NCERT Solutions class 12 इतिहास Chapter 7 - एक साम्राज्य की राजधानी : विजयनगर
सीबीएसई कक्षा -12 इतिहास
महत्वपूर्ण प्रश्न
पाठ-7
एक साम्राज्य की राजधानी : विजयनगर
2 अंक के प्रश्न
प्र-1 हम्पी नगर किस नदी के किनारे बसा हुआ है ?
उत्तर- तुंगभद्रा नदी के किनारे हम्पी नगर बसा हुआ है।
प्र-2 पम्पा किस देवी का नाम है?
उत्तर- देवी पम्पा पार्वती का नाम है|
प्र-3 कॉलिन मैकेंजी कौन था ? उसका भारतीय इतिहास में योगदान बताओं।
उत्तर- कॉलिन मैंकेंजी इस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे। 1754 मेकॉलिन मैकेंजी का जन्म हुआ था । कॉलिन मैकेंजी एक अभियंता, सर्वेक्षक तथा मानचित्रकार के रूप में प्रसिद्धि हासिल की । 1815 में उन्हे भारत का पहला सर्वेयर जनरल बनाया गया और 1821 मे उनकी मृत्यु तक वे इस पद पर बने रहे । भारत के अतीत को बेहतर ढंग से समझने के लिए और उपनिवेश के प्रशासन को आसान बनाने के लिए उन्होंने इतिहास से संबंधित स्थानीय परंपराओं का संकलन तथा ऐतिहासिक स्थलों का सर्वेक्षण करना आरंभ किया।
प्र-4 हंपी के मंदिरों की विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- हंपी के मंदिर अत्यंत अलंकृत स्तंभयुक्त मंडप थे। विशिष्ट अभिलक्षणों में मंडप तथा लंबे स्तंभो वाले गलियारे को अकसर मंदिर परिसर में स्थित देव स्थलों के चारो ओर बने थे, सम्मिलित है । विटठल और हजारा राम मंदिर यहाँ प्रमुख है।
प्र-5 विजयनगर की जल आवश्यकताओं को किस प्रकार पूरा किया जाता था ?
उत्तर- तुंगभद्रा द्वारा निर्मित एक प्राकृतिक कुंड है । यह नदी उत्तर में उत्तर पूर्व दिशा में बहती है । आसपास कि पहाड़ियों से कई जलधाराएँ आकर नदी में मिलती है । लगभग सभी धाराओं पर बाँध बनाकर अलग अलग हौज बनाए गए थे । शुष्क क्षेत्र होने के कारण पानी के संचय और इसे शहर तक ले जाने के लिए व्यापक प्रबंध करना आवश्यक है। सबसे महत्वपूर्ण हौज का निर्माण प्रारंभिक शताब्दी के आरंभिक वर्षों में हुआ, जिसे कमलपुरम जलाशय कहा जाता है ।
5 अंक के प्रश्न
प्र-6 शहर के किलेबंद क्षेत्र में कृषि क्षेत्र को रखने के आपके विचार में क्या फायदे और नुकसान थे ?
उत्तर- विजयनगर शहर के किलेबंद क्षेत्र में कृषि क्षेत्र को चारदीवारी के अंदर रखने से हमारे विचार से अनेक लाभ और हानियाँ थी। इसका विवरण इस प्रकार है-
• कृषि क्षेत्र में खेतों के आसपास सामान्यतः साधारण जनता और किसान रहते थे। बागों और खेतों की रखवाली करना आसान था।
•प्रायः मध्यकालीन घेराबंदी का मुख्य उद्देश्य प्रतिपक्ष को खाद्य सामग्री से वंचित कर जल्दी से जल्दी आत्मसमर्पण(हथियार डालने के लिए) के लिए करना होता था।
• युद्धकाल में शत्रुओं द्वारा घेराबंदी कई महीनों तक जारी रखी जाती थी यहाँ तक कि वर्षों तक चल सकती थी। आमतौर पर शासक ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए किलेबंद क्षेत्रों के भीतर ही विशाल अन्नगारों का निर्माण करवाते थे। विजयनगर के शासकों ने पूरे कृषि भू-भाग को बचाने के लिए एक अधिक महंगी तथा व्यापक नीति को अपनाया।
• किलाबंद खेती योग्य भूमि को चार दीवारी के अंदर रखने से नुकसान यह था कि प्रायः बाहर रहने वाले किसानों को आने जाने में द्वारपालों से इजाजत लेनी होती थी। साथ ही शत्रु द्वारा घेराबंदी होने पर बाहर से कृषि के लिए आवश्यक जरूरत पड़ने पर बीज, उर्वरक, यंत्र आदि बाहर के बाजारों से लाना प्रायः कठिन था।
• यदि शत्रु पक्ष के द्वारा काटी गई फसल को आग लगाकर जला दिया जाता तो आर्थिक हानि बहुत व्यापक हो सकती थी।
प्र-7 आपके विचार में महानवमी डिब्बा से संबद्ध अनुष्ठानों का क्या महत्व था ?
उत्तर- हमारे विचार में महानवमी डिब्बा से संबद्ध अनुष्ठानों का व्यापक महत्त्व था। विजयनगर शहर के सबसे ऊँचे स्थानों पर महानवमी डिब्बा नामक विशाल मंच होता था इसकी संरचना से जुड़े अनुष्ठान संभवतः सितम्बर तथा अक्टूबर के शरद मासों में मनाए जाने वाले दस दिन के हिन्दू त्यौहार, जिसे दशहरा (उत्तर भारत), दुर्गापूजा (पं. बंगाल) तथा नवरात्रि या महानवमी (प्रायद्वीपीय भारत में) नामों से जाना जाता है, के महानवमी के अवसर पर निष्पादित किए जाते थे। इस अवसर पर विजयनगर शासक अपने रुतबे, ताकत और अधिराज्य का प्रदर्शन करते थे।
• इस अवसर पर होने वाले धर्मानुष्ठानों में मूर्ति की पूजा, राज्य के अश्व की पूजा तथा भैंसों और अन्य जानवरों की बलि सम्मिलित थी। नृत्य, कुश्ती प्रतिस्पर्धा तथा साज लगे घोड़ों, हाथियों तथा रथों और सैनिकों की शोभायात्रा और साथ ही प्रमुख नायकों और अधीनस्थ राजाओं द्वारा राजा और उसके अतिथियों को दी जाने वाली औपचारिक भेंट इस अवसर के प्रमुख आकर्षण थे।
• त्यौहार के अन्तिम दिन राजा अपनी तथा अपने नायकों की सेना का खुले मैदान में आयोजित भव्य समारोह में निरीक्षण करता था। इस अवसर पर नायक, राजा के लिए बड़ी मात्रा में भेंट तथा साथ ही नियत कर भी लाते थे।
प्र-8 विजयनगर साम्राज्य के विभिन्न विवरणों से आप विजयनगर के सामान्य लोगों के जीवन की क्या छवि पाते हैं ?
उत्तर- सामान्य लोगों के बारे में बहुत ज्यादा विवरण प्राप्त नहीं होते क्योंकि सामान्य लोगों के आवासों, जो अब अस्तित्व में प्राप्त नहीं हुए हैं -
• क्षेत्र सर्वेक्षण इंगित करते हैं कि इस पूरे क्षेत्र में बहुत से पूजा स्थल और छोटे मंदिर थे जो विविध प्रकार के संप्रदायों के प्रचलन की ओर संकेत करते हैं।
• विजयनगर साम्राज्य में साधारण लोग विभिन्न सम्प्रदायों जैसे हिन्दू शैव, वैष्णों, जैन, बौद्ध और इस्लाम के अनुयायी रहते थे। वह विभिन्न भाषाओं जैसे कन्नड़, तमिल, तेलगू, संस्कृत आदि का प्रयोग करते थे।
• सामान्य लोगों में कुछ छोटे व्यापारी और कुछ सौदागर भी थे जो गांवों, कस्बों और छोटे शहरों में रहते थे। इनमें कुछ व्यापारी बंदरगाह शहरों में भी रहते थे। स्थानीय वस्तुओं जैसे मसाले, मोती, चंदन आदि के साथ-साथ कुछ व्यापारी घोड़े और हाथियों का व्यापार भी करते थे।
• किसान, श्रमिक, दास आदि को भी साधारण लोगों में शामिल किया जा सकता था। साम्राज्य में कुछ सामान्य ब्राह्मण, व्यापारी और दास, दासियाँ भी थे। साधारण लोग कृषि कार्यों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के तथाकथित छोटे समझे जाने वाले कार्य भी किया करते थे।
प्र-9 विजय नगर साम्राज्य के उत्थान में अमरनायक प्रणाली के महत्त्व का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर- इस सैनिक प्रणाली का विजयनगर साम्राज्य के उत्थान में महत्त्वपूर्ण योगदान था
जिसका मूल्यांकन निम्नलिखित बिन्दुओं में दिखाया गया है -
1. अमर नायक प्रणाली विजयनगर साम्राज्य की एक प्रमुख राजनीतिक खोज थी। ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रणाली के कई तत्त्व दिल्ली सल्तनत की इक्ता प्रणाली से लिए गए थे।
2. अमर नायक सैनिक कमांडर थे जिन्हें राय द्वारा प्रशासन के लिए राज्य क्षेत्र दिये जाते थे।
3. वे किसानों, शिल्पकर्मियों तथा व्यापारियों से भू-राजस्व तथा अन्य कर वसूल करते थे।
4. राजस्व का कुछ भाग मंदिरों तथा सिंचाई के साधनों के रख रखाव के लिए भी खर्च किया जाता था।
5. अमर नायकों के दल आवश्यकता के समय विजयनगर के शासकों को भी एक प्रभावी सैनिक सहायता प्रदान करते थे।
6. अमर नायक राजस्व का कुछ भाग व्यक्तिगत उपयोग तथा घोड़ों और हाथियों के निर्धारित दल के रख-रखाव के लिए अपने पास रख लेते थे।
7. ये दल विजयनगर शासकों को एक प्रभावी सैनिक शक्ति प्रदान करने में सहायक होते थे जिसकी मदद से उन्होंने पूरे दक्षिणी प्रायद्वीप को अपने नियंत्रण में किया।
8. अमर नायक राजा को वर्ष में एक बार भेंट भेजा करते थे और अपनी स्वामिभक्ति प्रकट करने के लिए राजकीय दरबार में उपहारों के साथ स्वयं उपस्थित हुआ करते थे।
9. ये अमर नायक राजा के नियंत्रण में रहते थे राजा कभी-कभी उन्हें एक से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर उन पर अपना नियंत्रण दर्शाते थे।
10. 17वीं शताब्दी में इनमें से कई नायकों ने अपने स्वतंत्र राज्य स्थापित कर लिए।
अनुच्छेद आधारित प्रश्न-
प्र-10 कॉलिन मैकेंजी
उत्तर-1754 ई. में जन्में कॉलिन मैकेंजी एक अभियंता, सर्वेक्षक तथा मानचित्रकार के रूप में प्रसिद्धि हासिल की । 1815 में उन्हे भारत का पहला सर्वेयर जनरल बनाया गया और 1821 मे उनकी मृत्यु तक वे इस पद पर बने रहे । भारत के अतीत को बेहतर ढंग से समझने के लिए और उपनिवेश के प्रशासन को आसान बनाने के लिए उन्होंने इतिहास से संबंधित स्थानीय परंपराओं का संकलन तथा ऐतिहासिक स्थलों का सर्वेक्षण करना आरंभ किया । वे कहते है ब्रिटिश प्रशासन के सुप्रभाव में आने से पहले दक्षिण भारत खराब प्रबंधन की दुर्गति से लंबे समय तक जुझता रहा । विजयनगर के अध्ययन से मैकेंजी को यह विश्वास हो गया कि कंपनी स्थानीय लोगों के अलग अलग कबीलों जो इस समय भी जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा थे, को अब भी प्रभावित करने वाले इनमें से कई संस्थाओं, कानूनो तथा रीति रिवाजो के विषय में बहुत महत्वपूर्ण जानकारियाँ हासिल कर सकते थे ।
(क) कॉलिन मैकेंजी कौन था ? (2)
उत्तर- कॉलिन मैकेंजी इस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे । 1754 मे कॉलिन मैकेंजी का जन्म हुआ था। कॉलिन मैकेंजी एक अभियंता, सर्वेक्षक तथा मानचित्रकार के रूप में प्रसिद्धि हासिल की।
(ख) कॉलिन मैकेंजी नें किस प्राचीन शहर की खोज की? (1)
उत्तर- हंपी
(ग) उन्होने सर्वेक्षण क्यों प्रारंभ किया ? (2)
उत्तर- भारत के अतीत को बेहतर ढंग से समझने के लिए और उपनिवेश के प्रशासन को आसान बनाने के लिए उन्होंने इतिहास से संबंधित स्थानीय परंपराओं का संकलन तथा ऐतिहासिक स्थलों का सर्वेक्षण करना आरंभ किया
(घ) कॉलिन मैकेंजी ने अपना कार्य किन चरणों में पूरा किया ? (3)
उत्तर- सर्वप्रथम उन्होने मानचित्र तैयार किए विरूपाक्ष मंदिर एवं पंपादेवी के पुजारियों से जानकारियाँ इकटठी की । उन्होंने स्थानीय परंपराओं कानूनो तथा रीति रिवाजो के विषय में बहुत महत्वपूर्ण जानकारियाँ हासिल की।
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 12 भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग I - II - III
- 1. ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ
- 2. राजा, किसान और नगर आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ
- 3. बंधुत्व, जाति तथा वर्ग आरंभिक समाज
- 4. विचारक, विश्वास और इमारतें सांस्वृफतिक विकास
- 5. यात्रियों के नजरिये समाज के बारे में उनकी समझ
- 6. भक्ति-सूफी परंपराएँ धार्मिक विश्वासों में बदलाव और श्रद्धा ग्रंथ
- 8. किसान, जमींदार और राज्य कृषि समाज और मुगल साम्राज्य
- 9. शासक और इतिवृत्त
- 10. उपनिवेशवाद और देहात (सरकारी अभिलेखों का अध्ययन)
- 11. विद्रोही और राज
- 12. औपनिवेशिक शहर
- 13. महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आंदोलन सविनय अवज्ञा और उससे आगे
- 14. विभाजन को समझना (राजनीति, स्मृति, अनुभव)
- 15. संविधान का निर्माण एक नए युग की शुरुआत