NCERT Solutions class 12 इतिहास Chapter 9 - शासक और इतिवृत्त
सीबीएसई कक्षा-12 इतिहास
महत्वपूर्ण प्रश्न
पाठ-9
शासक और इतिवृत्त
अति लघु प्रश्न (2 अंक)
प्र.1 कोर्निश शब्द के अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- कोर्निश औपचारिक अभिवादन का एक ऐसा तरीका था जिसमें दरबारी दाएँ हाथ की तलहथी को ललाट पर रखकर आगे की ओर सिर झुकाते थें।
प्र.2 1526 से 1707 तक के बीच भारत में शासन करने वाले वंश का नाम बताइए और इस वंश के संस्थापक कौन थे?
उत्तर- मुगल वंश और संस्थापक बाबर।
प्र.3 किताबखाना' शब्द का अर्थ क्या है ?
उत्तर- 'किताबखाना' का शाब्दिक अनुवाद पुस्तकालय है। यह एक ऐसा लेखन गृह था, जहां शासकों द्वारा संकलित पांडुलिपियां रखी जाती तथा नई पांडुलिपियां तैयार की जाती थीं।
प्र.4 पांडुलिपियों की संरचना में संलग्न कुछ लोगों के कार्यो को बताइए?
उत्तर- पांडुलिपियों की रचना के विविध कार्यों में बहुत लोग शामिल होते थे, इनमें से कुछ लोगों के द्वारा कागज बनाना, सुलेखन, घिसाई, चित्रकारी और जिल्दसाजी की जाती थी।
प्र.5 बाबर की आत्मकथा कौन-सी भाषा में लिखी गई थी?
उत्तर- बाबर की आत्मकथा 'तुजके बाबरी' मूल रुप से तुर्की भाषा में लिखी गई थी। बाद में इसे फारसी भाषा में बाबरनामा के नाम से अनुवाद किया गया।
लघु प्रश्न (5 अंक)
प्र.6 मुगल साम्राज्य में शाही परिवार की स्त्रियों द्वारा निभाई गई भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर- 1. मुगल परिवार में शाही परिवारों से आने वाली स्त्रियों, बेगमों, अगाहा में अंतर रखा जाता था।
2. पत्नियां और उनके अनेक महिलाएं साधारण से साधारण कार्य से लेकर बुद्धिमता से अलग-अलग कार्यों का संपादन करते थे।
3. नूरजहां के बाद मूल रानियों और राजकुमारियों ने महत्त्वपूर्ण वित्तिय स्रोतों पर नियंत्रण रखना शुरु किया।
4. जहाँआरा, रोशनआरा को ऊँचे शाही मनसबदारों के समान वार्षिक आय होती थी।
5. जहाँआरा को सूरत के बंदरगाह से राजस्व प्राप्त होता था।
6. संसाधनों पर नियंत्रण ने मुगल परिवार की महत्त्वपूर्ण स्त्रियों को इमारतों या बागों के निर्माण का अधिकार दिया था।
7. चाँदनी चौक की रूपरेखा जहाँआरा के द्वारा बनवाई गई।
प्र.7 'बादशाहनामा' पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
उत्तर- अबुलफजल एक शिष्य अब्दुल हमीद लाहौरी बादशाह नामा के लेखक के रुप में जाना जाता है। इसकी योग्यताओं के बारे में सुनकर बादशाह शाहजहाँ ने उसे अकबर नामा के नमूने पर अपने शासन का इतिहास लिखने के लिए नियुक्त किया। बादशाह नामा भी सरकारी इतिहास है। इसकी तीन जिल्दें (दफतर) हैं और प्रत्येक जिल्द 10 चंद्र वर्षों का ब्योरा देती हैं। लाहौरी ने बादशाह के शासन (1627. 47) के पहले के दो दशकों पर पहला व दूसरा दफतर लिखा इन जिल्दों में बाद में शाहजहाँ के वजीर सादुल्ला खाँ ने सुधार किया।
विस्तृत उत्तर 10 (5+5 अंक)
प्र.8 मनसबदारी के प्रणाली के गुण और दोषों की विवेचना कीजिए।
उत्तर- मनसबदारी प्रणाली के गुण
1. सम्राट को सैन्य संगठन संबंधी परेशानियों से छुटकारा दिलाना।
2. योग्यतानुसार पद प्रदान किया जाना
3. प्रशासनिक व्यय को सीमित करना ।
4. साम्राज्य का विस्तार एवं स्थायित्व प्रदान करना।
5. मनसबदार कला और साहित्य के पोषक थे।
मनसबदारी प्रणाली के दोष
1. वैभवशाली जीवन से धन को दुरूपयोग होना।
2. निर्धारित संख्या से कम सैनिक
3. सम्राट के प्रति स्वामी भक्ति का विकास नहीं होना।
4. अमीरों तथा सरदारों में विद्रोह की भावना पनपना।
5. मुगल सेना का राष्ट्रीय सेना न बन पाना।
6. शासक और सैनिकों के मध्य सीधे सम्पर्क की कमी।
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 12 भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग I - II - III
- 1. ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ
- 2. राजा, किसान और नगर आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ
- 3. बंधुत्व, जाति तथा वर्ग आरंभिक समाज
- 4. विचारक, विश्वास और इमारतें सांस्वृफतिक विकास
- 5. यात्रियों के नजरिये समाज के बारे में उनकी समझ
- 6. भक्ति-सूफी परंपराएँ धार्मिक विश्वासों में बदलाव और श्रद्धा ग्रंथ
- 7. एक साम्राज्य की राजधनी - विजयनगर
- 8. किसान, जमींदार और राज्य कृषि समाज और मुगल साम्राज्य
- 10. उपनिवेशवाद और देहात (सरकारी अभिलेखों का अध्ययन)
- 11. विद्रोही और राज
- 12. औपनिवेशिक शहर
- 13. महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आंदोलन सविनय अवज्ञा और उससे आगे
- 14. विभाजन को समझना (राजनीति, स्मृति, अनुभव)
- 15. संविधान का निर्माण एक नए युग की शुरुआत