों वस्तुओं की कीमत क्रमशः ३ तथा 5 ₹ हैं। उपभोक्ता की आय 20₹ हैं-
1. बजट रेखा के समीकरण को लिखिए।
2. उपभोक्ता यदि अपनी संपूर्ण आय वस्तु 1 पर व्यय कर दे तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता है?
3. यदि वह अपनी संपूर्ण आय वस्तु 2 पर व्यय कर दे तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता हैं?
4. बजट रेखा की प्रवणता क्या हैं?
उत्तर-
i. बजट रेखा समीकरण PrQx + P, Q,y,4Qx + 5Qy >20
ii. यदि वह संपूर्ण आय वस्तु 1 पद व्यय कर दे तो Qy - 0, इसे बजट समीकरण में डालने पर
4Qx + 4(0) - 20, 4Qx - 20
iii. यदि वह अपनी संपूर्ण आय वस्तु y पर व्यय कर दे तो Qx = 0
इसे बजट समीकरण में डालने पर
5. यदि उपभोक्ता की आय बढ़कर 40 ₹ हो जाती है, परन्तु कीमत अपरिवर्तित रहती हैं तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन होता है?
उत्तर- बजट रेखा 4Q - 5Qy ,<40
6. यदि वस्तु 2 की कीमत में 1 ₹ की गिरावट आ जाए परन्तु वस्तु 1 की कीमत में तथा उपभोक्ता की आय में कोई परिवर्तन न हो तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन आएगा?
उत्तर- बजट रेखा समीकरण = P Qx + P Qy = y
Px = 6, Qx = 6, Py = 8, Qy = 8
इसे समीकरण में डालने पर (6x6) + (8x8) = y
36+ 64 = y, 100 = y
अतः उपभोक्ता की आय 100 ₹ हैं।
9. मान लीजिए, उपभोक्ता दो ऐसी वस्तुओं का उपभोग करना चाहता है, जो केवल पूर्णांक इकाइयों में उपलब्ध हैं। दोनों वस्तुओं की कीमत 10 ₹ के बराबर है तथा उपभोक्ता की आय 40₹ है।
i. वे सभी बंडल लिखिए जो उपभोक्ता के लिए उपलब्ध हैं।
ii. जो बंडल उपभोक्ता के लिए उपलब्ध हैं, उनमें से वे बंडल कौन से हैं जिन पर उपभोक्ता के पूरे 40 ₹ व्यय हो जाएँगें।
उत्तर-
j. बजट रेखा समीकरण 10a + 100y <40
अतः सभी बडल जो वह खरीद सकता हैं
(0,0), (0,1), (0,2), (0, 3), (0, 4)
(1,0), (1,1), (1,2) (1,3)
(2,0), (2,1), (2,2)
(3,0), (3,1)
(4,0)
ii. ऐसे बंडल जिन पर पूरे 40 ₹ व्यय हो जायेंगे- (0, 4), (1, 3), (2. 2), (3, 1), (4,0)
10. 'एकदिष्ट अधिमान' से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- एकदिष्ट अधिमान का अर्थ है कि उपभोक्ता एक वस्तु की कम मात्रा की तुलना में अधिक मात्रा को सदा अधिक पसंद करता हैं। इसका अर्थ हैं कि अनाधिमान वक्र की प्रवणता नीचे की ओर हैं। यदि उपभोक्ता के एकदिष्ट अधिमान है तो वह संयोजन (4, 5) से अधिक संयोजन (5, 5) या (4, 6) की करेंगा।
11. यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं तो क्या वह बंडल (10, 8) और बंडल (8,6) के बीच तटस्थ हो सकता हैं?
उत्तर- नहीं यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं तो वह बंडल (10, 8) को (8, 6) से अधिक प्राथमिकता देगा।
12. मान लीजिए कि उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं। बंडल (10, 10), (10, 9) तथा (9, 9) पर उसके अधिमान श्रेणीकरण के विषय में आप क्या बता सकते हैं?
उत्तर- वह (10, 10) को (10, 9) से अधिक तथा (10, 9) को (9, 9) से अधिक प्राथमिकता देगा यानि U(10,10) >
U(10,9) > U(9,9)
13. मान लीजिए कि आपका मित्र, बंडल (5, 6) तथा (6, 6) के बीच तटस्थ हैं। क्या आपके मित्र के अधिमान एकदिष्ट हैं?
उत्तर- नहीं, यदि उसके अधिमान एकदिष्ट होते तो वह (6, 6) को (5, 6) से अधिक प्राथमिकता देता।
14. मान लीजिए कि बाज़ार में एक ही वस्तु के लिए दो उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन इस प्रकार हैं-
di(p) = 20 - p किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 20 से कम या बराबर हो तथा d4 (p) = 0 किसी ऐसी कीमत के लिए जो
20 से अधिक हो।
d1p) = 30 - 2p किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 15 से अधिक या बराबर हो और d(p) = 0 किसी ऐसी कीमत के
लिए जो 15 से अधिक हो। बाज़ार माँग फलन कों ज्ञात कीजिए।
उत्तर- बाज़ार माँग फलन = d1(P) + d2(P)
dM(P) = 20 - P + 30-2P = 50 - 3P
किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 10 से कम या बराबर हो।
dm(P) = 0 किसी ऐसी कीमत के लिए जो 5 से अधिक हो।
15. मान लीजिए, वस्तु के लिए 20 उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन एक जैसे हैं-
di(p) = 10 - 3p किसी ऐसी कीमत के लिए जो 19 से कम हो अथवा बराबर हो तथा d1(p) = 0 किसी ऐसी कीमत पर 10/3 से अधिक है।
बाज़ार फलन क्या हैं?
उत्तर- बाज़ार फलन = d1(P) X 20
dM(P) = (10-3P)X 20
dM(P) = 200-60P
किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 10/3 से कम हो अथवा बराबर हो तथा dm(P) = 0 किसी ऐसी कीमत पर जो 10/3 से अधिक हो।
16. एक ऐसे बाज़ार को लीजिए, जहाँ केवल दो उपभोक्ता हैं तथा मान लीजिए वस्तु के लिए उनकी माँगें इस प्रकार हैं-
p | d1 | d2 |
---|---|---|
1 2 3 4 5 6 | 9 8 7 6 5 4 | 24 20 18 16 14 20 |
वस्तु के लिए बाज़ार माँग की गणना कीजिए।
उत्तर- बाज़ार माँग
p | d1 | da | बाज़ारमाँ( +d2) |
---|---|---|---|
1 2 3 4 5 6 | 9 8 7 6 5 4 | 24 20 18 16 14 20 | 33 28 25 22 19 16 |
17. सामान्य वस्तु से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- जिस वस्तु का आय के साथ धनात्मक संबंध हो अर्थात् उपभोक्ता की आय बढ़ने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती हो तथा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती हो तथा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग कम होती हो वह सामान्य वस्तु कहलाती है।
18. निम्नस्तरीय वस्तु या गिफ्फिन वस्तु को परिभाषित कीजिए। कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर- ऐसी वस्तु जिसका आय के साथ ऋणात्मक संबंध होता हैं अर्थात् उपभोक्ता की आय बढ़ने पर जिस वस्तु की माँग कम होती है तथा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती है, वह निम्नस्तरीय वस्तु कहलाती है। कोई भी वस्तु निम्नस्तरीय है या सामान्य यह उपभोक्ता की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। जो वस्तु एक उपभोक्ता के लिए सामान्य है वह किसी अन्य के लिए निम्नस्तरीय हो सकती है फिर भी साधारणतः जो वस्तुएँ निम्नस्तरीय वस्तु की श्रेणी में आती हैं उनके उदाहरण हैं-ज्वार, बाजरा, साप्ताहिक बाज़ारों में बिकने वाला माल, टोन्ड दूध आदि।
19. स्थानापन्न वस्तु को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के स्थानापन्न हैं।
उत्तर- वे वस्तुएँ जो एक मानव इच्छा की पूर्ति के लिए एक दूसरे के स्थान पर उपयोग में आ सकती हैं वे प्रतिस्थापन्न वस्तुएँ कहलाती हैं उदाहरण-चाय और कॉफी, नोकिया और सैमसंग के मोबाइल, वोडाफान और एयरटेल का कनैक्शन आदि।
20. पूरकों को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के पूरक हैं।
उत्तर-वे वस्तुएँ जो किसी मानव इच्छा की पूर्ति के लिए एक साथ प्रयोग होते हैं पूरक वस्तुएँ कहलाती हैं। उदाहरण- कार और पेट्रोल , मोबाइल फोन और सिम, बिजली और बिजली उपकरण।
21. माँग की कीमत लोच को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने से उस वस्तु को माँग की जाने वाली मात्रा के संख्यात्मक माप को माँग की कीमत लोच कहा जाता है। अन्य शब्दों में माँग की कीमत लोच वस्तु की माँग की गई मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन और वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन का अनुपात है।
22. एक वस्तु की माँग पर विचार करें। 4 ₹ की कीमत पर इस वस्तु की 25 इकाइयों की माँग है। मान लीजिए वस्तु की कीमत बढ़कर 5 ₹ हो जाती है तथा परिणामस्वरूप वस्तु की माँग घटकर 20 इकाइयाँ हो जाती है। कीमत लोच की गणना कीजिए।
उत्तर-
23. माँग वक्र D(p) = 10-3 p को लीजिए। कीमत है पर लोच क्या है?
उत्तर-
25. मान लीजिए, किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच - 0.2 है। यदि वस्तु की कीमत में 10% वृद्धि होती है तो उस पर होने वाला व्यय किस प्रकार प्रभावित होगा?
उत्तर- माँग की कीमत लोच इकाई से कम हैं अतः कीमत में वृद्धि होने पर वस्तु पर होने वाला व्यय बढ़ेगा।
26.मान लीजिए कि किसी वस्तु की कीमत में की गिरावट होने के परिणामस्वरूप [पर होने वाले व्यय में की वृद्धि हो गई। आय माँग की लोच के बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर- वस्तु की कीमत कम होने पर कुल व्यय में वृद्धि हो तो वस्तु की माँग की कम कीमत लोच इकाई से अधिक होगी, परन्तु वास्तविक मान क्या होगा यह कुल व्यय विधि द्वारा ज्ञात नहीं किया जा सकता।
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 12 व्यष्टि अर्थशास्त