NCERT Solutions class 12 भूगोल Chapter 7 - खनिज तथा ऊर्जा संसाधन
NCERT Solutions Class 12 भूगोल 12 वीं कक्षा से Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन के महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए।
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CBSE Class 12 Geography
Important Questions
(भाग 2)
पाठ-7
खनिज तथा ऊर्जा संसाधन
संक्षेप में उत्तर दें:-
प्र-1भारत में कौन से दो मुख्य प्रकार में लोह अयस्क पाए जाते हैं ?
उत्तर- हेमेटाइट तथा मैग्नेटाइट
प्र-2 भारत में कौन सा राज्य मैंगनीज का अग्रणी उत्पादक हैं ?
उत्तर- उड़ीसा मैंगनीज का सबसे अग्रणी उत्पादक है ।
प्र-3 अधात्विक खनिज में अकार्बनिक उत्पत्ति के दो उदाहरण दीजिए ?
उत्तर- अभ्रक, चूना पत्थर, ग्रेफाइट ।
प्र-4 भारत में कौन से दो प्रकार के तेल शोधन कारखाने है ?
उत्तर- क्षेत्र आधारित (डिगबोई, असम) बाजार आधारित (बरौनी, बिहार)
प्र- 5 हजिरा - विजयपुर - जगदीशपुर पाईपलाइन को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर- एच. वी. जे. पाईपलाइन ।
प्र-6 भारत में एशिया का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा संयन्त्र कहाँ स्थित है ?
उत्तर- गुजरात के कच्छ में लाम्बा में।
प्र-7 भारत में पवन ऊर्जा संयन्त्र तमिनाडु में कहाँ स्थित है ?
उत्तर-तुतिकोरिन में।
प्र-8 कोयला मुख्यत: किन दो भूगार्भिक कालों की शैलक्रमों में पाया जाता है ?
उत्तर- गोंडवाना तथा टर्शियरी निक्षेपों में ।
प्र-9 भारत में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना कब हुई ?
उत्तर-1956 में।
प्र-10 गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड का स्थापना कब हुई ?
उत्तर-1984 में।
प्र-11 भारत में सबसे अधिक तेल शोधन कारखाने किस राज्य में स्थित है ?
उत्तर-असम में।
प्र-12 युरेनियम निक्षेप किस शैल समूह में पाए जाते हैं ?
उत्तर- धारवाड़ शैल समूह ।
प्र-13 थोरियम मुख्यत: किस राज्य में पाया जाता है ?
उत्तर- केरल
प्र-14 भारत में भूपातीय ऊर्जा संयन्त्र कहाँ स्थापित किया गया है ?
उत्तर- मनीकरण (हिमाचल प्रदेश) में ।
प्र-15 मुम्बई हाई की खोज कब की गई ?
उत्तर- 1973 में।
प्र-16 खनिज किसे कहते हैं ?
उत्तर- एक खनिज निश्चित रासायनिक एवं भौतिक गुण धर्मों के साथ कार्बनिक अकार्बनिक उत्पत्ति का एक प्राकृतिक पदार्थ है ।
प्र-17 अधात्विक खनिज किन्हें कहते है ? उदाहरण दो।
उत्तर- अधात्विक खनिज कार्बनिक उत्पत्ति के होते हैं, जिन्हें जीवाश्य ईंधन भी कहते हैं। ये पृथ्वी में दबे प्राणी व पादप जीवों से प्राप्त होते हैं जैसे कोयला, पेट्रोलियम आदि ।
लघु प्रश्नोत्तर
प्र-1 तांबे के दो लाभ बताइए । भारत के चार मुख्य ताँबा खनन क्षेत्रों का उल्लेख करो । (बोर्ड परीक्षा - 2013)
उत्तर- तांबे के लाभ
1. बिजली की मोटरें, ट्रांसफार्मर, जेनेरेटर्स आदि के बनाने तथा विद्युत उद्योग के लिए ताँबा अपरिहार्य धातु है ।
2. यह एक मिश्रातु योग्य, आधतवध्य तथा तन्य धातु है ।
3. आभूषणों को मजबूती प्रदान करने के लिए इसे सोने के साथ मिलाया जाता है।
खनन क्षेत्र
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•झारखण्ड का सिंहभूम जिला,
• मध्यप्रदेश के बालाधार,
•कर्नाटक के चित्रदुर्ग,
•राजस्थान के झुंझुनु, अलवर व खेतड़ी जिले ।
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प्र-2 मैंगनीज के दो लाभ बताओं तथा चार उत्पादक राज्यों का उल्लेख करो । (बोर्ड परीक्षा - 2013)
उत्तर- लाभ:- 1. लौह अयस्क के प्रगलन के लिए महत्वपूर्ण कच्चा माल है ।
2. इसका उपयोग लौह मिश्र धातु तथा विनिर्माण में भी किया जाता है।
खनन क्षेत्र:- उड़ीसा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश व झारखण्ड ।
प्र-3 भारत में किन्हीं दो खनन नगरों के नाम बताइए । (बोर्ड परीक्षा - 2013)
उत्तर- रानीगंज, झरिया, डिगबोई, बोकारों, सिंगरौली।
प्र-4ऊर्जा ससाधनों की आवश्यकता किन क्षेत्रों में होती है ?
उत्तर- ऊर्जा उत्पादन के लिए खनिज ईंधन अनिवार्य है और इसकी आवश्यकता कृषि, उद्योग, परिवहन तथा अर्थव्यवस्था के अन्य खण्डों में होती है।
प्र-5 किस खनिज ईंधन को तरल सोना कहा जाता है और क्यों?
उत्तर- अपनी दुर्लभता तथा विविध उपयोगों के कारण पेट्रोलियम को तरल सोना कहा जाता है।
प्र-6 'मुम्बई हाई' और 'सागर सम्राट' से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- खम्बात की खाड़ी के निकट अरब सागर में खनिज तेल के भण्डार प्राप्त हुए हैं। सागर तट से दूर ‘बाम्बे हाई' नामक तेल क्षेत्र में सागर सम्राट' नामक जहाज़ से खुदाई से 1974 में तेल प्राप्त हुआ। भारत में यह पहला तेल क्षेत्र है जिसका समुद्र में विकास हुआ
। यह क्षेत्र भारत में सबसे अधिक तेल उत्पन्न करता है।
प्र-7 भूतापीय ऊर्जा किसे कहते है ? इसका क्या महत्व है ?
उत्तर- जब पृथ्वी में गर्म से मैग्मा निकलता है तो अत्याधिक उष्मा नियुक्त होती है। इसे भूतापीय ऊर्जा कहते हैं । इसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है । इसके अतिरिक्त गीज़र कूपों से निकलने गर्म पानी से ताप ऊर्जा पैदा की जा सकती है। जैसे भारत में हिमाचल प्रदेश के मनीकरण में भूतापीय ऊर्जा संयंत्र अधिकृत किया जा चुका है।
प्र-8 जैव - ऊर्जा क्या है ? इसका क्या महत्व है?
उत्तर- जैव - ऊर्जा उस उर्जा को कहा जाता है जिसे जैविक उत्पादों से प्राप्त किया जाता है जिसमें कृषि अवशेष, नगरपालिक औद्योगिक तथा अन्य अपशिष्ट शामिल होते हैं । जैव - ऊर्जा का एक संभावित स्त्रोत है । इसे विद्युत - ऊर्जा, ताप - ऊर्जा या खाना पकाने के लिए गैस में परिवर्तित किया जा सकता है । यह कूड़ा - कचरा प्रक्रमित करके ऊर्जा उत्पादन करेगा जिससे प्रदूषण भी कम होगा। यह पर्यावरण प्रदूषण को घटाएगा, तथा जलाऊ लकड़ी पर दबाव कम करेगा । जैसे नई दिल्ली के ओखला क्षेत्र में नगरपालिका कचरे को ऊर्जा में बदलने की परियोजना है।
प्र-9 पवन-ऊर्जा पर संक्षिप्त टिप्पणी दो।
उत्तर- पवन - ऊर्जा प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का असमाप्य स्त्रोत है । पवन की गतिज ऊर्जा को टरबाइन के माध्यम से विद्युत - ऊर्जा में बदला जाता है। संभार्गी पवनों व पछुआ पवनों जैसों स्थायी पवन प्रणालियाँ तथा मानसून पवनों को ऊर्जा के स्त्रोत के रूप में प्रयोग किया जा सकता है । भारत में पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं। गुजरात के कच्छ में लाम्बा का पवन ऊर्जा संयंत्र एशिया का सबसे बड़ा संयंत्र है। तमिलनाडू के तूतिकोरिन में भी पवन ऊर्जा का एक अन्य संयंत्र है।
प्र- 10 भारत में खनिजों के अन्वेषण में संलग्न छः अधिकरणों के नाम बताओ।
उत्तर- 1. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GST)
2. तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC)
3. खनिज अन्वेषण निगम लि. (MECL)
4. राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC)
5. इण्डियन ब्यूरो ऑफ मांइस (IBM)
6. भारत गोल्ड मांइस लि. (BGML)
7. राष्ट्रीय एल्यूमिनियम क. लि. (NALCO)
प्र- 11 भारत में पाए जाने वाले खनिजों की तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए ?
उत्तर- भारत में पाए जाने वाले खनिजों की विशेषताए:-
1. खनिज, क्षेत्र में असमान रूप में वितरित होते हैं।
2. अधिक गुणवत्ता वाले खनिज कम गुणवत्ता वाले खनिजों की तुलना में कम मात्रा में पाए जाते है ।
3. सभी खनिज समय के साथ समाप्त हो जाते है । भूगार्भिक दृष्टि से इन्हे बनने में लम्बा समय लगता है और आवश्यकता के समय इनका तुरन्त पुनर्भरण नहीं किया जा सकता है।
प्र-12 भारत का कौन सा राज्य मैगनीज का अग्रणी उत्पादक है ? उस राज्य की चार मैंगनीज की खदानों के नाम बताइए?
उत्तर- 1. उड़ीस मैगनीज का अग्रणी उत्पादक है।
2. मुख्य खदानें, बोनाई, केन्दुझार, सुन्दरगढ़, गंगपुर, कोरापुर, कालाहांडी तथा बोलनगिर ।
प्र-13. रासायनिक व पैट्रोरासायनिक विभाग के प्रशासनिक नियन्त्रण में कार्य कर रही तीन संस्थाओं का वर्णन कीजिए ?
उत्तर- 1. भारतीय पैट्रोरासायनिक कार्पोरेशन लिमिटेड सार्वजनिक क्षेत्र में है । यह विभिन्न प्रकार के पैट्रो - रसायनों जैस पॉलीमार, रेशों और देशों से बने संक्रियक (Intermediate) का निर्माण और वितरण करता है।
2. पैट्रोफिल्स कोऑपरेटिव लिमिटेड - यह भारत सरकार एवं बुनकरों की सहकारी संस्थाओं का संयुक्त प्रयास है । यह पॉलिस्टर तन्तु, सूत और नाइलोन चिप्स का उत्पादन गुजरात स्थित बड़ोदरा एवं नलधारी संयंत्रों में करता है ।
3. सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एडं टैक्नोलॉजी जो पैट्रोकेमिकल उद्योग में प्रशिक्षण प्रदान करता है।
प्र-14 भारत में भूगर्भिक कालों की दृष्टि से कायले के कौन से दो निक्षेप समूह है ? गोंडवाना कोयला क्षेत्र के चार प्रमुख क्षेत्रों का वर्णन कीजिए?
उत्तर- भारत के भूगार्भिक कालों की दृष्टि से कोयले के दो निक्षेप समूह है।
1. गोडवाना समूह
2. टर्शियरी समूह
गोंडवाना कोयला क्षेत्र:-
1. दामोदर नदी घाटी कोयला क्षेत्र: - ये झारखंड - पं. बंगाल पट्टी में स्थित है । इस प्रदेश के महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र रानीगंज, झरीया, बोकारो, गीरिडीह तथा करनपुरा है । झरिया सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है, रानीगंज दूसरा सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है ।
2. मध्य प्रदेश में सिंगरौली व छत्तीसगढ़ में कोरबा कोयला क्षेत्र ।
3. गोदावरी, महानदी तथा सोन नदी क्षेत्र ।
4. उड़ीसा में तलचर तथा रामपुर महाराष्ट्र में चांदा - वर्धा काम्पटी और बांदेर तथा आन्ध्रप्रदेश में सिंगरेनी व पांडुरा
प्र-15 भारत में खनिज की तीन प्रमुख विस्तृत पट्टियों का वर्णन कीजिए ?
उत्तर- भारत में खनिज मुख्यत: तीन विस्तृत पट्टियों में है ।
(1) उत्तर पूर्वी पठार:- इसके अन्तर्गत छोटा नागपूर पठार, उड़ीसा पठार, पंबंगाल तथा छत्तीसगढ़ के कुछ भाग सम्मिलित है । यहाँ पर विभिन्न प्रकार के खनिज उपलब्ध है । जैसे लोह, अयस्क, कोयला, मैंगनीज, बाक्साइ व अभ्रक इत्यादि ।
(2) दक्षिण पश्चिम पठार:- यह पट्टी कर्नाटक, गोआ, तमिलनाड की उच्च भूमि और केरल में विस्तृत है । यह पट्टी लोह धातुओं तथा बॉक्साइट में समृद्ध है । इसमें उच्च कोटि का लोह अयस्क मैंगनीज तथा चूना पत्थर भी पाया जाता है । नेवेली में लिंगनाईट कोयले को छोड़कर इस क्षेत्र में कोयला निक्षेपों का आभाव है।
(3) उत्तर पश्चिमी पठार:- यह पट्टी राजस्थान में अरावली और गुजरात के कुछ भाग पर विस्तृत है । यहाँ खनिज धारवाड़ क्रम की शैलों में पाये जाते है । तांबा, जिंक आदि प्रमुख खनिज है। राजस्थान, बलुआ पत्थर, ग्रेनाईट, संगमरमर, जिप्सम आदि खनिजों में धनी है । गुजरात में पैट्रोलियम के निक्षेप है।
प्र-16 नाभिकीय ऊर्जा क्या है ? भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखे ?
उत्तर- परमाणु पदार्थों से उत्पन्न की जाने वाली ऊर्जा को नाभिकीय ऊर्जा कहते है। नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले महत्वपूर्ण खनिज यूरेनियम तथा थोरियम है। भारत के महत्वपूर्ण नाभिकीय ऊर्जा केन्द्र तारापुर (महाराष्ट्र), रावतभाटा (राजस्थान) कलपक्कम (तमिलनाडु), नरोरा (उत्तर प्रदेश), कैगा (कर्नाटक) तथा काकरापाड़ा (गुजरात) है ।
प्र-17 भारत में सौर ऊर्जा भविष्य उज्जवल है कारण बताइए?
उत्तर- सौर ऊर्जा ,ऊर्जा का गैर - परम्परागत स्त्रोत है यह ऊर्जा का असामान्य संसाधन है । भारत में ऊर्जा क परम्परागत संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है । ऊर्जा की पूर्ती के लिए यह एक महत्वपूर्ण विकल्प है। भारत का लगभग आधा भाग उष्णकटिबन्ध में स्थित है । जहाँ वर्ष भर सौर विकिरण प्राप्त होता है। भारत के पश्चिमी भागों गुजरात व राजस्थान में सौर ऊर्जा के विकास की अधिक संभावनाएं है ।
विस्तृत प्रश्नोत्तर
प्र-1 भारत में अपरम्परागत ऊर्जा के पांच स्त्रोंतो के नाम बताइए । और प्रत्येक स्त्रोत का एक संभावित क्षेत्र भी बताए ?
उत्तर- 1. सौर ऊर्जा
2. पवन ऊर्जा,
3. ज्वारीय ऊर्जा,
1. भूतापीय ऊर्जा,
5. जैव - ऊर्जा
प्रत्येक श्रोत का एक संभावित क्षेत्र
1. सौर ऊर्जा: - भारत में पश्चिमी भागों गुजरात व राजस्थान में सौर ऊर्जा के विकास की अधिक संभावनाएं हैं ।
2. पवन ऊर्जा: - इसके लिए रास्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियां हैं।
3. ज्वारीय ऊर्जा:- भारत में पश्चिमी तट के साथ ज्वारीय ऊर्जा विकसित होने की व्यापक संभावनाएं हैं।
4. भू - तापीय ऊर्जा:- भू - तापीय ऊर्जा के लिए हिमाचल प्रदेश में विकसित होने की व्यापक संभावनाएं हैं।
5. जैव-ऊर्जा: - ग्रामीण क्षेत्रों में जैव ऊर्जा विकसित होने की व्यापक संभावनाएं हैं।
प्र-2 भारत में ऑयल इंडिया लिमिटेड के कार्य बताइए |
उत्तर- भारत में ऑयल इंडिया लिमिटेड कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, उत्पादन और परिवहन कार्य करती है।
भारत की चार पाई लाइनें
1. असम के नहर कटिया क्षेत्र से बरोनी होती हुई कानपुर तक
2. हजीरा - विजयपुर - जगदीशपुर (गुजरात तट के उ. प्र. तक)
3. सलाया (गुजरात) से मथुरा (उ. प्र.) तक
4. नुमालीगढ़ से सिलीगुड़ी तक
प्र-3 भारत में खनिजों का संरक्षण क्यों आवश्यक है ? हम उनका संरक्षण किस प्रकार कर सकते हैं।
उत्तर- खनिज समय के साथ समाप्त हो जाते हैं । भूगर्मिक दृष्टि से इन्हें बनने के लम्बा समय लगता है और आवश्यकता के समय तुरन्त इनका पूर्नभरण नहीं किया जा सकता । इसलिए सत्त पोषणीय विकास तथा आर्थिक विकास के लिए खनिजों का संरक्षण करना आवश्यक हो जाता है।
संरक्षण की विधियाँ:-
1. इसके लिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोंतो जैसे सौर ऊर्जा, पवन, तरंग, भूतापीय आदि ऊर्जा के असमाप्य स्त्रोंतो का प्रयोग करना चाहिए।
2. धात्विक खनिजों में, छाजन धातुओं के उपयोग तथा धातुओं के धुर्नचक्रण पर बल देना होगा।
3. अत्यल्प खनिजों के लिए प्रति स्थापनों का उपयोग भी खनिजों के संरक्षण में सहायक है।
4. सामरिक व अति अल्प खनिजों के निर्यात को भी घटाना चाहिए ।
5. सबसे उचित तरीका है खनिजों का सूझ - बूझ से तथा मितव्यतता से प्रयोग करना ताकि वर्तमान आरक्षित भण्डारों का लंबे समय तक प्रयोग किया जा सके।
THINGS TO REMEMBER
मानचित कार्य
प्र- भारत के मानचित्र में दिखाओं -
1. महत्वपूर्ण नाभिकीय परियोजनाएँ
1) तारापुर (महाराष्ट्र)
2) रावतभाटा (राजस्थान)
3) कलपक्कम (तमिलनाडू)
4) नरोरा (उत्तर प्रदेश)
S) कैगा (कर्नाटक)
6) काकरापाड़ा (गुजरात)
2. महत्वपूर्ण तेल परिष्करशालाएँ
जामनगर , बरौनी , हल्दिया , पानीपत , तातीपाका , बीना , भटिंडा
एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 12 भारत लोग और अर्थव्यवस्था (भूगोल)