NCERT Solutions class 12 Core hindi आरोह Chapter 10 - उमाशंकर जोशी

NCERT Solutions class 12 Core hindi आरोह Chapter 10 - उमाशंकर जोशी

NCERT Solutions Class 12 Core Hindi Aroh 12 वीं कक्षा से Chapter 10 उमाशंकर जोशी के महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। 

हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी आरोह के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions class 12 Core hindi आरोह Chapter 10 - उमाशंकर जोशी


CBSE CLASS 12 हिंदी कोर 

NCERT SOLUTION

आरोहपाठ-10 उमाशंकर जोशी

1.छोटे चौकोने खेत को कागज़ का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है?

उत्तर:- कवि अपने कवि - कर्म को किसान के कृषि कर्म जैसा ही बताता है। कवि कहते हैं कि मैं भी एक प्रकार का किसान हूँ। किसान के खेत के समान उसके पास चौकोर कागज का पन्ना है। जैसे किसान जमीन पर बीज, खाद,जल डालता है उसीप्रकार मैं कागज़ पर शब्द,भाव बोता हूँ।उसके बाद अनाज,फल -फूल की तरह कविता पुष्पित पल्लवित होती है,इसप्रकार कवि काव्य-रचना रूपी खेती के लिए कागज़ के पन्ने को अपना चौकोना खेत कहते हैं।

2. रचना के संदर्भ में अंधड़ और बीज क्या हैं?

उत्तर:- रचना के संदर्भ में अँधड़ का आशय भावनात्मक आँधी से है जो किसी के मन में अचानक किसी वस्तु,व्यक्ति,भाव,स्थिति को देखकर उत्पन्न होती है जैसे क्रौंच पक्षी के करूण विलाप को सुनकर वाल्मीकि के मन में काव्य उत्पन्न हुआ। बीज का आशय उस रचना, विचार और अभिव्यक्ति से है,जब कोई विषय कवि के मन को कुरेदता हैऔर वह अभिव्यक्ति के लिए व्याकुल हो उठता है।

3. रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है?

उत्तर:- कवि ने रचनाकर्म अर्थात् कविता को रस को अक्षयपात्र कहा है। काव्य का आनंद दिव्य व कालजयी होता है। कविता में निहित सौंदर्य, रस और भाव न तो कम होता है, न नष्ट होता है।ये हमेशा मीठे सोते की तरह तृप्ति, सुख एवं आनन्द प्रदान करता है।

4.1 व्याख्या करें.

शब्द के अंकुर फूटे,

पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष।

उत्तर:- 'छोटा मेरा खेत' में खेती के रूपक द्वारा काव्य-रचना प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया है। जिस प्रकार धरती में बीज बोया जाता है और वह बीज विभिन्न रसायनों - हवा, पानी, आदि को पीकर तथा विभिन्न चरणों से गुजरकर बड़ा होता है उसी प्रकार जब कवि को किसी भाव का बीज मिलता है तब कवि उसे आत्मसात करता है। उसके बाद बीज में से शब्दरुपी अंकुर फूटते है। उसमे विशेष भावों के पत्ते और फूल पनपते हैं तत्पश्चात कविता का जन्म होता है।

4.2 रोपाई क्षण की,

कटाई अनंतता की

लुटते रहने से ज़रा भी नहीं कम होती।

उत्तर:- साहित्यिक कृति से जो अलौकिक रस-धारा फूटती है, उसमें निहित सौंदर्य, रस और भाव न तो कम होता है, न नष्ट होता है। उसका बीज तो क्षणभर में बोया जाता है किन्तु उस रोपाई परिणाम यह होता है कि यह रस-धारा अनंत काल तक चलने वाली कटाई के रूप में आनंद देता रहता है,जितना लोग उसका सुख उठाते है उतना ही यह बढ़ता है।

5. शब्दों के माध्यम से जब कवि दृश्यों, चित्रों, ध्वनि-योजना अथवा रूप-रस-गंध को हमारे ऐन्द्रिक अनुभवों में साकार कर देता है तो बिंब का निर्माण होता है। इस आधार पर प्रस्तुत कविता से बिंब की खोज करें।

उत्तर:- इन कविताओं में दृश्य (चाक्षुष) बिंब उकेरे गए हैं।
जैसे-
• छोटा मेरा खेत चौकोना
• कागज़ का एक पन्ना
• शब्द के अंकुर फूटे
• पल्लव-पुष्पों से नमित
•  झूमने लगे फल
• नभ में पाँती-बँधे बगुलों के पंख
.
6. जहाँ उपमेय में उपमान का आरोप हो, रूपक कहलाता है। इस कविता में से रूपक का चुनाव करें।

उत्तर:-. भावों रूपी आँधी
-विचार रूपी बीज
• पल्लव-पुष्पों से निमित हुआ विशेष
• कजराले बादलों की छाई नभ छाया
• तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया